यूपी पुलिस का 32वां शिकार बना लखटकिया बग्गा सिंह एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर आनन्द कुमार के नेतृत्व में आॅपरेशन क्लीन जारी

यूपी पुलिस का 32वां शिकार बना लखटकिया बग्गा सिंह एडीजी लाॅ एंड आॅर्डर आनन्द कुमार के नेतृत्व में आॅपरेशन क्लीन जारी

एडीजीपी आंनद कुमार लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी तो शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था सुधारने के मकसद से स्पष्ट कर दिया था कि बदमाश या तो प्रदेश छोड़ दे या अपराध को छोड़ दे। सरकार बनने के बाद जब कानून व्यवस्था नहीं सुधरी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह , डीजीपी और एडीजीपी कानून व्यवस्था को बदलकर प्रमुख सचिव गृह की जिम्मेदारी आईएएस अफसर अरविंद कुमार को तो डीजीपी सुलखान सिंह को बनाया गया था इसके बाद 7 जुलाई को जैसे ही उत्तर प्रदेश के एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर का चार्ज आंनद कुमार ने संभाला वैसे ही यूपी में बदमाशों पर जैसे आफत आ गयी । क्राइम कैपिटल के नाम से जब मुजफ्फर नगर को जाना जाता था तब आंनद कुमार ने वहां के बदमाशो में खाकी का खौफ पैदा कर दिया था मुजफ्फर नगर के आसपास के सहारनपुर, मेरठ, देहरादून, गाजियाबाद, नोएडा जैसे जनपदों में बतौर कप्तान आनंद कुमार ने बदमाशो के खिलाफ खूब पारी खेली । उसी पैटर्न पर अब आंनद कुमार पूरे प्रदेश में पुलिस का इकबाल बुलंद कर दिया है यही वजह है कि सरकार के नौ व एडीजीपी आंनद कुमार के छह महीने के कार्यकाल में कुल 900 मुठभेड में 2200 से अधिक इनामी अपराधी में से 207 घायल होकर जेल की सलाखों के पीछे चले गए और 32 कुख्यात बदमाश परलोक एक्सप्रेस का टिकट लेकर कभी ना वापस आने का वादा करके चले गये।

