16 जनवरी से प्रयागराज में होगा भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय किसान कुम्भ

16 जनवरी से प्रयागराज में होगा भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय किसान कुम्भ
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन किसानों की समस्याओं को लेकर आगामी रणनीति बनाने के लिए संगम तीरे मंथन को तैयार हो रही है। प्रयागराज में तीन दिवसीय किसान कुम्भ को लेकर यूनियन के पदाधिकारियों ने मजबूत तैयारी की है। 15 जनवरी को किसान प्रयागराज के लिए कूच करेंगे।

भारतीय किसान यूनियन का तीन दिवसीय वार्षिक किसान कुम्भ संगम नगरी प्रयागराज में 16 से 18 जनवरी तक होगा। जिसमें हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित उत्तर भारत के सभी प्रदेशों के किसान शामिल होंगे। कुम्भ में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत सहित सभी राष्ट्रीय व जनपदीय स्तर के नेता व कार्यकर्ता शामिल होंगे। 16 जनवरी को कुम्भ में पूर्व में किए गए आन्दोलन की समीक्षा व संगठन पर चर्चा होगी। 17 जनवरी को भविष्य में मुद्दों पर चर्चा कर भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। 18 जनवरी को किसान पंचायत होगी। जिसमें भविष्य में किए जाने वाले आन्दोलन की घोषणा की जाएगी। प्रयागराज में कुम्भ का आयोजन संगम तट पर परेड ग्राऊण्ड में किया जाएगा।

भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि प्रयागराज में प्रस्तावित किसान कुम्भ में किसानों के कुछ प्रमुख मुद्दों पर विचार किया जाएगा- जिसमें यह मांग भी होगी कि किसानों को लागत में 50 प्रतिशत जोड़कर गारंटीड लाभकारी मूल्य दिया जाए। स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को भाव से अलग अन्य मुद्दों के साथ लागू किया जाए। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा(केवल लागत और परिवार की मजदूरी को जोड़कर दिया जाने वाला भाव किसानों को मंजूर नहीं है। सरकार द्वारा बाजार में हस्तक्षेप और समर्थन मूल्य की गारंटी के साथ शत-प्रतिशत फसलों की खरीद की जाए। मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा की जाए और व्यापार घाटा कम करने को सख्त से सख्त कानून बनाए जाएं। सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर सरकार द्वारा स्वेत पत्र जारी किया जाए।

उन्होंने बताया कि सरकार से यह मांग की जायगी कि कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर रखा जाए। इस व्यापार संगठन के कारण करोडों किसानों की जीविका को सुरक्षित किया जाए। बीज कानून को संसद में रखने से पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता कर सहमति बनायी जाए। बीज कानून किसानों के हित में बनाया जाए न कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के हित में क्योंकि गुजरात में किसानों पर पैप्सिको द्वारा किए गए हर्जाने के मुकदमें यह दर्शातें हैं कि किसानों के हाथ से बीज का अधिकार समाप्त किया जा रहा है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में व्यापक बदलाव किए जाएं। इसकी अनिवार्यता का समाप्त कर ऐच्ज्ञिछक किया जाए। किसानों को आगामी बजट सत्र में विशेष राहत पैकेट दिया जाए। कृषि क्षेत्र का संकट प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और लगातार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। किसानों को लम्बे समय की अवधि का कर्ज मुहैया कराया जाए। किसान क्रेडिट कार्ड का पूर्ण भुगतान वैधता समाप्त होने के वर्ष ही जमा कराया जाए। प्रत्येक वर्ष केवल ब्याज जमा करने की छूट किसानों को प्रदान की जाए। किसानों के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें वापिस लिए जाएं।

उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी मुद्दों पर तीन दिन विचार-विमर्श के बाद भारतीय किसान यूनियन 18 जनवरी की प्रयागराज किसान पंचायत के माध्यम से राज्य एवं दिल्ली स्तर पर प्रभावी आन्दोलन की घोषणा करेगी। अगर सरकार किसानों की मांगों पर विचार नहीं करती तो पूरे देश में इन सब मुद्दो पर प्रभावी आन्दोलन चलाया जाएगा। सहारनपुर मण्डल के सभी किसान 15 जनवरी को नौचंदी एक्सप्रेस से रवाना होंगे। मेरठ मण्डल के किसान संगम एक्सप्रेस से प्रयागराज कुम्भ के लिए रवाना होंगे।

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