CBI का ठेकेदार के आवास पर छापा-खंगाला घर-मचा हड़कंप

CBI का ठेकेदार के आवास पर छापा-खंगाला घर-मचा हड़कंप

मेरठ। महानगर में पहुंची सीबीआई की टीम ने साकेत स्थित एक ठेकेदार के आवास पर छापामार कार्यवाही करते हुए कई घंटों तक कागजातों की जांच पड़ताल की और मामला संदिग्ध मिलने पर सभी कागजातों को सीबीआई की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया। कैंट बोर्ड ऑफिस में पहुंची सीबीआई की टीम को देखते ही अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। काफी देर तक कैंट बोर्ड ऑफिस के दस्तावेज खंगालने के बाद सीबीआई की टीम जब वापस लौट गई तो कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।

शनिवार को सीबीआई की टीम सबसे पहले सुबह के समय महानगर के साकेत में ठेकेदार के यहां पहुंची। ये ठेकेदार कैंट बोर्ड से जुड़ा रहा है। इसके बाद टीम ने कई और स्थानों पर जाकर जांच की। दोपहर को सवा तीन बजे के करीब टीम कैंट बोर्ड के दफ्तर पहुंची तो टीम के कार्यालय आते ही हड़कंप मच गया।

बोलेरो गाड़ी में पहुंची टीम में तीन सदस्य थे। दो सदस्य गाड़ी में बाहर ही बैठे रहे और तीसरे सदस्य ने ऑफिस जाकर करीब 25 मिनट तक अधिकारियों से बात की। टीम ने कोई भी जानकारी देने से इंकार कर दिया। पूरे मामले में कैंट बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कैंट बोर्ड का कोई मामला नहीं है। सीबीआई किसी दूसरे कारण से ऑफिस आई थी।

छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष विपिन सोढ़ी ने कहा कि उनकी शिकायत पर सीबीआई की टीम आई है। वाहन प्रवेश शुल्क वसूली का जो टेंडर छोड़ा गया था, उसकी शर्तों में फेरबदल किया गया, जिसके कारण कैंट बोर्ड को पांच से छह करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। उन्होंने मार्च में रक्षा मंत्रालय, सीबीआई और डायरेक्टर जनरल दिल्ली के यहां शिकायत की थी।

बताया था कि तय हुआ था कि जो बिड की शर्तें होंगी और जितने का ठेका आएगा, उसमें जितना भी पैसा आएगा वो एक महीने की सिक्योरिटी रहेगी। बोर्ड अध्यक्ष की अनुमति के बिना सिक्योरिटी को 25 लाख रुपये कर दिया गया। तय शर्तों के मुताबिक रकम सवा करोड़ रुपये होती। चारों टेंडर एक ही परिवार के लोगों के थे। इसी मामले में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर करने के बाद जांच शुरू की है। हालांकि प्राथमिकी दर्ज की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं कैंट बोर्ड के सीईओ नवेंद्र नाथ ने बताया कि बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष जो कह रहे हैं, वह सब गलत है। सीबीआई टीम ऐसे किसी मामले की जांच करने नहीं आई।



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