एडीजीपी आंनद कुमार एडीजीपी आंनद कुमार


उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए साल 2017 काफी सराहनीय रहा। इस साल पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ मिशन शूटआउट चलाया, यह अभियान यहीं तक सीमित नहीं रहा। नये साल के जश्न की रात से लेकर आज तक यूपी पुलिस अपराधियों पर भारी पड़ती नजर आ रही है। 17 जनवरी को पुलिस मुठभेड़ में लखीमपुर में एक लाख का ईनामी बदमाश बग्गा सिंह मार गिराया गया। बग्गा यूपी पुलिस का 32वां शिकार बना है। लखीमपुर में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बुधवार तड़के एक लाख रुपए के इनामी अपराधी बग्गा सिंह के साथ मुठभेड़ निघासन इलाके में हुई। इस मुठभेड़ के बाद पुलिस की गोली से घायल बदमाश बग्गा सिंह को सीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। 10 सितंबर 2013 को बदमाश बग्गा सिंह पुलिस की सुरक्षा से भाग निकला था, तभी से वो यूपी पुलिस का सिरदर्द बना हुआ था। जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी इसके बाद सीएम योगी के निर्देश पर पुलिस ने अपराधियों को पकड़ने के लिए सर्च अभियान चलाया। इस अभियान के तहत पुलिस ने दिन हो या रात हर समय खूंखार अपराधियों को घेराबंदी के मारा। मुठभेड़ के दौरान 207 पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि 03 पुलिसकर्मी शहीद हो गए। कुल मिलाकर ये साल 2017 यूपी पुलिस के लिए काफी सराहनीय रहा और साल 2018 की शुरूआत भी अपराध नियंत्रण के पैमाने पर प्रशंसनीय रही है। पुलिस ने इस अभियान में अपराधियों की रूह कांप रही है कि कहीं इस बार उनकी बारी तो नहीं। इसलिए अपराधी डर के मारे अंडरग्राउंड हो गए हैं। जो जहां मिल रहा है पुलिस उसे मुठभेड़ में ढ़ेर कर रही है। इस मिशन को कामयाब बनाने में आईपीएस सुलखान सिंह का अहम योगदान रहा। अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रदेश के नए डीजीपी ओम प्रकाश सिंह इस मिशन में कितने कामयाब होते हैं?
सूबे में एनकॉउंटर की शुरुआत शामली के नोजवान कप्तान अजयपाल शर्मा ने ही कि थी जब उन्होंने रंगदारी के लिए मशहूर कैराना में 50 हजार के इनामी नोशाद डैनी ओर उसके साथी सरवर को शूट किया था उसके तुरंत बाद ही अजयपाल शर्मा की टीम ने इनामी इकराम को भी सीधी मुठभेड़ ऊपर भेज कर अपराधियो में संदेश दे दिया था कि शामली में आओगे तो गोली ही पाओगे। अब जब राजू ने डकैती डालने की नीयत से शामली के झिंझाना की सरजमीं पर कदम रखा तो व्यापारी के घर डकैती डालने आये बदमाशों के साथ पुलिस मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश राजू ढेर हुआ है जबकि दो पुलिस कर्मी घायल हुए थे। इस एनकॉउंटर के बाद शमली पुलिस ने फिर एक लाख के ईनामी कुख्यात साबिर को सीधी मुठभेड़ में मार गिराया, हालांकि इस मुठभेड़ में एक सिपाही अंकित तोमर शहीद हो गया। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अनंन्त देव को भी सुपरकॉप कहा जाता है बीहड़ के जंगलों में कुख्यात डकैतों को मार गिराने वाले अनंन्त देव ने मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों 50 हजार के इनामी नितिन को शूटआउट में सीधे शूट किया तो आला अफसरों ने उनको शाबासी दी इसके बाद भी अनंन्तदेव बदमाशो के पीछे लगे रहे उनकी कोशिश काम आई और मुजफ्फरनगर में ककरौली पुलिस की बदमाशो से मुठभेड़ हो गई। जिसमें ककरौली पुलिस और 15 हजार के इनामी बदमाश नदीम के बीच जमकर फायरिंग हुई फायरिंग में एक पुलिसकर्मी और बदमाश नदीम को गोली लग गई। गोली लगने से बदमाश नदीम की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मृत बदमाश को तीन दिन पहले नई मंडी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जो कोर्ट जाते समय पुलिसकर्मी की आंख में मिर्च पाउडर डालकर फरार हो गया था। इसके बाद खतौली के कोतवाल पीतम सिंह ने 12 हजार के ईनामी जानू को ढेर किया, तो बुढ़ाना में चमन सिंह चावडा वे दरोगा