मेरठ के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने जुआरी बनकर चलाया 'आॅपरेशन जुआरी', होटल से काले कारोबार में 21 गिरफ्तार

मेरठ के एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने जुआरी बनकर चलाया आॅपरेशन जुआरी, होटल से काले कारोबार में 21 गिरफ्तार

लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में जब थाना पुलिस ने शिकायत को गम्भीरता से नहीं लिया तो पुलिस अफसर को फिल्मी अंदाज में पूरी 'फिल्डिंग' जमाकर एक होटल में चल रहे जुआ का भंडाफोड करते हुए 21 जुआरियों को पकड़ा। इस होटल में क्रिकेट मैच पर जुआ लगाने का अवैध कारोबार किया जा रहा था। इन जुआरियों को पकड़ने के लिए इस पुलिस अफसर को भेष बदलकर सादी वर्दी में होटल में उनके साथ जुआ खेलना पड़ा और बड़ी सूझबूझ से इस गिरोह का पर्दाफाश किया गया। इस अफसर के कारनामे ने उच्चाधिकारियों को भी प्रशंसा के लिए विवश कर दिया, वहीं होटल के आसपास पुलिस की इस कार्यवाही से अफरातफरी का आलम बन गया। किसी की कुछ समझ में नहीं आ था कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि होटल को खाकी ने छावनी बनाकर रख दिया। बाद में अफसरों ने लोगों को कार्यवाही से अवगत कराया। पुलिस ने इन 21 जुआरियों के पास से ढाई लाख रुपये बरामद किये हैं।

मेरठ के मेट्रो प्लाजा स्थित होटल रीजेंसी में एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने चार थानों की फोर्स को लेकर योजनाबद्ध तरीके से छापा मारा। इस छापामार कार्यवाही के दौरान होटल के दो कमरों से 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जोकि क्रिकेट मैच पर जुआ खेल रहे थे। इनके पास से पुलिस ने 2.50 लाख रुपये और अन्य सामान भी बरामद किया है। इस कार्यवाही को एक खुफिया आॅपरेशन के अन्तर्गत अंजाम दिया गया, इन जुआरियों को दबोचने के लिए तेज तर्रार छवि रखने वाले पीपीएस अफसर कुमार रणविजय सिंह ने खुद एक जुआरी का भेष भरा और होटल में काफी समय से चल रहे इस काले कारोबार का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की। होटल रीजेंसी में 6 अक्टूबर की शाम कमरा नम्बर 202 और 203 में क्रिकेट मैच पर बड़ा जुआ खेला जा रहा था, इसकी जानकारी एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह तक पहुंची तो उन्होंने हड़बड़ी दिखाये बिना, पहले इस सम्बंध में अपने आला अफसरों को सूचना दी और फिर उनके मार्ग निर्देशन में योजनाबद्ध तरीके से इस काले कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए खुफिया आॅपरेशन की तैयारी की। इस अभियान को अंजाम देने के लिए उन्होंने खाकी वर्दी नहीं पहनी, एक जुआरी का भेष भरकर वो होटल पहुंचे। इससे पहले ही उन्होंने होटल रीजेंसी के आसपास जुआरियों की घेराबन्दी के लिए चार थानो रेलवे रोड, ब्रह्मपुरी, सदर बाजार और टीपीनगर की पुलिस फोर्स को मुस्तैद कर दिया था। होटल पहुंचने के बाद एसपी सिटी रणविजय सिंह ने जुआरियों से सम्पर्क किया और जुआ खेलने की इच्छा जाहिर की। बातों ही बातों में उन्होंने जुआरियों से होटल में कहां कहां जुआ खेला जा रहा है, इसकी जानकारी भी जुटा ली। वो जुआरियों के एक कमरे में उनके साथ ही बैठ गये और खुद को सामान्य बनाये रखा। जैसे ही जुआरियों ने जुआ खेलना शुरू किया तो एसपी सिटी भी उनके साथ लग गये और कुछ ही देर में बाथरूम में जाकर बाहर तैनात पुलिस अफसरों को सूचना देकर होटल पर छापा मरवा दिया। पुलिस ने होटल के दोनों कमरों से 21 जुआरियों को गिरफ्तार किया। इनको एसपी सिटी रणविजय सिंह ने रेलवे रोड थाना भिजवा दिया। एसपी सिटी कुमार रणविजय इस खुफिया आॅपरेशन पर कहते हैं, ''होटल के कमरों में क्रिकेट मैच पर जुआ और सट्टा लगाया जा रहा था। आरोपियों को मौके से पकड़ने के लिए अपनी पहचान छिपानी पड़ी। सादी वर्दी में पहुंचकर जुआरी होने का नाटक रचा। पैसा भी लगाया। जब खेल पूरी तरह से दोनों कमरों में शुरू हो गया, तब बाथरूम में जाकर पुलिस फोर्स को कॉल की। मेट्रो प्लाजा की बिल्डिंग चारों तरफ से घेरी गई थी। होटल पर सबकी नजर थी। पुलिस फोर्स होटल के कमरों में पहुंची तो बिल्डिंग में अफरातफरी मच गई। करीब आधे घंटे की कार्यवाही में 21 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद थाने पहुचा दिया गया।'' पुलिस की इस कार्यवाही से लोगों में भी असमंजस बना था, कार्यवाही पूरी होने के बाद एसपी सिटी ने वहां एकत्र लोगों को पुलिसिया आॅपरेशन की जानकारी दी। कुछ लोगों का कहना है कि इस होटल में जुआ और सट्टा काफी दिनों से हो रहा था, इसकी शिकायत थाना पुलिस को की गयी थी, लेकिन पुलिस ने इसे अनदेखा कर दिया। इसी को लेकर एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह तक मामला पहुंचा तो उन्होंने एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार को इसकी खबर दी और उनके मार्ग निर्देशन में ये कार्यवाही करते हुए काले कारोबार पर अंकुश लगाने का काम किया। इस कार्यवाही को लेकर लोगों ने एसपी सिटी की कार्यशैली की प्रशंसा की है।

