राम मंदिर निर्माण कार्य में मिले पौराणिक मंदिरों के अवशेष

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सहारनपुर। सत्य को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती, सत्य अकेला ही खड़ा होता है, हर विपत्ति के समक्ष, और अकेला ही जीत जाता है। इसका सबूत है अयोध्या का 67 एकड़ का श्री राम जन्मभूमि परिसर। श्री राम जन्मभूमि परिसर में 11 मई से जमीन को समतल करने व बैरिकेडिंग हटाने का काम किया जा रहा है। इस पर खुदाई हुई तो बड़ी संख्या में प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं। इनमें पुष्प कलश,मूर्ति युक्त पाषाण स्तंभ और शिवलिंग आदि शामिल है। इससे प्रमाणित होता है कि यहां सदियों पहले विशाल मंदिर होगा। वह जिन्होंने कोर्ट परिसर में कहा था कि राम नाम काल्पनिक है। उन्हें अब अपनी सूरत इस सत्य के आईने में देखने की जरूरत है, हो सकता है देखने वालों की सूरत ही काल्पनिक हो। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि श्री राम जन्मभूमि क्षेत्र की जमीन से खुदाई करने पर कईं हिंदू पिलर, मूर्तियां, देवी देवताओं की मूर्तियां व चिन्ह मिले हैं।



पिछले साल 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आने के बाद विवादित 67 एकड़ भूमि को राम मंदिर के पक्ष में आवंटित किया था। सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को 3 महीने के समय में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का आदेश किया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने 8 फरवरी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट का गठन किया था। यह स्पष्ट हो गया था कि रामलला जिस गर्भगृह में विराजमान थे , वहां विक्रमादित्य युगीन का मंदिर था। उसके बारे में अभी यह कहना मुश्किल है कि यह अवशेष उसी मंदिर के हैं या फिर उसके पश्चात बने अन्य मंदिर के। खुदाई के दौरान मिले अवशेषों से यह इनकार नहीं किया जा सकता कि श्री राम जन्मभूमि स्थल पर बहुत से मंदिरों के पूरावशेषों समाहित है। पूरावशेषों के विषय में अंतिम राय तो विशेषज्ञों के निरीक्षण के बाद ही दी जा सकेगी। यह तो तय है कि श्री राम जन्मभूमि परिसर में देवी देवताओं की स्वर्णिम कथा समाई हुई है। जो धीरे-धीरे सभी के सामने आएगी। अब इन अवशेषों को संरक्षित कर संग्रहालय में भविष्य की पीढ़ियों के लिए रखना चाहिए।

जानकारी के अनुसार अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा की अनुमति के बाद श्री राम जन्मभूमि परिसर में जमीन को समतलीकरण कर पुराने रास्तों को हटाने का कार्य चल रहा है। यह कार्य कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए कर्मियों द्वारा मास्क लगाकर किया जा रहा है। जमीन को समतल करने के बाद यहां पर राम मंदिर के लिए मंच तैयार किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में डोनेशन देने वालों के लिए इनकम टैक्स में छूट प्रदान की गई थी । जिससे ऐतिहासिक राम मंदिर को बनाने में अधिक बल मिलेगा और दान देने वालों को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

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