CM योगी ने किया राजधर्म का पालन, महीनों बाद पहुंचे गोरखनाथ मठ,किया रुद्राभिषेक

CM योगी ने किया राजधर्म का पालन, महीनों बाद पहुंचे गोरखनाथ मठ,किया रुद्राभिषेक

गोरखपुर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक साथ कई मोर्चे संभाले हुए हैं। चाहे वह कोरोना महामारी की समस्या हो या प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हो, खाद्यान्न की व्यवस्था करनी हो, सुरक्षा का मसला हो या रोजगार से जुड़ी चुनौती, योगी सरकार सभी मोर्चों पर लगातार कोशिशें जारी रखे हुए है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूज्य गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के इलाज और बतौर गोरखपुर सांसद एक-दो विदेश यात्राओं के दौरान ही ऐसा हुआ होगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मठ से इतने लंबे समय तक दूर रहे हो। यह अंतराल इससे पहले अधिकतम 1 माह का ही रहा होगा।

कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर का दौरा किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ दो माह बाद शुक्रवार सांय गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर मठ पहुंचे थे। गोरक्षपीठाधीश्वर का दायित्व संभालने के पश्चात पहली बार ऐसा हुआ है कि सीएम लगातार दो महीने गोरखनाथ मठ और गोरखपुर से दूर रहे है।

जानकारी के अनुसार गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार सुबह शक्ति मंदिर में पूरे विधि विधान के साथ भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने देवों के देव भगवान शिव से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे संपूर्ण जगत के उद्धार, सुख-समृद्धि एवं शांति के लिए भगवान शिव के समक्ष प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे पहले के अपने रूटीन में योगी सन् 1998 से गोरखपुर से सांसद रहते हुए जब संसद के सत्रों में हर रविवार को अधिकांश ट्रेन से दिल्ली के लिए जाते थे और सप्ताहांत में गोरखपुर वापसी करते थे। मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के सीएम बनने के बाद भी उनका गोरखपुर में नियमित अंतराल पर आना-जाना होता रहा है।

सीएम योगी ने प्रदेश की जनता के प्रति कोरोना महामारी में अपने राजधर्म को पूरी संवेदनशीलता से निभाते हुए सभी के लिए उदाहरण पेश किया जब उन्होंने अपने पिता आनंद सिंह बिष्ट की अंत्येष्टि में कोरोना संकट को देखते हुए शामिल नहीं होने का फैसला किया। लॉकडाउन के दौरान पिता की अंत्येष्टि में न जाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के मुखिया का क्या धर्म और दायित्व है इसका सटीक परिचय दिया। कोरोना के अभूतपूर्व वैश्विक संकट के दौरान पहली बार 22 मई को मुख्यमंत्री दो माह के बाद गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मठ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सोशल डिस्टेसिंग के मानकों का पूरी तरह अनुपालन किया आते ही मुख्यमंत्री ने कोरोना के संक्रमण से बचाव, संक्रमित लोगों का इलाज, कम्यूनिटी किचन, प्रवासी कामगारों की वापसी, उनकी दक्षता के आधार पर उनको दिये जाने वाले रोजगार, क्वारंटाइन केंद्रों की व्यवस्था, प्रवासी श्रमिकों और लॉकडाउन से प्रभावित लोगों के लिए दिये जाने वाले भरण-पोषण, खाद्यान्न सामग्री, नये राशन कार्डों की प्रगति आदि के बारे में संबंधित अधिकारियों से चर्चा की और शक्त निर्देश भी दिये।

साथ ही गुरु गोरक्षनाथ चिकित्सालय और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के पदाधिकारियों के साथ भी मीटिंग की। उनसे लॉकडाउन के बीच विद्यालयों में शिक्षण कार्यो एवं चिकित्सालयों में मरीजों की देख-रेख की जानकारी ली। निर्माणाधीन मेडिकल कालेज की कार्यप्रगति के बारे में भी जाना, देर रात तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विकास कार्यों पर बैठकों का सिलसिला जारी रहा।

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