यूपी कैबिनेट ने मदरसा मॉडर्नाइजेशन स्कीम को भारत सरकार के मुताबिक खर्च तय किए जाने का फैसला लिया

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लखनऊ उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद ने मदरसा आधुनिकीकरण (एसपीक्यूईएम) योजना को भारत सरकार द्वारा निर्गत नवीन गाइड लाइन्स के अनुसार, नवीनतम नाम, स्कीम फाॅर प्रोवाइडिंग एजुकेशन इन मदरसा (एस0पी0ई0एम0) के अन्तर्गत प्रदेश में आच्छादित मदरसों को केन्द्रांश 60 प्रतिशत तथा 40 प्रतिशत राज्यांश के अनुसार व्यय भार निर्धारण किए जाने का निर्णय लिया है। पूर्व में, मदरसा आधुनिकीकरण योजना शत-प्रतिशत केन्द्र पुरोनिधानित योजना थी।



स्कीम फाॅर प्रोवाइडिंग एजुकेशन इन मदरसा (एस0पी0ई0एम0) के अन्तर्गत आच्छादित मदरसों के शिक्षकों को राज्य सरकार द्वारा पूर्व से दिए जा रहे अतिरिक्त वित्तीय सहयोग को यथावत बनाये रखते हुए वर्ष 2018-19 एवं उसके आगे के वर्षों के लिए राज्यांश 40 प्रतिशत के रूप में वर्ष 2018-19 हेतु 10667.52 लाख रुपए एवं 2019-20 हेतु 10667.52 लाख रुपए अर्थात कुल अतिरिक्त व्यय भार 21335.04 लाख रुपए होगा। इस पर भी मंत्रिपरिषद ने मंजूरी प्रदान कर दी है।


प्रदेश में मदरसा आधुनिकीकरण योजना (एस0पी0क्यू0ई0एम0) के अन्तगर्गत 7442 मदरसे आच्छादित हैं, जिसमें 5212 स्नातक शिक्षक तथा 15,914 परास्नातक/बी0एड0 शिक्षक कार्यरत हैं। इस व्यवस्था से राज्य के अन्तर्गत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।


अरबी फारसी मदरसों के आुधनिकीकरण के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, भारत सरकार नई दिल्ली की योजना स्कीम फाॅर प्रोवाइडिंग एजुकेशन इन मदरसा (एस0पी0ई0एम0) हेतु निर्गत गाइड लाइन्स दिनांक 29 अक्टूबर, 2008 के अनुसार उत्तर प्रदेश में लागू है।

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