फिरोजाबाद जेल में पूरी हुई दिव्यांग बंदियों के मन की मुराद

फिरोजाबाद जेल में पूरी हुई दिव्यांग बंदियों के मन की मुराद
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फिरोजाबाद। जेल का जीवन भी एक अलग दुनिया से सम्पर्क कराता है। यहां पर बाहरी दुनिया के हाल-चाल से दूर होकर अपनी ही मस्ती में रमकर अपना जीवन चक्र आगे बढ़ाना पड़ता है, लेकिन राज्य में सरकार की प्राथमिकता में जेल बंदी सुधार आने के बाद बंदियों के कल्याण के लिए जेलों के द्वार खोल दिये गये हैं। पाबंदियों में बंधी इच्छाओं से दूर रहने वाली जिन्दगी में जब किसी के मन की मुराद पूरी हो तो यह शायद उसके लिए अहम ख्ुाशी बन जाती है।


जिला कारागार में अलग अलग आरोपों में बन्द चल रहे दिव्यांगों को कारागार पहुंची चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण के बाद दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए हरी झंडी दी। सार्वजनिक जीवन में भी किसी दिव्यांग के लिए यह प्रमाण पत्र पाना सपना सा रहता है, लेकिन जिन बंदियों को यह प्रमाण उपलब्ध कराने के लिए मेडिकल कराया गया, उन्होंने सोचा भी नहीं था कि जेल के जीवन में रहते हुए उनके मन की मुराद इस तरह भी पूरा हो सकती है। इसके लिए सभी ने जेल अधीक्षक जेलर की कार्यप्रणाली की सराहना की।


जिला कारागार फिरोजाबाद में दिव्यांग बंदियों के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए मेडीकल काॅलेज फिरोजाबाद से आयी चिकित्सकों की टीम द्वारा एक शिविर लगाया गया। जिसमें 08 दिव्यांग बंदियों के प्रमाण पत्र बनाये गये तथा उनको निःशुल्क रेल यात्रा पास भी बनाकर दिये गये। 06 दिव्यांग बंदियों के निःशुल्क बस यात्रा वाले पास हेतु आनलाइन आवेदन किया गया। टीबी से ग्रसित 03 बंदियों में से एक बंदी को उत्तर प्रदेश सरकार की योजना के अनुसार 500 रुपये प्रतिमाह पोषण भत्ता मिलना प्रारम्भ किया गया।

इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फिरोजाबाद के सचिव बटेश्वर कुमार द्वारा बंदियों को संविधान में वर्णित मौलिक कर्तव्यों को समझाकर उनका पालन करने हेतु एक संकल्प भी दिलाया गया। शब्दम् संस्था से आए दीपक ओहरी द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से नशा के विरुद्ध एक डाॅक्यूमेंट्री दिखाकर बंदियों को नशे से दूर रहने हेतु प्रोरित किया गया। संस्था के सदस्य मंजर उल बासे द्वारा अपने उदबोधन में पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डाला गया तथा बंदियों को पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रोत्साहित किया गया। उप जिला क्षय रोग अधिकारी डा. अशोक शर्मा द्वारा टीबी रोग के लक्षण तथा उनसे बचाव के विषय में बंदियों को समझाया गया। जिला दिव्यांग कल्याण कार्यालय से आए कनिष्ठ सहायक राजीव कुमार द्वारा दिव्यांगों से सम्बंधित सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गयी तथा बंदियों को भी उनका लाभ दिलवाने का आश्वासन दिया गया।


कारागार में आज लोक अदालत का आयोजन भी बटेश्वर कुमार की अध्यक्षता में किया गया। इसमें कुल 09 वादों का निस्तारण हुआ। नामित अधिवक्ता लियाकत अली द्वारा बंदियों की पैराकारी की गयी। दिव्यांगता वाले किशविर में डा. हिमांशु गुप्ता व डा. अनीस उपस्थित रहे तथा श्रीमती रजनी शर्मा का विशेष सहयोग रहा। अंत में कारागार अधीक्षक मौ. अकरम खान द्वारा सभी चिकित्सकों तथा समाज सेवी संस्थाओं के सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए निरन्तर बंदी सुधार एवं कल्याण का कार्य करने के अपने संकल्प को दोहराया गया। कार्यक्रम का संचालन कोमल फाउण्डेशन के अध्यक्ष अश्वनी राजौरिया द्वारा किया गया। इस अवसर पर जेल एलपी सिंह, उप जेलर संदीप भास्कर, करूणेश कुमारी, मुख्य हैड योगेन्द्र चैहान, वार्डर राजेन्द्र बाबू आदि उपस्थित रहे।

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