आदेष त्यागी ने डकैती के एक्सपर्ट एंड 50 हजार के ईनामी फुरकान को मार गिराया फिर इनके बाद जानसठ सीओ एसकेएस प्रताप ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर दरोगा विरेन्द्र कसाना के नेतृत्व में एक लाख के ईनामी शमीम को एनकाउन्टर में ढेर कर दिया। संकट मोचक बबलू कुमार ने भी सहारनपुर में एनकाउन्टर का खाता खोला सहारनपुर रेंज के शामली ओर मुजफ्फरनगर के पुलिस कप्तान एनकाउन्टर कर रहे थे तो सहारनपुर एसएसपी बबलू कुमार की टीम इनामी बदमाशो को पकड़ रही थी लेकिन संकट मोचक कहे जाने वाले बबलू कुमार की टीम ने भी 15 हजारी को यमलोक भेज दिया सहारनपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि 15 हजार का इनामी शमशाद खलासी लाइन एरिया में मौजूद है। जिसके बाद सदर बाजार और क्राइम ब्रांच पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखते ही शमशाद के साथी ने पुलिस पर फायरिंग करना शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। फायरिंग में शमशाद को गोली लगने पर वो गंभीर रूप से घायल हो गया, जब पुलिस उसको जिला अस्पताल ले जा रही थी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में शमशाद की मौत हो गई लखनऊ के एसएसपी दीपक कुमार भी सामने आए उन्होंने लखनऊ में एक इनामी फरार शातिर अपराधी सुनील शर्मा को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया। सुनील शर्मा लखनऊ में सीरियल किलर के नाम से कुख्यात सलीम-सोहराब के लिए काम करता था। सुनील शर्मा अमीनाबाद के सभासद पप्पू पांडेय की हत्या का आरोपी था। सुनील जेल से लखनऊ के व्यापारियों से वसूली करता था। करीब एक महीने पहले वह पेशी पर आया था और कोर्ट के बाहर से फरार हो गया था। तभी से पुलिस को उसकी तलाश थी अपराधी का व्यापारियों से वसूली का बड़ा आतंक था। इसके डर से कोर्ट में इसके विरुद्ध मुकदमों में में गवाह गवाही देने के लिए नही आ पाते थे। सुनील शर्मा लखनऊ में सलीम रुस्तम-सोहराब गैंग का यह शार्प शूटर था। सुनील का हत्या जैसा अपराध करना मामूली बात थी। इस अपराधी पर 15000 रु का इनाम भी घोषित था। 2009 बेंच के अफसर अजय साहनी ने आजमगढ़ जाने के बाद बदमाशो के खिलाफ अभियान शुरू किया। सबसे पहले उन्होंने जयहिंद यादव को शूट किया उसके बाद 50 हजार के इनामी सुमित बुढ़वा को एनकाउन्टर में ढेर कर दिया और फिर उनकी टीम ने इनामी रामजी पासी को यमलोक का रास्ता दिखाकर अपने आला अफसरों की वाहवाही लूटी। इसके साथ ही इटावा में एसएसपी वैभव कृष्ण के नेतृत्व में पुलिस ने मुठभेड़ में कुख्यात बदमाष आदेष उर्फ सुन्दर यादव का खात्मा किया, तो वहीं नोएडा में एसएसपी लव कुमार की अगुवाई में पुलिस तीन बदमषों बबेन्द्र जाट, सुमित गुर्जर और असलम बुन्टा का खात्मा करने में सफल रही। इन तीनों पर बड़ा ईनाम था। मेरठ में एसएसपी मंजिल सैनी के निर्देषन में चले मुठभेड़ के दौर में पुलिस ने मन्सूर पहलवान, वसीम काला और हसीना मोटा को उनके हश्र तक पहंुचाने का काम किया, अलीगढ़ पुलिस कप्तान ने ईनामी बदमाष विकास खुजली और रमजानी को यमलोक पहुंचाया। इसी क्रम में बुलन्दषहर के एसएसपी मुनिराज जी. के नेतृत्व में कई मुठभे़ हुई, यहां पुलिस ने 50-50 ईनामी राषि वाले डकैत सोनू और कुख्यात सतवीर को ढेर किया। आजमगढ़ के पुलिस कप्तान अजय साहनी के निर्देषन में पुलिस ने अदम्य साहस दिखाते हुए डी-9 गैंग के दो बदमाषों जयहिंद यादव व सुजित बुढवा सहित कुख्यात हत्यारे रामजी पासी को ढेर किया। चित्रकूट में पुलिस ने दरोगा जीपी सिंह की शहादत के बाद बीहड़ में डकैत शारदा कौल को तो वही मथुरा में एसएसपी स्वपनिल ममगइ्र्र के नेतृत्व में पुलिस ने साहून गैंग के बदमाष कासिम का सफाया कर दिया। इन पुलिस कप्तानों ने भी आईपीएस आनंद कुमार के अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश के अभियान में ऐतिहासिक कहानियां जोड़ने का काम किया।

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