क्राउड मैनेजमेंट के गुरू एडीजी एस.एन. साबत ने काम से जीता दिल

क्राउड मैनेजमेंट के गुरू एडीजी एस.एन. साबत  ने काम से जीता दिल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों कई बड़े और ऐतिहासिक आयोजन हुए। इनमें डिफेंस एक्सपो ने यूपी में आर्थिक विकास के नये रास्तों को खोलने का काम किया, तो 20 साल के बाद यूपी की राजधानी में 23वें युवा महोत्सव की रंगीन महफिल सजी तो मानो उत्तर प्रदेश एक 'मिनी इंडिया' बन गया। ऐसे में इन आयोजनों के प्रति भारी जनाकर्षण होने के कारण एक बार फिर से 'क्राउड मैनेजमेंट' कानून व्यवस्था से भी बड़ी चुनौती बनकर उभरा। इस स्थिति को संभालने के लिए यूपी पुलिस में 'क्राउड मैनेजमेंट' के गुरू के रूप में प्रसिद्ध हो चुके लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) सत्य नारायण साबत मैदान में पूरी शिद्दत के साथ नजर आये। इन दोनों आयोजनों में उनके द्वारा जिस प्रकार की व्यवस्था को अंजाम दिया गया, वह कमाल की रही। शांति व्यवस्था के साथ ही सुरक्षा बंदोबस्त अभूतपूर्व रहे और अन्य संस्थाओं के साथ पुलिस का बेहतर समन्वय स्थापित किया गया। इसके लिए एडीजी सत्य नारायण साबत को केन्द्र सरकार के खेल मंत्रालय तथा हिन्दुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। कुल मिलाकर अपने काम से उन्होंने केन्द्र सरकार का भी दिल जीता तथा उनके काम और मैनेजमेंट की सराहना भी की गयी।


उत्तर प्रदेश में आईपीएस की लाइन में एडीजी लखनऊ जोन सत्य नारायण साबत अलग ही मुकाम रखते हैं। ये ऐसे अफसरों में शुमार हैं, जो हर मोर्चे पर खुद की प्रतिभा और हुनर को साबित करने में कभी पीछे नहीं रहे। एडीजी प्रयागराज के पद पर रहते हुए उनको कुम्भ की जिम्मेदारी मिली और इलाहाबाद कुम्भ-2019 में कमाल का मैनेजमेंट कर राज्य सरकार के नाम अनेकानेक उपलब्धियां अर्जित कराने में वह पीछे नहीं रहे। सुरक्षा और सेवा की दृष्टि से कुम्भ-2019 एक मिसाल बना और अलग-अलग क्षेत्रों में कई विश्व रिकाॅर्ड इस कुम्भ के नाम बने। कुम्भ में कमाल करने के बाद सत्य नारायण साबत को 26 अगस्त 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ जोन की कमान सौंपी थी। आज वह इसी पद पर रहते हुए राज्य सरकार का इकबाल बुलन्द करने में जुटे हुए हैं।

लखनऊ में 12 से 16 जनवरी तक खेल मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय युवा महोत्सव-2019 का आयोजन किया गया। 20 साल बाद उत्तर प्रदेश को इस युवा उत्सव की मेजबानी मिली थी। यह बड़ी चुनौती और अवसर भी था, जबकि पूरे देश के साथ ही दुनिया एक नये उत्तर प्रदेश का दर्शन कर सकती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मिलकर इस युवा उत्सव को हर स्तर पर अभूतपूर्व बनाया गया। देश के कोने कोने से युवा राजधानी लखनऊ में उमड़े। ऐसे में कानून व्यवस्था को बड़ी चुनौती बनी थी। इन युवाओं को सुरक्षा देने के साथ ही इसके लिए उमड़ने वाली भीड़ को भी नियंत्रित करना पुलिस के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं था, लेकिन कुम्भ में कमाल करने वाले आईपीएस सत्य नारायण साबत ने इस चुनौती को स्वीकार किया और पुलिस की व्यवस्था ऐतिहासिक रही।


इसके लिए केन्द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) किरन रीजीजू ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एडीजी सत्य नारायण साबत के काम की प्रशंसा करते हुए उनको प्रशंसा पत्र भेजा है। इसमें मंत्री किरन रीजीजू कहते हैं, ''इस युवा उत्सव में 7000 युवाओं ने प्रतिभाग किया और मैं स्वयं इस बात का गवाह रहा हूं कि लखनऊ में इस आयोजन के लिए हर स्थान पर कितने गंभीर सुरक्षा प्रबंध किये गये थे। एडीजी सत्य नारायण साबत ने स्वयं कमान संभाली और उनके निर्देश में लखनऊ पुलिस ने कमाल की व्यवस्था की। यह आयोजन केवल निर्विघ्न ही पूरा नहीं हो पाया, बल्कि पुलिस ने होस्टल्स से लेकर आयोजन स्थल तक भरपूर सुरक्षा बंदोबस्त किये। खासकर युवतियों की सुरक्षा सराहनीय रही। एडीजी जोन और उनकी टीम ने अतिरिक्त गंभीरता के साथ यह प्रबंध किया।''

इसके साथ ही फरवरी में लखनऊ में आयोजित डिफेंस एक्सपो के आयोजन में सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर भी एडीजी सत्य नारायण साबत के टीम वर्क को सराहा गया है। रक्षा मंत्रालय के द्वारा इस आयोजन के लिए हिन्दुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड को नोडल संस्था बनाया गया था।


एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने एडीजी सत्य नारायण साबत के कार्य को लेकर प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया है। आर. माधवन ने एडीजी के कार्य को उल्लेख करते हुए कहा, ''डिफेंस एक्सपो-2020 के आयोजन में एक टीम लीडर की भांति एडीजी लखनऊ जोन ने सहयोग प्रदान किया। हर समय वे सुलभ रहे और सतर्कता के साथ बंदोबस्त की हर बारीकी पर नजर रखी। हम उनके सहृदय सहयोग के लिए अपनी भावनाओं को प्रकट करना शब्द सामथ्र्य से परे हैं।'' बता दें कि डिफेंस एक्सपो का आयोजन यूपी सरकार के लिए सबसे बड़ा आयोजन रहा। इसमें क्राउड मैनेजमेंट की चुनौती किसी कुम्भ से कम नहीं थी, लेकिन एडीजी सत्य नारायण साबत ने सड़कों पर रहकर खुद मोर्चा संभालने रखा और अंततः वह इन चुनौतियों से सकारात्मक रूप से निपटने में सफल रहे और एक बार फिर साबित किया कि सुरक्षा और कानून व्यवस्था के क्षेत्र में 'क्राउड मैनेजमेंट' के वह गुरू ही हैं।

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