सीएम आवास पर पहली बार हुआ सिखों का कीर्तन, मंत्री बलदेव को श्रेय

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लखनऊ। मुख्यमंत्री आवास, 5 के डी लखनऊ पर गुरु नानक देव के 550वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया। उ0प्र0 के सिखों में इसको लेकर भारी उत्साह रहा उत्तर प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहला मौका था जब किसी मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर सिखों के शब्द-गुरु गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में शाही दीवान सजाकर महान कीर्तन दरबार का आयोजन किया। इस आयोजन का पूरा क्रेडिट यूपी सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बलदेव ओलख को जाता है, रामपुर जिले की बिलासपुर विधानसभा सीट से विधायक बलदेव ओलख भाजपा के अकेले सिख विधायक और मंत्री है बलदेव ओलख का यह प्रयास सफल रहा जिस तरह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उपमुख्यमंत्री व मंत्रिमंडल सदस्यों सहित वीवीआईपी लोगो ने मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सजे दीवान की हाजिरी भरी व आशीर्वाद प्राप्त किया वो कार्यक्रम की सफलता खुद ही ब्यान क्र रहा है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर कहा "आज यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी का स्वागत करने का अवसर मिल रहा है। मेरा सौभाग्य है कि आज मुख्यमंत्री आवास में इस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। गुरु नानक देव जी से जो परंपरा शुरू हुई थी, वह सिर्फ सिख जाति के लिए नही, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए था। कोई भी ऐसा भारतीय नही है जो गुरु परंपरा का सम्मान नही करता है।"

उन्होंने कहा - "आज जब कीर्तन का प्रोग्राम आज हो रहा है तो मैं अपने आप को बहुत सौभाग्यशाली मान रहा हूँ। पूरी सरकार और समाज मिल कर योजना बनाएं कि गुरू नानक जी से जुड़े स्थलों को कैसे बड़े स्तर पर बढ़ा सकते हैं।"कीर्तन के बाद मुख्यमंत्री ने वहाँ पर आए देश के प्रसिद्ध संतों का सत्कार किया व बाद में उनके साथ पंगत में मंत्रिमंडल सहित बैठकर पवित्र लंगर भी छका। उत्तरप्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व का सिख समाज मुख्यमंत्री के इस उपराले व नेक कदम से कृतज्ञ हैं व बेहद उत्साहित हैं।


इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख समाज की गुरु-शिष्य परम्परा केवल सिखों के लिए ही नहीं, प्रत्येक भारतीय के लिए मायने रखती है। हर भारतीय सिख परम्परा के लिए सम्मान का भाव रखता है और इस परम्परा पर गौरव की अनुभूति करता है। इसलिए गुरु परम्परा से जुड़े पर्व और त्योहार सिख समाज तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि सभी भारतीयों को मिलकर इन्हें मनाना चाहिए। मुख्यमंत्री यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित साहिब गुरुनानक देव महाराज के 550 वें प्रकाश पर्व को समर्पित 'महान कीर्तन दरबार' में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कीर्तन दरबार में बैठकर कीर्तन भी सुना। उन्होंने कहा कि गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व की तैयारी के लिए निकली भव्य यात्रा का अपने आवास पर स्वागत करना तथा परम पवित्र गुरुग्रन्थ साहिब के सामने कीर्तन दरबार में सम्मिलित होना उनका सौभाग्य है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ दिनों पश्चात गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश पर्व का शुभारम्भ होगा। केन्द्र और राज्य सरकार इस कार्यक्रम के साथ जुड़ी है। गुरुनानक देवहम सभी के है। उनके द्वारा शुरू की गयी परम्परा के आशीर्वाद से ही वर्तमान में हम स्वतंत्र और प्रगतिशील हैं। यह कृतज्ञता ज्ञापित करने का अवसर है। हम सभी मिलकर इस आयोजन को यादगार बनाएंगे।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुनानक देव का संदेश पूरी मानवता के लिए है। उनके 550वें प्रकाशोत्सव को पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाना चाहिए। इस आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक कमेटी गठित की गयी है। सभी सरकारे इस आयोजन में सम्मिलित होंगी। राज्य सरकार इस आयोजन में पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि पंजाबी अकादमी तथा राज्य के पर्यटन, संस्कृति, सूचना और अन्य सम्बन्धित विभागों को आयोजन हेतु एक कार्यक्रम बनाकर, उसे लागू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में गुरुनानक देव से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों के विकास के लिए भी कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुनानक देव ने मानवता के कल्याण के लिए अनेक यात्राएं कीं। वृहत्तर भारत के अतिरिक्त उन्होंने अन्य देशों की यात्राएं की और अपनी आध्यात्मिक शक्ति से लोगों को 3 सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। गुरुनानक देव ने बाबर के अत्याचारो का डटकर विरोध किया और लोगों को उसके अत्याचारों के विरुद्ध संघर्ष के लिए प्रेरित किया।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भक्ति की शक्ति है, जो लोगो को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है तथा धर्म पर आंच आने पर सत्य के संधान हेतु प्रेरित करती है। उन्होंनें कहा कि यही सिख परम्परा भी है। गुरुनानक देव से प्रारम्भ हुई इस परम्परा में गुरु गोविन्द सिंह तक आकर शस्त्र और शास्त्र का अद्भुत समन्वय दिखता है। उन्होने कहा कि भक्ति, शक्ति, पुरुषार्थ तथा परिश्रम में प्रत्येक सिख अग्रणी रहता है। यह समाज अपने पुरुषार्थ औश्र परिश्रम से अपना स्थान बना रहा है। देश को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब की बड़ी भूमिका है। उत्तर प्रदेश में तराई क्षेत्र के विकास में सिख समाज का बड़ा योगदान है। सिख समाज की प्रगति और सफलता में गुरु कृपा का भी योगदान है।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सिख परम्परा का इतिहास पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए। सिख गुरुओं के संदेश से युवाओं को परिचित कराने के लिए गुरुनानक देव स्टडी सर्किल ने जो कार्यक्रम बनाया है राज्य सरकार उसमें पूरा सहयोग करेगी। उन्होनं कहा कि युवा पीढ़ी को यह जानकारी होनी चाहिए कि देश और धर्म इसलिए सुरक्षित है, क्योंकि गुरु परम्परा ने त्याग और बलिदान दिया है। इस कार्यक्रम को अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख तथा गुरुनानक देव स्टडी सर्किल के चीफ कोलोबोरेटर ब्रिजिंदर पाल सिंह नेे भी सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में पधारे सिख समुदाय के प्रमुख धर्म गुरुओं को 4 सम्मानित भी किया। सम्मानित धर्मगुरुओ में बाबा वचन सिंह, बांग्ला साहिब, बाबा तेजा सिंह, बाबा राजेन्द्र सिंह, बाबा अनूप सिंह, बाबा मोहन सिंह, बाबा दलजीत सिंह, बहन इन्दरजीत कौर खालसा, बाबा अजायब सिंह अभ्यासी, सरदार गुरुदास सिंह, बाबा निर्मल सिंह, बाबा तरसेम सिंह सम्मिलित थे। अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख ने मुख्यमंत्री को सरोपा भेंट किया। कार्यक्रम के दौरान गुरुनानक यात्रा-कानपुर से अयोध्या के प्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किया गया। 'महान कीर्तन दरबार' कार्यक्रम में भूपिंदर सिंह 'गुरदासपुरी' द्वारा कीर्तन प्रस्तुत किये गये। कार्यक्रम के समापन केे पश्चात् मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों और सिख समाज के प्रमुख संतों के साथ जमीन पर बैठकर लंगर में प्रसाद ग्रहण किया।


इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ0 दिनेश शर्मा, नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन, परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार सुखदर्शन बेदी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, संत समाज तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।







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