जहां लखीमपुर में हुई थी हिंसा वहां बनेगा स्मारक-लिखेंगे जुल्म की गाथा

जहां लखीमपुर में हुई थी हिंसा वहां बनेगा स्मारक-लिखेंगे जुल्म की गाथा

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर दिन रविवार को जिस स्थान पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ हिंसा की वारदात हुई थी वहां पर दिल्ली सिख गुरद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की ओर से किसानों का स्मारक बनवाने का ऐलान किया गया है। यह घोषणा तिकुनिया में हुई अंतिम अरदास के दौरान की गई है। घोषणा के मुताबिक तिकुनिया में 4 किसानों और एक पत्रकार का स्मारक बनवाया जाएगा।

दिल्ली सिख गुरद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की ओर से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में उस स्थान पर जहां 3 अक्टूबर दिन रविवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एवं केंद्र के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के दौरे का विरोध कर रहे किसानों के साथ हिंसा की वारदात हुई थी, उसी स्थान पर किसानों का स्मारक बनवाने का ऐलान किया गया है। इस आशय की घोषणा दिल्ली सिख गुरद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की ओर से बीते दिन मंगलवार को तिकुनिया में हुई किसानों की अंतिम अरदास सभा में की गई है। कमेटी की ओर से ऐलान किया गया है कि तिकुनिया में 4 किसानों के साथ एक पत्रकार का भी स्मारक बनेगा।

नए कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से चलाए जा रहे किसान आंदोलन के 1 साल के भीतर यह तीसरा स्मारक होगा, जिसे बनवाने का ऐलान किया गया है। इससे पहले मेरठ और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का स्मारक बनवाने की घोषणा हो चुकी हैं। दिल्ली सिख गुरद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया है कि तिकुनिया में लगभग उसी स्थान पर शहीद स्मारक का निर्माण कराया जाएगा। जहां पर 4 किसानों व एक पत्रकार की शहादत हुई है। स्मारक बनवाने के लिए हमें करीब डेढ़ से 2 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी।

जमीन की पूर्ति के लिए हम आसपास के खेत के मालिकों से बातचीत करते हुए उनसे जमीन खरीदेंगे। स्मारक स्थल पर चारों किसानों व एक पत्रकार की प्रतिमा लगाई जाएगी। स्मारक पर जो पत्थर लगेंगे, उनके ऊपर यह पूरी घटना काले अक्षरों में दर्ज की जाएगी। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी दर पीढ़ी को यह बात याद रहे कि सरकार ने कैसे जुल्म ढाया है, लेकिन किसान सरकार के जुल्मों के आगे दबे नहीं है।

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