भंडारे के साथ महाकाल भैरव जन्मोत्सव का हुआ समापन

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मुजफ्फरनगर। कालभैरव बाबा के जन्मोत्सव का आज विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया। बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भैरव बाबा के प्रसाद को ग्रहण किया। इससे पूर्व रात्रि में तंत्रोक्त विधि से कालभैरव बाबा के महायज्ञ का आयोजन किया गया, जिसमें दर्जन श्रद्धालुओं ने आहूति देकर बाबा से परिवार में सुख-शांति-समृद्धि बनाये रखने की प्रार्थना की। महाआरती के समय भी मंदिर में भव्य नजारा रहा। पूरा प्रांगण महाकाल भैरव बाबा के जयघोषों से गुंजायमान हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार नदी रोड स्थित श्रीत्रिपुरबाला सुंदरी सिद्ध शक्तिपीठ में 26 नवम्बर से 28 नवम्बर तक महाकाल भैरव बाबा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। विगत दिवस की रात्रि मंदिर प्रांगण में भैरव जयंती के अवसर पर महाकाल भैरव बाबा का तंत्रोक्त विधि से विशाल यज्ञ किया गया। हवन कुंड के चारों ओर दर्जनों श्रद्धालुओं ने अपना-अपना स्थान ग्रहण किया। भैरव बाबा के यज्ञ के लिए विशेष प्रकार की सामग्री का इस्तेमाल किया गया। यह विशेष सामग्री मंदिर के महंत पंडित कृष्णदत्त शर्मा के सानिध्य में शुभ मुर्हूत में बनवाई गई थी। रात्रि में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पूर्ण विधि-विधान से महाकाल भैरव बाबा का विशेष महायज्ञ आयोजित किया गया। महंत पंडित कृष्णदत्त शर्मा व पडित शिवम शर्मा ने मंत्र की 11 मालाओं से बाबा का यज्ञ सम्पन्न कराया। अंत में यज्ञ में पूर्णाहूति दी गई। सभी श्रद्धालुओं ने भैरव बाबा से परिवार में सुख-समृद्धि-शांति की मनौती मांगी और अरदास लगाई कि भैरव बाबा की कृपा उन पर तथा परिवार पर हमेशा बनी रही। इसके बाद मंदिर प्रांगण में घंटे-घडिय़ाल के साथ महाकाल भैरव बाबा की महाआरती की गई। इस दौरान मंदिर प्रांगण खचाखच श्रद्धालुओं से भर गया। आरती के पश्चात मंत्र पुष्पांजलि दी गई और इसके बाद क्षमा प्रार्थना करते हुए जान-अनजाने में हुई त्रुटियों के लिए भैरव बाबा से माफी मांगी गई। आज सुबह विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। तडक़े पांच बजे से ही कारीगर भंडारे का भोजन तैयार करने में जुट गये थे। लगभग 12 बजे भोजन तैयार हुआ, तो पंडित कृष्णदत्त शर्मा ने विधि-विधान के साथ भैरव बाबा का भोग लगाया। इसके बाद कन्या पूजन किया गया। कन्या पूजन के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया गया और फिर श्रद्धालुओं ने बाबा के भंडारे में प्रसाद चखा। भैरव बाबा की कृपा से शाम तक भंडारा चलता रहा। इसी के साथ भैरव बाबा की कृपा से तीन दिनों से चल रहे भैरव बाबा जन्मोत्सव का समापन किया गया। पंडित कृष्णदत्त शर्मा ने बताया कि भैरव बाबा की शरण में जो एक बार आ जाता है, वह कभी निराश नहीं लौटता है। जिस प्रकार से भोलेनाथ बहुत ही कम पूजा-अर्चना में प्रसन्न हो जाते हैं, उसी प्रकार भैरव बाबा बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा का अमृत बरसाते हैं।

उन्होंने बताया कि प्रति माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भैरव बाबा की कृपा व उन्हीं की आज्ञा से कारन से बाबा का रुद्राभिषेक किया जाता है। इस अभिषेक में जो भी श्रद्धालु प्रतिभाग करते हैं, उन्हें बाबा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और धीरे-धीरे उनके सभी बिगड़े हुए कार्य संवरने लगते हैं। उन्होंने बताया कि शनि, राहू, केतु आदि किसी भी ग्रह की यदि खराब दशा कुंडली में चल रही है, तो श्रद्धालुओं को भैरव बाबा की शरण में आना चाहिए, इससे उनका कल्याण होगा। भैरव जयंती महोत्सव को सफलता सम्पन्न कराने में मंदिर के मुख्य महंत कृष्ण दत्त शर्मा, पंडित मुनेन्द्र कुमार शर्मा, पंडित सोनू शांडिल्य, पंडित सचिन शर्मा का पूर्ण सहयोग रहा। इसके अलावा महोत्सव में प्रवीण गर्ग, मनोज सैनी, संजय बंसल, रविन्द्र भटनागर, रजनीश अलीगढ़, उर्मिला शांडिल्य, अमित पटेल, गौरव कुमार सैनी, प्रज्ज्वलन सैनी, वैभव गोयल, शशिकांत शर्मा, ममता त्यागी आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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