शिक्षकों की अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति का प्रस्ताव शासन को भेजा, 15 जुलाई से कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन

शिक्षकों की अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति का प्रस्ताव शासन को भेजा, 15 जुलाई से कर सकेंगे ऑनलाइन आवेदन
  • whatsapp
  • Telegram
  • koo
  • Story Tags

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने शासन के निर्देशों के अनुपालन में बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शेक्षिक सत्र 2019-2020 के लिए शिक्षक-शिक्षकाओं के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रस्तावित स्थानान्तरण नीति के अनुसार अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया के बाद जनपदीय स्थानान्तरण की प्रक्रिया आरम्भ की जायेगी, इसके लिए समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से 10 जुलाई तक उनके जनपद में रिक्तियों ब्यौरा प्राप्त कर लिया जायेगा।

विभागीय अपर मुख्य सचिव को भेजे गये शिक्षक-शिक्षकाओं के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति के प्रस्ताव में बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा है कि जनपद में 31 मार्च 2019 तक पांच वर्ष की संतोषजनक सेवा करने वाले शिक्षक-शिक्षिकाएं अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे, लेकिन दिव्यांग व महिला शिक्षकों पर पांच वर्ष की सेवावधि की बाध्यता नहीं रखी गयी है। अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए आवेदन 15 से 22 जुलाई तक प्राप्त किये जायेंगे। इसके बाद 31 जुलाई तक इस सम्बन्ध सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के लिए आवेदनकर्ताओं को तीन जनपदों का विकल्प देना होगा। उन्होंने अपने प्रस्ताव में कहा है कि जिन शिक्षकों व शिक्षिकाओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही हो, सम्बन्धित बीएसए द्वारा उनका आवेदन अग्रसारित नहीं किया जायेगा। शिक्षा निदेशक ने अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति विषयक अपने प्रस्ताव में कहा है कि ऐसे जनपद जहां शिक्षकों की रिक्ति वहां स्वीकृत पदों के सापेक्ष 15 प्रतिशत से अधिक होगी, वहां से शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं किया जायेेगा। उन्होंने कहा है कि प्राप्त आवेदनों में से वरीयता के आधार पर ट्रांसफर किये जायेंगे।

शिक्षा निदेशक ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि बेसिक शिक्षा अधिकारियों से प्राप्त रिक्तियों के ब्यौरे को विभाग की वेबसाइट पर प्रदर्शित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पति या पत्नी में कोई उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा में है तो यथा सम्भव पति-पत्नी को एक ही जनपद में तैनाती का विकल्प होगा, लेकिन इसे अधिकार के रूप में प्रयोग नही किया जा सकेगा। एकल विद्यालयों में शिक्षक की व्यवस्था होने तक ट्रांसफर होने के बावजूद शिक्षक को कार्यमुक्त नहीं किया जायेगा। प्रस्तावित नीति के अनुसार अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के आवेदन केवल ऑनलाइन ही मान्य होंगे और सम्बन्धित बीएसए की संस्तुति के बाद ही उसपर विचार किया जायेगा। शिक्षा निदेशक के अनुसार ग्रामीण से नगरीय या नगरीय से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानान्तरण नहीं किया जायेगा। इसके साथ ही सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चन्दौली, फतेहपुर, चित्रकूट व बलरामपुर आदि ऐस्पिरेशनल जनपद जहां रिक्तियों की संख्या वहां स्वीकृत पदों से 10 प्रतिशत से अधिक है, सभी बातों के अनुकूल होते हुए भी वहां से ट्रांसफर नहीं किये जायेंगे।

epmty
epmty
Top