अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर गिरी गाज

अनियमितता बरतने वाले अधिकारियों पर गिरी गाज

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योेजना (मनरेगा) के तहत विभिन्न कार्यों में शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है।

यहां विकास भवन सभागार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अन्तर्गत कन्वर्जेन्स से जुड़े विभागों के कार्यो की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराये जाने के उददेश्य से मनरेगान्तर्गत लाइन डिपार्टमेंट को उनके दिये प्रस्ताव के तहत कार्य कराने थे जिसमें अप्रवासी श्रमिकों को प्राथमिकता से काम उपलब्ध कराया जाना था, परन्तु लाइन डिपार्टमेंट द्वारा दिये गये प्रस्तावों में अनेकों पर अब तक कार्य शुरू ही नहीं किया गया है। उन्होने नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि शासन की छवि धूमिल नही होने देंगे। सभी ऐसे विभाग जिन्होने कार्य प्रारम्भ नही कराये है सभी से कार्य वापस लेते हुये उनकी आईडी निरस्त की जाये। भूमि संरक्षण अधिकारी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग प्रथम झांसी, भूमि संरक्षण अधिकारी सिंचाई एवं जल संसाधन मोंठ इकाई तथा अधिशाषी अभिंयता निर्माण खण्ड-3 लोनिवि द्वारा विलम्ब से भुगतान करने पर वेतन से वसूली करने के निर्देश दिये।

मनरेगा अभिसरण के अन्तर्गत लाइन डिपार्टमेंट द्वारा दिये गये प्रस्ताव पर किये गये कार्यो की समीक्षा के दौरान सिंचाई विभाग को फटकारते हुये जिलाधिकारी ने कार्यो के अनारम्भ होने, प्रगति अपेक्षाकृत न होने व विलम्ब से भुगतान करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुये कहा कि अनेकों कार्यो के मास्टर रोल जारी नही किये गये है, तो काम कैसे कर सकेंगे? उन्होने अधिकारियो से कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक श्रमिक को काम मिले परन्तु आपकी शिथिल कार्य प्रणाली से यह सम्भव नही हो सका।

जिलाधिकारी ने ताकीद करते हुए कहा कि कार्यशैली में सुधार लायें अन्यथा कार्रवाई होगी। बैठक में लघु सिंचाई ने 88 कार्यो के सापेक्ष 46 कार्य प्रारम्भ किया और 42 अभी भी अनारम्भ है। इसके साथ ही मात्र 11 प्रतिशत मानव दिवस सृजित है। उन्होने तत्काल 42 कार्यो को वापस करने के निर्देश देते हुसे उक्त कार्यो की आईडी निरस्त करने के निर्देश दिये। डाल नहर, सपरार प्रखण्ड, सिंचाई निर्माण खण्ड-5 के द्वारा दिये प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए कहा कि अधिकारी व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य तेजी से कराये। किये जा रहे कार्यो में मानव दिवस का लक्ष्य भी अपूर्ण होने पर नाराजगी व्यक्त की और सुधार लाये जाने के निर्देश दिये।

लाइन डिपार्टमेंट के कार्यो की समीक्षा करते हुये जिलाधिकारी ने आईडब्ल्यूएमपी झांसी द्वारा 318 वित्तीय लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 43 कार्यो को प्रारम्भ करने व 275 कार्यो अनारम्भ कार्य पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और तत्काल अनारम्भ कार्य वापस लेते हुये आईडी निरस्त करने के निर्देश दिये। इसी क्रम में आईडब्ल्यूएमपी मोंठ के 79 वित्तीय लक्ष्य के सापेक्ष 3 कार्य प्रारम्भ तथा 56 कार्य अनारम्भ होन पर कार्य वापस लेने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि उक्त कार्यो को अन्य विभाग को दिया जाये जो अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित करें।

मनरेगा कन्वर्जेन्स की बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा 1196 बैंक खाते अशुद्व होने पर पैसों का लेने देने नही हो सका, श्रमिक के खातों में पैसा समय से नही पहुंचने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की, होने सबसे अधिक अशुद्व बैंक खाते लघु सिंचाई 192, पीडी पीडब्ल्यूडी झांसी 166, राष्ट्रीय जलागम मऊरानीपुर 136 सहित 17 विभागों के खाते शामिल है,उन्होने निर्देश दिये सभी खाते ठीक कराये जाये ताकि पैसों का लेनदेन समय से हो सकें।

बैठक में विलम्ब से भुगतान करने पर जिलाधिकारी ने भूमि संरक्षण अधिकारी, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग प्रथम के वेतन से 22071.75 रुपये की वसूली करने के निर्देश दिये। भूमि संरक्षण अधिकारी सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग मोंठ इकाई के वेतन से 3179 रुपये की वसूली तथा अधिशासी अभिंयता निर्माण खण्ड-3 लोनिवि झांसी के वेतन से 5309.33 रुपये की वसूली करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि उक्त कार्यवाही मनरेगा एक्ट के अन्तर्गत की गयी है, अतः समस्त लाइन डिपार्टमेंट यह सुनिश्चित कर लें कि यदि श्रमिको से कार्य कराया है तो उसकी मजदूरी उसे समय से दी जाये।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी शैलेष कुमार, उपायुक्त मनरेगा रामऔतार सिंह, अधिशासी अभिंयता पीडब्ल्यूडी बीएल सिंह, अधिशासी अभिंयता सुनील कुमार, अधिशासी अभिंयता वेतबा उमेश कुमार, वन निरीक्षक अमित शर्मा सहित लाइन डिपार्टमेंट के अधिकारी उपस्थित रहे।

वार्ता

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