पुरकाजी चेयरमैन जहीर फारूकी ने जनसहयोग से रोशन किया शिक्षा का मन्दिर

पुरकाजी चेयरमैन जहीर फारूकी ने जनसहयोग से रोशन किया शिक्षा का मन्दिर

मुजफ्फरनगर। पिछले करीब दो दशक से जन सरोकार लेकर संघर्ष करते हुए आज पुरकाजी के प्रथम नागरिक बने जहीर फारूकी एडवोकेट की कार्यशैली के चलते विकास के पैमाने पर पिछड़ा उत्तर प्रदेश की भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह कस्बा मात्र छह माह के उनके कार्यकाल के दौरान ही जनपद में नम्बर वन बन गया। जहीर फारूकी जैसी शख्यियत रखते हैं, वैसा ही जनसमर्थन उनके साथ है। ये आज ही नहीं कई मौकों पर देखने को मिला है। आज फिर से उन्होंने कमाल का किरदार निभाते हुए पुरकाजी में सरकारी सहायता की बांट जोहते राजकीय इण्टर काॅलेज में मूलभूत सुविधाओं के लिए जब मांग के बावजूद भी विभागीय स्तर पर या प्रशासनिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाया गया तो चेयरमैन जहीर फारूकी ने जनसहयोग के सहारे शिक्षा के इस मन्दिर में शिक्षा का दिया रोशन कर प्रशंसनीय कार्य किया। आज शिक्षा विभाग में भी चेयरमैन के इस प्रयास की सराहना हो रही है। ज्यादा नहीं थोड़ा ही सही, लेकिन उन्होंने अव्यवस्थाओं के बीच एक व्यवस्था का रास्ता खोला है।

किसी शायर ने कहा कि ''मैं अकेला ही चला था जानिब ए मंजिल मगर, लोग जुड़ते गये और काफिला बन गया''जी हां! ऐसा ही काफिला आज जनपद मुजफ्फरनगर की नम्बर वन नगर पंचायत पुरकाजी में देखने को मिल रहा है, करीब छह माह पहले तक जो पुरकाजी कस्बा किसी भी पैमाने पर दूर की कौड़ी भी साबित नहीं हो पा रहा था, वो आज नम्बर वन का तमगा हासिल कर चुका है। ये उपलब्धि पुरकाजी नगर पंचायत के चेयरमैन जहीर फारूकी एडवोकेट द्वारा छह माह में कस्बे में चलायी गयी 'विकास मैट्रो' का नतीजा है। जहीर फारूकी लीक से हटकर काम करने में विश्वास रखते हैं और इसके लिए उनके फैसले के पीछे पूरा जनसैलाब उमड़ा नजर आता है, करीब 22 सालों से वो समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं। 12 सालों से वो जनसमस्याओं के निस्तारण को लेकर धरना, प्रदर्शन और आंदोलन में निरंतरता बनाये हुए हैं। करीब दो तीन साल से वो भारतीय किसान यूनियन के जिला सलाहकार के रूप में गरीबों, मजलूमों, किसानों और मजदूरों के हकों की लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं। पिछले दिनों जब उन्होंने पुरकाजी में ही विकलांगों के सर्टिफिकेट स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बनवाये जाने की व्यवस्था लागू करने की जिद लेकर पीएचसी पर धरना प्रदर्शन किया तो एक हुजूम उनके साथ था। इस प्रदर्शन पर उनके खिलाफ सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं के दबाव में जब पुलिस ने प्रशासन ने पुरकाजी थाने में एफआईआर दर्ज करायी जो ये ही लोग आरपार के संघर्ष के लिए मैदान में कूद पड़े, भाकियू ने भी प्रशासन को चेतावन दे दी थी, छेड़ा गया तो कुछ छोड़ा नहीं जायेगा। थानों में भुस भर दिया जायेगा। नतीजा ये हुआ कि प्रशासन को कदम पीछे हटाने पड़े। इतना ही नहीं चेयरमैन बनने के बाद किसानों को सुलभ आवागमन के लिए पुरानी इण्टरलाॅकिंग ईंटों और श्रमदान से पुलिया का निर्माण कराया। अब जनसहयोग से सबसे बड़ी समस्या को साधने का काम किया। उनकी आवाज पर दस मिनट में ढाई लाख रुपये की आर्थिक मदद तय हो गयी, इन्हीं कारणों से चेयरमैन जहीर फारूकी का व्यक्त्वि सबसे जुदा नजर आता है।

