मंत्री नन्द गोपाल 'नन्दी' जीत रहे जनता का दिल

मंत्री नन्द गोपाल नन्दी जीत रहे जनता का दिल
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लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में अल्पसंख्यक कल्याण की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों को आगे बढ़ाने में जुटे प्रयागराज दक्षिणी विधानसभा सीट से विधायक नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' अपनी कार्यशैली के कारण हरदिल अजीज राजनेता बनकर उभरे हैं। अपने परिवार को संभलाने के लिए तीन दशक का लम्बा संघर्ष कर एक उद्योगपति के बाद एक राजनेता के रूप में उभरे नन्द गोपाल गुप्ता आज जन सामान्य के लिए सरकार और जनता के बीच एक सच्चे 'नन्दी' बनकर ही जनकल्याण की गाथा लिखने का काम कर रहे हैं। उनके कार्यालय में काम का तौर तरीका हो, जनसुनवाई के लिए जनता दरबार हो या फिर सरकार की योजनाओं को शासन व प्रशासन के सहारे जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी को परदर्शी और ईमानदारी के साथ लागू कराने की उनकी नीति और नीयत ने उनको जननायक बनाने का काम किया। बसपा से शुरू उनका राजनीतिक सफर आज भाजपा में परवान चढ़ रहा है, लेकिन उनका अंदाज नहीं बदला है।



23 अप्रैल 1974 को प्रयागराज में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' के कंधों पर किशोरावस्था में ही अपने बड़े परिवार की जिम्मेदारी आ गई। पिता पोस्टमैन थे और सात भाई बहनों के परिवार में नन्द गोपाल गुप्ता आर्थिक चुनौतियों से लड़ते लड़ते एक लड़ाका बन बैठे। आज वह हर मोर्चे पर सफल और नामवर नजर आते हैं, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए नन्द गोपाल को तीन दशक तक कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उद्योग जगत में नाम कमाने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और बसपा से उनको टिकट मिला। उन्होंने इलाहाबाद से चुनाव लड़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी को पराजित कर विधायक बने, इस जीत ने राजनीतिक मैदान में स्थापित किया। इसके बाद वह भाजपा से जुड़े और 2017 के चुनाव में प्रयागराज शहर दक्षिणी सीट से विधायक चुने गए। उनको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कैबिनेट में शामिल किया, पहले वह स्टाम्प एवं पंजीयन व नागरिक उड्डयन मंत्री बने और पिछले दिनों हुए मंत्रिमण्डल विस्तार में उनका कद और भी बढ़ाया गया।

नन्द गोपाल गुप्ता जनता के बीच 'नन्दी' के नाम से मशहूर हैं। आज वह उत्तर प्रदेश सरकार में नागरिक उड्डयन, राजनैतिक पेंशन, अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के मंत्री हैं।


सरकार में बड़े विभागों का मंत्रालय उनके पास होने के बावजूद भी वह सादा जीवन उच्च विचार को प्राथमिकता देते हैं। लोगों की समस्याओं के प्रति इतने संवेदशील हैं कि अपने कार्यालय में न बैठकर स्टाफ कार्यालय में ही बैठकर कामकाज निपटाने के साथ शिकायतों का निस्तारण करते हैं। उनकी कार्यशैली लोगों की समझ से परे है। अक्सर हम सभी देखते हैं कि किसी बड़े मंत्री से मिलना टेढी खीर होता है। लेकिन 'नन्दी' सरकार में मंत्री का रूतबा होते हुए भी जनता के लिए उतने ही सरल और सुलभ हैं, जितने वे साधारण जीवन में रहे हैं। वह अपने निजी सचिव स्टाफ के आॅफिस में बैठकर ही ज्यादा कामकाज करते हैं। वहीं पर विभागीय पत्रावलियों का निपटारे करते हुए उनको आमतौर पर देखा जाता है। इससे उनके कार्यालय का स्टाफ भी जनता के प्रति जवाबदेही के लिए सचेत और सजग रहता है। कामकाज में भी पारदर्शी बनी रहती है। जनता को भी सुनवाई का अच्छा मौका मिलता है। इस कार्यप्रणाली को लेकर मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता 'नन्दी' कहते हैं, ''स्टाफ कार्यालय में बैठकर कार्य करने से जन समस्याओं पर सीधी नजर बनी रहती है, वहीं स्टाफ की कार्यशैली को भी पारदर्शी बनाये रखी जा सकती है। इससे सबसे बड़ी राहत उनको यह मिलती है कि उनके कार्यालय में आने वाले हर फरियादी, शिकायत व समस्या को वह सीधे सुन पाते हैं, लोग संतुष्ट होते हैं तो सरकार की मंशा भी पूर्ण होती है और जनता में एक विश्वास शासन व सरकार के प्रति कायम होता है। यही हमारी सरकार का ध्येय है।'' मंत्री 'नन्दी' इन दिनों जेवर एयरपोर्ट के ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं।

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