डरपोक सत्ता जब घबराती है,तो CBI, ED और IT जैसे तोतो से डराती है-रामगोविंद

डरपोक सत्ता जब घबराती है,तो CBI, ED और IT जैसे तोतो से डराती है-रामगोविंद

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चैधरी ने आयकर विभाग की ओर देश के दो मीडिया हाऊसों के ठिकानों पर की गई छापामार कार्यवाही को सच को दबाने की कोशिश बताते हुए कहा है कि सच की स्याही और आवाज से सरकारों के भ्रष्टाचार, कोरोना कुप्रबंधन, बदइंतजामी आक्सीजन की कमी से हुए नरसंहार, झूठे दावे, हवाहवाई घोषणाओं की पोल खोलने वाले मीडिया संस्थान भारत समाचार और उसके एडिटिंग एन्ड चीफ ब्रजेश मिश्र एवं स्टेट हेड वीरेंद्र सिंह के कार्यालयों तथा घरों एवं दैनिक भास्कर के ठिकानों पर देशव्यापी इनकम टैक्स के छापे निंदनीय है।

बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चैधरी ने कहा है कि समाचार एजेंसियों पर इस प्रकार के छापे लोकतांत्रिक ढांचे को बर्बाद कर देंगे। समाचार पत्र और एजेंसियां समाज की मुख्य कमियों को अपनी लेखनी के माध्यम से उजागर करते है तथा जन सरोकार की बातें उठाती है। जिससे सरकार सीख लेते हुए सुधार कार्य करती है, लेकिन वर्तमान सत्ता सत्य से डरने वाले लोगो की है और सरकारी तोतो जैसे सीबीआई, ईडी और आईटी के बल पर सत्ता में बने रहना चाहती है। आज की सरकारें लोकतांत्रिक ढांचों को चोट देने वाले तथा सत्य से मंुह फेरने वाले लोगांे की है। उन्होंने कहा है कि पूंजीपतियों की हितैषी सरकार जनहित के मुद्दों से अपना मंुह फेर चुकी है और जो कोई भी जनता की आवाज उठता है या लोगों तक सरकार के झूठ के खिलाफ उठने वाली आवाज केा पहुंचाने का प्रयास करता है उससे घबराकर वर्तमान सरकार उसे सत्ता के मद में अपनी कठपुतली मशीनरियों द्वारा तंग करने का काम करती है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चैधरी ने गुरुवार को जब लोकतंत्र के चैथे स्तंभ पर सरकारी मशीनरियों द्वारा डराने धमकाने और सत्य को उजागर न करने के उद्देश्य से छापे डाले गए तो उन्होंने इस पर गहरा अफसोस जाहिर किया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने आपात काल का भी समय देखा है उस आधार पर कह सकता हूं कि ऐसी निरंकुश और डरपोक सरकार देश में आजादी के बाद नही आई थी। इस सरकार का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में कोई विश्वास नही है। इसका विश्वास सिर्फ नागपुर में बैठे आकाओं और उनके देश विरोधी एजेंडे में है। उन्होंने साफ साफ कहा है कि मैं लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ की जुबान एवं लेखनी बंद कराने के उदेश्य से की गई इस छापेमारी की कार्यवाही की कड़े शब्दों में निन्दा करता हूं और सरकार को आगाह करना चाहता हूँ कि ऐसी कार्यवाहियों से ही समाज में क्रांति फूटती है और जब-जब क्रांति होती है तो उस काल मे राज सत्ता में बैठे लोग नेस्तनाबूत हुए है और आगे चलकर उनका कोई नाम भी लेने वाला नही होता है।

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