बता दें कि इस साल जिले में सबसे ज्यादा 400 एडमिशन के साथ शुरू होने वाला पुरकाजी का राजकीय इंटर कॉलिज फर्नीचर और शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई शुरू नही कर सका है। 400 बच्चो के भविष्य के लिए पुरकाजी चेयरमैन ने मोर्चा संभाला, पहले उन्होंने शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर सरकारी स्तर पर व्यवस्था कराने की मांग की। जिला प्रशासन को भी इससे अवगत कराया और समाधान का अनुरोध किया। आंदोलन किया, बेमियादी धरने की चेतावनी दी, लेकिन इसके बाद भी जब समाधान निकलना मुश्किल हो गया तो खुद आगे आये और जनता को अपने साथ जोड़ा। चेयरमैन जहीर फारूकी की शिकायत पर राजकीय इण्टर काॅलेज के हालात देखने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पुरकाजी नगर पंचायत के सभागार में पहुंचे। इन अफसरों ने फर्नीचर ना होने का रोना रोते हुए कम से कम 3 माह में फर्नीचर आने की बात कही और फर्नीचर के लिए जनता से सहयोग मांगा। पुरकाजी चेयरमैन ने तत्काल कस्बे के वरिष्ठ लोगों की मीटिंग बुलाकर कस्बे में शिक्षा के मन्दिर को रोशन करने के लिए सबसे सहयोग मांगा, चेयरमैन जहीर फारूकी ने खुद 51000 देकर सभी को इस महान यज्ञ में आहुति देने की अपील की। चेयरमेन की एक आवाज पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य डॉक्टर संदीप ने 25000, सुखपाल बेदी ने 21000, सचिन गोयल ने 21000, मनीष गोयल ने 15000, सादीराम ने 11000, उबैद ने 11000, जब्बार खान ने 11000, निर्दोष जैन ने 10000, कपिल मित्तल ने 10000, करीब 12 लोगों ने 51-51 सौ रुपये दिये। यहां तक कि नगर पंचायत पुरकाजी के सफाई कर्मचारी मेनपाल बाल्मीकि ने चेयरमैन की एक आवाज पर 5000 रुपये की सहयोग राशि इस यज्ञ में बतौर आहुति प्रदान की। इसके लिए सभी ने सफाई कर्मचारी की प्रशंसा की। इस दान में सभी बिरादिरयों के लोगों ने हिस्सेदारी कर ये साबित किया कि समाज एकजुट है और आपसी सद्भाव व भाईचारा से ही समस्याओं से निपटा जा सकता है। दस मिनट में ही चेयरमैन जहीफर फारूकी ने करीब ढाई लाख रुपये की सहायता राशि एकत्र करा ली। लोगों का जज्बा देखकर जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी चेयरमैन जहीर फारूकी की कार्यशैली प्रशंसा की और अपने वेतन से काॅलेज को एक अलमारी देने की पेशकश करते हुए यह भरोसा दिलाया कि शासन स्तर से काॅलेज को जल्द से जल्द सुविधाएं प्रदान कराने का प्रयास किया जायेगा। काॅलेज में फर्नीचर आने तक शिक्षा का कार्य नीचे दरी बिछाकर शुरू होगा ताकि बच्चों का भविष्य खराब न होने पाये। काॅलेज में सफाई व्यवस्था कराये जाने के लिए चेयरमैन जहीर फारूकी ने नगर पंचायत से व्यवस्था कराने और एक फ्रीजर देने की घोषणा की। कस्बा पुरकाजी के इतिहास में पहली बार जनसहयोग से काॅलेज प्रारम्भ हुआ। इसके लिए लोगों ने कहा कि ये सारा श्रेय चेयरमैन जहीर फारूकी को ही जाता है। यदि वो आज आगे बढ़कर लोगों को प्रेरित नहीं करते तो सरकारी सहायता की बांट जोहते हुए ये काॅलेज शुरू होने से पहले ही बन्द हो जाता।

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