सर्प देव मंदिरः यहां मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

सर्प देव मंदिरः यहां मिलती है कालसर्प दोष से मुक्ति

बागपत। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले मेें एक मंदिर स्थित है, जो अपनी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। सबसे बड़ी मान्यता यह है कि यहां पर कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस मंदिर को बमी वाले बाबा का मंदिर भी कहते हैं। उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से यहां लाखों के संख्या में श्रद्धालु आकर बाबा के दर्शन करते हैं और मनौती मांगते हैं।

बागपत जिले के डौलचा गांव के खेतों में स्थित इस मन्दिर को चकबंदी वाले देवता के नाम से भी जाना जाता है। इसी गांव के नाम पर इनको चकबंदी वाले देवता के नाम से जाना जाता है। समय के साथ-साथ गांव के लोग गांव छोड़कर चले गये और गांव विलुप्त हो गया। मन्दिर के पंडित नरेन्द्र ने बताया कि उनकी कई पीढ़िया इस मन्दिर की देखभाल करती आ रही है। अब यह सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है।

पंडित नरेन्द्र ने बताया कि मन्दिर सैंकड़ो वर्ष पुराना है। पहले यह साधारण था, लेकिन अब भक्तगणों ने इसको भव्य रूप दे दिया है। हर दीपावली और होली पर लाखों की संख्या में लोग बाबा के दर्शन करने के लिये आते है। इसके अलावा हर रविवार को भी यहां अच्छी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी जाती है। मन्दिर से जुड़ी कहानी के सम्बन्ध में पण्डित नरेन्द्र ने बताया कि प्राचीन समय की बात है। एक किसान अपने खेत में हल चला रहा था, तो खेत से सैंकड़ो की संख्या में सर्प निकले। उस समय सर्प देवता ने उस किसान से अपने लिये इस स्थान को छोड़ने का आग्रह किया। किसान ने भी सहर्ष सर्प देवता की बात मानते हुए खेत के उस हिस्से की जमीन सर्प देवता के लिये छोड़ दी। इसके बाद सर्प देवता अपने बिल में चले गये। इसी स्थान पर सर्प देवता को बमी वाले बाबा के नाम से पूजा जाता है। यह मंदिर बहुत ही चामत्कारिक माना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की प्रत्येक मनोकामना सर्प देवता पूर्ण करते हैं। काल सर्प दोष की मुक्ति के लिए भी यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है।

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