पुरकाजी में शिक्षा के लिए आंदोलन करने सड़क पर उतरेंगे चेयरमैन जहीर फारूकी

पुरकाजी में शिक्षा के लिए आंदोलन करने सड़क पर उतरेंगे चेयरमैन जहीर फारूकी

मुजफ्फरनगर। जनता की पीड़ा को अपना दुख दर्द बनाकर उसके निराकरण के लिए संवैधानिक अधिकारों के तहत आंदोलन का रास्ता अख्तियार करने वाले पुरकाजी नगर पंचायत के चेयरमैन और भारतीय किसान यूनियन के जिला सलाहकार जहीर फारूकी एडवोकेट ने अब पुरकाजी में सरकारी क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर आंदोलन का रास्ता चुनने का निर्णय किया है। उन्होंने जिला प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि पुरकाजी में निर्मित राजकीय इण्टर काॅलेज में बच्चों का प्रवेश सुनिश्चित हो जाने के बाद भी शिक्षकों और फर्नीचर की व्यवस्था नहीं होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय है, यदि सात दिनों में व्यवस्था नहीं बनी तो शिक्षा विभाग में भी कामकाज नहीं होने देंगे।

बता दें कि पुरकाजी नगर पंचायत के चेयरमैन जहीर फारूकी ने भाकियू के बैनर पर कई बड़े आंदोलन किये। निकाय चुनाव में भाग्य आजमाने से पहले उन्होंने पुरकाजी नगर में रोडवेज बसों के स्टाॅप के लिए संघर्ष किया, नतीजा ये हुआ कि उस दौरान रोडवेज बसों को पुरकाजी नगर से आवागमन सुनिश्चित हुआ और जनता का राहत मिली। इसके साथ ही उन्होंने सूली वाला बाग में बलिदान देने वाली शहीदों को गुमनामी से निकालकर पहचान दिलाने को आवाज उठाई और पुरकाजी व आसपास के गांवों की जनता उनके साथ जुड़ गयी। आंदोलन और संघर्ष से निकलकर जहीर फारूकी ने जनसेवा के लिए चुनाव लड़ा और जनता ने उनको भरपूर समर्थन देकर पुरकाजी नगर का प्रथम नागरिक होने का रूतबा प्रदान किया। चेयरमैन बनने के बाद भी जहीर फारूकी आंदोलन के रास्ते पर हैं। पुरकाजी नगर व ग्रामीण क्षेत्र के दिव्यांगों के लिए दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाने की व्यवस्था पुरकाजी नगर में ही किये जाने की मांग को लेकर दिव्यांगों के साथ पीएचसी पर आंदोलन किया। कई दिनों तक आंदोलन होने पर स्वास्थ्य विभाग को झुकना पड़ा और दिव्यांगों के सर्टिफिकेट पुरकाजी में ही बनने की व्यवस्था लागू हुई। पिछले दिनों भाकियू के बैनर पर उन्होंने फिर से पुरकाजी नगर में रोडवेज बसें नहीं आने पर बाईपास पर प्रदर्शन कर रोडवेज बसों को बाईपास पर रोककर आंदोलन किया। अब फिर से चेयरमैन जहीर फारूकी आंदोलन की राह पर हैं। उन्होंने पुरकाजी नगर में कई साल से निर्मित राजकीय इण्टर काॅलेज में शिक्षा के स्तर के लिए मूलभूत सुविधाएं नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है। चेयरमैन जहीर फारूकी ने कहा कि पुरकाजी में आज तक कोई सरकारी हाईस्कूल या इंटर काॅलिज नहीं है देहात में बिजली घर पर 3 साल से कई करोड़ की बिल्डिंग बनकर खड़ी थी। सरकारी धन की इस तरह से बर्बादी होती देखकर मैं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत के साथ डीएम राजीव शर्मा से किसान दिवस में मिला और काॅलिज शुरू करने का प्रार्थना पत्र दिया डीएम साहब के हस्तक्षेप ओर पूर्व डीआईओएस ने मई माह में पुरकाजी में राजकीय इण्टर काॅलिज खुलवाकर एडमिशन शुरू कराये। करीब 400 बच्चों के एडमिशन हुए। यहां अन्य कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई, स्टाफ के बैठने तक के लिए कुर्सियां हमने उपलब्ध कराई हैं, बीते दिन जब काॅलिज खुला, तो छात्र छात्राओं के लिए एक कुर्सी तक नहीं हैं। बच्चों को शिक्षित करने के लिए यहां पर मात्र 2 शिक्षिका हैं। इस पर चेयरमैन जहीर फारूकी ने जब डीआईओएस से फोन पर बात की, तो कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं। उनका कहना है कि ऐसे में इस समस्या के निराकरण के लिए हम आखिर क्या करें। पुरकाजी क्षेत्र के सैकड़ों बच्चों का भविष्य खराब नहीं होने दे सकते हैं, ऐसे में हमारे पास आंदोलन का विकल्प ही शेष रह जाता है, ये मजबूरी है। जिन बच्चों ने यहां एडमिशन लिया है, उनका तो भविष्य ही दांव पर लग गया है। उन्होंने कहा कि यदि एक सप्ताह में राजकीय इण्टर काॅलेज पुरकाजी में छात्रों के बैठने के लिए फर्नीचर और पढ़ाने के लिए शिक्षिकों की व्यवस्था नहीं हुई तो डीआईओएस के दफ्तर के बाहर भारतीय किसान यूनियन सभी पीड़ित छात्रों और उनके अभिभावकों के साथ धरना प्रदर्शन करेगी। चेयरमैन जहीर फारूकी कहते हैं, कि दफ्तरों में अफसरों को बैठने का हक तब होता है, जब फील्ड में सारी व्यवस्था सही हो, पुरकाजी में काॅलेज बना, लेकिन वहां शिक्षा का स्तर बनाने के लिए व्यवस्था लागू नहीं की जा रही है। अब डीआईओएस कार्यालय में शिक्षा नहीं तो काम नहीं के नारे के साथ हम आंदोलन करेंगे। वहीं भोजन पकेगा, भट्टियां चढ़ेगी और बेमियादी आंदोलन किया जायेगा।

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