मेरठ पुलिस के उपकप्तान रणविजय, अपराधियों को हर रण में दे रहे मात


मेरठ जोन अपराध उन्मूलन में आज अपने रिकार्ड आंकड़ों के कारण सबसे अलग और ऊपर खड़ा नजर आता है। इसमें योगदान के लिए कुछ लोग तो हमें पर्दे पर साफ नजर आते है, लेकिन मेरठ जोन की इस सफलता के लिए कई लोग ऐसे भी है, जिन्होंने पर्दे के पीछे रहकर काम किया। इनमें एक नाम पीपीएस अधिकारी कुमार रणविजय सिंह का भी है। आज मेरठ में पुलिस उपकप्तान के पद पर तैनात रहकर गुड पुलिसिंग को स्थापित कर रहे रणविजय सिंह ने एडीजी मेरठ जोन कार्यालय में एडीजी प्रशान्त कुमार के स्टाफ अफसर के रूप में बेहतर कार्य किया। उनके कामकाज की आज भी कार्यालय में सराहना होती है। उन्होंने खोये बचपन की तलाश के लिए आॅपरेशन स्माइल पर संवेदनशीलता के साथ काम किया और आज इस आॅपरेशन का देशभर में लागू होना उनकी ही कड़ी मेहनत का फल है।

मूल रूप से बिहार के मोतीहारी ईस्ट चम्पारण में मुकुन्द सिंह के परिवार में 15 जुलाई 1971 को जन्मे कुमार रणविजय सिंह ने पीपीएस की परीक्षा दी। उनका इसमें चयन कर लिया गया। 2001 बैच के पीपीएस अधिकारी कुमार रणविजय को अलीगढ़ में डिप्टी एसपी (सीओ) के रूप में तैनाती मिली। वो जौनपुर में सिटी और मडियाऊ सर्किल में डीएसपी रहे। गाजियाबाद में सीओ रहते हुए कुमार रणविजय सिंह ने गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिए आॅपरेशन स्माइल पर काम किया। इसका प्रपोजल जब उनके द्वारा तत्कालीन एसएसपी गाजियाबाद धर्मेन्द्र सिंह को दिखाया गया तो उन्होंने कुमार रणविजय के काम की प्रशंसा करते हुए इसे स्वीकार करते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। आज ये आॅपरेशन स्माइल माॅडल आईपीएस धर्मेन्द्र की उपलब्धि में देशभर में जाना जाना है और न जाने कितने परिवारों को इस आॅपरेशन के माध्यम से उनके बच्चों से मिलवाया गया। कुमार रणविजय सिंह गाजियाबाद के अलावा मऊ और मेरठ जनपद में भी सीओ के पद पर तैनात रहे। मेरठ में वो सदर, इन्दिरापुरम और सीओ द्वितीय के पदों पर तैनात रहे। यहीं पर उनको एडिशनल एसपी रैंक में प्रोन्नति मिली, तो एडीजी मेरठ जोन कार्यालय में एडीजी प्रशान्त कुमार के स्टाफ आॅफिसर के पद पर तैनात किया गया। यहां कुमार रणविजय ने जोन में अपराध उन्मूलन के लिए एडीजी प्रशान्त कुमार की प्लानिंग को जोन के सभी नौ जिलों से सामंजस्य बिठाकर सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। एडीजी जोन कार्यालय से एडीजी के साथ ही डीजीपी के दिशा निर्देशों का क्रियान्वयन कराने में वो संवेदनशील बने रहे। एडीजी जोन कार्यालय का कायाकल्प भी उनकी योजना का हिस्सा रहा। इसी बीच अपै्रल 2018 में शासन द्वारा मेरठ एसपी सिटी के पद पर तैनात किये गये पीपीएस अफसर श्रीप्रकाश द्विवेदी को एडीजी मेरठ जोन प्रशान्त कुमार का स्टाफ आॅफिसर नियुक्त कर दिया, जबकि कुमार रणविजय सिंह को शासन के द्वारा मेरठ में ही एसपी सिटी की जिम्मेदारी सौंपी। 17 मई 2018 को कुमार रणविजय ने मेरठ जनपद में एसपी सिटी का पदभार संभाला और नई पारी शुरू कर दी। मेरठ में एक लम्बी पोस्टिंग का अनुभव होने के कारण वो इस नयी जिम्मेदारी को भली प्रकार संभाल रहे हैं। उनको एक संवेदनशील अफसरों में शुमार किया जाता है। फर्जी नामजदगी और झूठे मुकदमों को लेकर वो गंभीर बने रहते हैं। एडीजी मेरठ जोन के स्टाफ आॅफिसर रहते हुए उन्होंने कई ऐसे झूठे मामलों में निष्पक्ष कार्यवाही कराने का काम किया। 'आॅपरेशन स्माइल' उनकी सर्विस लाइफ की सबसे बड़ी उपलब्धि है। वो कहते हैं, ''जब इस आॅपरेशन के तहत पहली सफलता मिली और बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया गया तो एक आत्म संतुष्टि हुई कि हम कुछ अच्छा कर पाये। परिजनों की आंखों से कृतज्ञता के जो आंसू निकले, वो आज भी हमें कुछ और बेहतर करने के लिए प्रेरित करते हैं।''

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