अमित सिंह का लक्ष्य 'कुपोषण फ्री मुजफ्फरनगर'

अमित सिंह का लक्ष्य कुपोषण फ्री मुजफ्फरनगर

मुजफ्फरनगर। जनपद में सिटी मजिस्ट्रेट से अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) का दायित्व संभालने वाले अमित सिंह ने पहले ही दिन से चुनौतियों को सहजता से स्वीकारने का काम किया। उन्होंने छह साल बाद जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी (नुमाइश) का आयोजन कराने के लिए जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा लिये गये फैसले को बतौर सिटी मजिस्ट्रेट और प्रदर्शनी समिति प्रभारी सही साबित करने का काम दिन रात मेहनत करके किया। नतीजा आया कीर्तिमान के रूप में, और साल 2018 की ये नुमाइश मुजफ्फरनगर के इतिहास का सबसे बड़ा इकाॅनोमी इवेंट बन गई। शहर में पाॅलीथिन बैन अभियान और ग्रीन सिटी लक्ष्य पर काम करने के बाद अब अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के रूप में उन्होंने कुपोषण फ्री मुजफ्फरनगर के नये टारगेट के साथ कदम आगे बढ़ाये हैं। इसके लिए एक आंगनवाडी केन्द्र को गोद लेकर प्रेरणादायक काम किया।

मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निवासी अमित सिंह के लिए मुजफ्फरनगर नया नहीं है, वो यहां करीब नौ साल पहले वाणिज्य कर विभाग में अधिकारी के रूप में तैनात रहे। उनका सपना सिविल सर्विस में जाना था। वाणिज्य कर अधिकारी के रूप में काम करते हुए उन्होंने अपनी सिविल सर्विस की तैयारी को जारी रखा। उन्होंने पीसीएस की परीक्षा दी और इसे ब्रेक करने में कामयाबी पायी। उनका चयन साल 2011 बैच के पीसीएस अफसर के रूप में कर लिया गया। इसके साथ ही उन्होंने वाणिज्य कर अधिकारी के रूप में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। एसडीएम के रूप में उनकी पहली पोस्टिंग बांदा जनपद में की गयी। इसके बाद वो गाजीपुर, रामपुर, फिरोजाबाद, अलीगढ़ और मैनपुरी में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहे। शासन ने अमित सिंह का तबादला मैनपुरी से मुजफ्फरनगर सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर कर दिया। यहां जब दो मई 2018 को उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यभार संभाला तो छह साल बान नुमाइश का आयोजन कराने का सिलसिला जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा शुरू किया जा चुका था। चार्ज पर आते ही इतनी बड़ी चुनौती उनको मिली। डीएम की मंशा के अनुसार इस नुमाइश को यादगार बनाने के लिए उन्होंने प्रदर्शनी समिति के प्रभारी अधिकारी के रूप में सराहनीय कार्य करके दिखाया। सुरक्षा बंदोबस्त के लिए दिन रात नुमाइश में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी और पंडाल के कार्यक्रमों में अच्छी व्यवस्था बनाने का काम किया। वो कहते हैं, ''नुमाइश का आयोजन बड़ी चुनौती था, पहली बार नुमाइश फण्ड से पंडाल के कार्यक्रमों पर पैसा खर्च किया गया। आमदनी के लिहाज से ये नुमाइश जिले के इतिहास की सबसे बड़ी नुमाइश रही। अच्छा बाजार उपलब्ध कराया गया। इस चुनौती को प्रदर्शनी समिति के पास धन की पर्याप्त उपलब्धता ने आसान कर दिया। जनसहयोग और डीएम साहब का मार्गदर्शन मिलने के कारण मैं सफल हो पाया। कलाकारों को पहली बार मुजफ्फरनगर नुमाइश में आकर अच्छा लगा, उनको होटल में ठहराने, लाने ले जाने की बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई गयी।'' सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर रहते हुए उन्होंने शहर को हरा भरा बनाने के लिए ग्रीन सिटी अभियान चलाकर शहर की मुख्य सड़कों के डिवाईडरों पर वृक्षारोपण कराया, बड़े गमले रखवाये। इसके साथ ही राज्य में पाॅलीथिन बैन के आदेश का अनुपालन कराने के लिए जागरुकता कार्यक्रम कराये और सख्ती से कार्यवाही करते हुए पाॅलीथिन जब्त भी की। डीएम राजीव शर्मा ने उनको नगर पालिका परिषद् के अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज भी दिया। इस चार्ज को उन्होंने बड़ी चुनौती माना, क्योंकि वो मानते हैं, ''शहर के 50 वार्डों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए पालिका प्रशासन के सामंजस्य से एक प्लानिंग की आवश्यक है। इसके बिना पालिका को चला पाना मुश्किल है।

मुजफ्फरनगर में करीब चार माह के कार्यकाल में ही अपने व्यवहार, कर्मठता और कामकाज से सभी का दिल जीतने वाले अमित सिंह को 24 अगस्त 2018 को अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के पद पर तैनात कर दिया गया। वो पहले ऐसे पीसीएस अफसर बने, जो इतने कम समय में सिटी मजिस्ट्रेट से एडीएम के चार्ज पर भेजे गये। इस पद पर काम संभालने के साथ ही उन्होंने मुजफ्फरनगर जनपद को कुपोषण फ्री बनाने का टारगेट फिक्स किया है। उनके द्वारा मैनपुरी में बतौर एसडीएम अपनी तहसील के गांव जसराऊ को गोद लेकर कुपोषण के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी। इस गांव में पांच बच्चे अति कुपोषण का शिकार पाये गये। उनको स्वस्थ बनाने के साथ ही गांव को कुपोषण से दूर करने का काम किया। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर में पोस्टिंग के साथ ही उन्होंने गांव सीमली का आंगनबाडी केन्द्र गोद लिया है। यहां पंजीकृत करीब 25 बच्चों के लिए वो अपने खर्च से प्रतिदिन दूध की व्यवस्था कराते हैं। बच्चों के लिए केन्द्र में पंखा लगवाया और हर सप्ताह केन्द्र की माॅनीटरिंग करते हुए बच्चों के वजन, उनके स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हैं। उनका कहना है कि अब वो कुपोषण फ्री मुजफ्फरनगर बनाने का लक्ष्य तय करते हुए काम में जुटे हैं। मुजफ्फरनगर। जनपद में सिटी मजिस्ट्रेट से अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) का दायित्व संभालने वाले अमित सिंह ने पहले ही दिन से चुनौतियों को सहजता से स्वीकारने का काम किया। उन्होंने छह साल बाद जिला कृषि एवं औद्योगिक प्रदर्शनी (नुमाइश) का आयोजन कराने के लिए जिलाधिकारी राजीव शर्मा के द्वारा लिये गये फैसले को बतौर सिटी मजिस्ट्रेट और प्रदर्शनी समिति प्रभारी सही साबित करने का काम दिन रात मेहनत करके किया। नतीजा आया कीर्तिमान के रूप में, और साल 2018 की ये नुमाइश मुजफ्फरनगर के इतिहास का सबसे बड़ा इकाॅनोमी इवेंट बन गई। शहर में पाॅलीथिन बैन अभियान और ग्रीन सिटी लक्ष्य पर काम करने के बाद अब अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के रूप में उन्होंने कुपोषण फ्री मुजफ्फरनगर के नये टारगेट के साथ कदम आगे बढ़ाये हैं। इसके लिए एक आंगनवाडी केन्द्र को गोद लेकर प्रेरणादायक काम किया।


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