मदन गर्ग हत्याकांड-उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को गैंगस्टर में भी सजा

मदन गर्ग हत्याकांड-उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को गैंगस्टर में भी सजा

मुजफ्फरनगर। नई मंडी के कारोबारी मदन गर्ग हत्याकांड में उम्रकैद की सजा पाए चार अभियुक्तों को गैंगस्टर अधिनियम में भी दोषी मानते हुए चारों को सात-सात वर्ष की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा चारों दोषियों के ऊपर 20-20 हजार रूपये का जुर्माना भी किया गया है। दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में गैंगस्टर कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया है।

बुधवार को जनपद न्यायालय के विशेष गैंगस्टर कोर्ट में हुई सुनवाई में थाना नई मंडी क्षेत्र के कारोबारी मदन गर्ग हत्या कांड में पहले से ही उम्र कैद की सजा पाने वाली मुख्य आरोपी काजल, मंजीत खोकर, सुलेमान, नीरज मिश्रा उर्फ छोटी शर्मा को गैंगस्टर अदालत ने गैंगस्टर अधिनियम में भी दोषी मानते हुए उन्हें 7-7 वर्ष की सजा सुनाई है। इसके अलावा न्यायालय की ओर से चारों आरोपियों के ऊपर 20-20 हजार रूपये का जुर्माना भी किया गया है। गैंगस्टर कोर्ट ने दो आरोपियों अखिल दत्ता एवं विजय शर्मा को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। मामले की सुनवाई गैंगस्टर की विशेष अदालत के जज राधेश्याम यादव के न्यायालय में हुई। इस दौरान अभियोजन की ओर से अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह ने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जोरदार पैरवी की।

अभियोजन की कहानी के अनुसार वर्ष 2009 की 4 फरवरी की आधी रात को मदन गर्ग हत्याकांड की मास्टरमाइंड महिला काजल ने मदन गर्ग को फोन करके अपने घर बुलाया था। काजल के घर जाने से पहले मदन गर्ग अपने घर पर परिजनों को यह कहकर गए थे कि कोई उन्हें रुड़की बुला रहा है। घर से जाने के बाद आरोपी काजल के पति व पांच अन्य आरोपियों ने मदन गर्ग को बंधक बना लिया था। इसके बाद मदन गर्ग के भाई रघुराज गर्ग को फोन करते हुए आरोपियों ने 2000000 रुपए की फिरौती मांगी थी। हालांकि आरोपियों ने उन्हें यह नहीं बताया था कि मांगी गई धनराशि कहां पर लेकर आनी है।

इस दौरान आरोपियों ने मदन गर्ग की उसके भाई रघुराज गर्ग से बात भी कराई थी। इसके बाद आरोपियों की तरफ से कोई फोन नहीं आया। 4 फरवरी की शाम तक भी जब मदन गर्ग अपने घर नहीं लौटे तो चिंतित हुए परिजनों ने नई मंडी थाना कोतवाली पहुंचकर 5 फरवरी को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कॉल डिटेल के आधार पर जांच में जुटी पुलिस आरोपी महिला काजल व छह अन्य आरोपियों तक पहुंच गई थी।

आरोपी मंजीत खोकर निवासी रुड़की ने मदन गर्ग के भाई रघुराज गर्ग से फोन करते हुए फिरौती की रकम मांगी थी। परिवार फिरौती की रकम देने को तैयार था। लेकिन आरोपियों ने मदन गर्ग की हत्या करके उसके शव को गंग नहर में फेंक दिया था। आरोपी सुलेमान जिसका पुराना आपराधिक इतिहास है उसने भी हत्या कराने व सबूत मिटाने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी। काजल के पति व विजय शर्मा ने मदन गर्ग की हत्या करने की पूरी योजना तैयार की थी। दबिश के दौरान दोनों आरोपी मौके से फरार हो गए थे। जिन्हें बाद में पुलिस द्वारा दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

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