MLA एवं MLC अपनी ही सरकार के खिलाफ, संविदा नीति का खुलकर किया विरोध

MLA एवं MLC अपनी ही सरकार के खिलाफ, संविदा नीति का खुलकर किया विरोध

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समूह ख और ग की सरकारी नौकरियों के लिए नियमों में फेरबदल को लेकर बीजेपी की प्रदेश सरकार के अपने लोग ही प्रश्न खड़े करने लगे हैं। बलिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने संविदा पर नौकरी के फैसले को लेकर अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए है। यही नहीं उन्होंने कहा कि सदन के भीतर यह बिल आयेगा तो वह खुलकर इसका विरोध करेंगे। यूपी के बलिया के बैरिया में राजकीय पॉलिटेक्निक विद्यालय के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ने ये बात कही है।

बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हाईस्कूल, बीएड, टेट पास करने के बाद लोगों को फिर पांच साल के लिए संविदा की परीक्षा यह संवैधानिक नहीं है। सांसदों और विधायकों की भी परीक्षा होनी चाहिए कि उसके पास एमपी या एमएलए बनने की योग्यता है या नहीं। संविदा पर नौकरी रखने के विषय का विधायक ने खुलकर विरोध किया है। बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि कोई भी विचारधारा और सिद्धांत पहले अपने ऊपर लागू होना चाहिए।

इससे पूर्व यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बीजेपी के विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने पत्र लिखा था। उन्होंने समूह-ख और ग की नौकरियों में 5 साल की संविदा नीति पर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि ऐसा नहीं होना चाहिए।

पत्र में देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह नई संविदा नियमावली के लागू होने से सरकार और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचने की संभावना है। इस नीति को लेकर आम जनता, युवा वर्ग में बेहद नाराजगी दिख रही है। उन्होंने साफ कहा है कि इस मसले में वो युवाओं के साथ रहेंगे।

देवेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि नई प्रस्तावित सेवा नियमावली के आने से सरकारी सेवाओं में नियुक्त होने वाले नौजवानों का शोषण और कदाचार बढ़ेगा। नवनियुक्त कर्मचारी 5 वर्ष के लिए अधिकारियों के बंधुआ मजदूर हो जाएंगे और अधिकारी वर्ग नई सेवा नियमावली को तरह-तरह से शोषण करने का औजार बना सकती है।

आपको बता दें कि सरकारी नौकरियों में भर्ती को लेकर यूपी सरकार बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी की शुरुआत पांच वर्ष की संविदा यानी कॉन्ट्रैक्ट से होगी इस पर सरकार विचारत है अगर सरकार भर्ती प्रक्रिया में फेरबदल करने का निर्णय करती है तो सरकारी नौकरी की शुरुआत में पहले कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्तियां की जाएगी। पांच वर्ष के प्रोबेशन के बाद सरकारी नौकरी मिलेगी।

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