पै़गाम-ए-इंसानियत के मंच से लगे "जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल' " और "नारे तकबीर अल्लाह-हू-अकबर" के नारे

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मुजफ्फरनगर।गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व के अवसर पर 2 जून को बिदर (कर्नाटक) के गुरुद्वारा नानक झीरा से चली यात्रा के आज मुज़फ्फ़रनगर पहुंचने पर पैग़ाम-ए-इंसानियत के साथ मुस्लिम उलेमाओं ने मिलकर मीनाक्षी चौक पर यात्रा का ऐतिहासिक स्वागत किया जिसे सिख समाज के लोगो और धर्मगुरुओं ने खूब सराहा तथा एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी।


जो बोले सो निहाल, सतश्री अकाल




मीनाक्षी चौक पर यात्रा के स्वागत-सत्कार की जिम्मेदारी पैग़ाम-ए- इंसानियत के सुपुर्द की गई


स्वागत -सत्कार की जिम्मेदारी पैग़ाम-ए- इंसानियत को




दरअसल गुरुद्वारा नानक झीरा से चली ये यात्रा 19 राज्यों का सफर तय करने के बाद वापिस कर्नाटक पहुंचेगी पिछले दिनों लखनऊ पहुंचने पर इस यात्रा का स्वागत कार्यक्रम खुद मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर रखा था।


अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य सरदार सुदर्शन सिंह बेदी के साथ पै़गाम -ऐ -इंसानियत की टीम




मुजफ्फरनगर के सिख समाज के सभी आम और खास इस यात्रा के स्वागत की तैयारी में पिछले कई दिनों से लगे थे तथा हर संभव कोशिश इस बात की थी कि किसी तरह से यात्रा में कोई कमी ना रहे इसी बीच पैगाम-ए-इंसानियत के अध्यक्ष आसिफ राही ने सिख समाज के लोगों से संपर्क साध इस बात की इच्छा जाहिर की कि वह इस यात्रा में साथ आ रहे पंच प्यारों और गुरु ग्रंथ साहब का स्वागत मुस्लिम समाज की ओर से करना चाहते हैं जिसे सिख समाज ने सर आंखों पर लेते हुए इस फैसले का स्वागत किया और मीनाक्षी चौक पर यात्रा के स्वागत-सत्कार की जिम्मेदारी पैग़ाम-ए- इंसानियत के सुपुर्द की गई।

पैगाम ए इंसानियत ने गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व के श्रद्धालुओं व आम जनमानस के लिये जलपान की व्यवस्था की


इसी क्रम में आज पैगाम ए इंसानियत के सदस्यों के साथ जमीअत उलेमा और विभिन्न मुस्लिम संगठनों के जिम्मेदार और धर्म गुरु सुबह से इस यात्रा के स्वागत की तैयारी में लगे थे यात्रा के स्वागत मे साथ चल रहे श्रद्धालुओं व आम जनमानस के लिये जलपान की व्यवस्था थी।


गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व यात्रा





गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व यात्रा की झलकियां




गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व यात्रा की झलकियां




गुरु नानक देव साहिब जी के 550वे प्रकाश पर्व पर सिख समाज भजन कीर्तन कर रहे हैं चारों तरफ गुरुवाणी की गूंज सुनाई देती रही। साथ ही साथ सिख समाज के लोगों ने स्वच्छता का संदेश देते हुए रास्ते भर की सफाई की।



सिख समाज स्वच्छता का संदेश देते हुए




साथ ही फूल मालाओं के साथ यात्रा पर फूलों की वर्षा का पूरा इंतजाम किया गया था लगभग 3:00 बजे यात्रा मीनाक्षी चौक पहुंची जिसमे सबसे पहले एक लंबी कतार में मोटरसाइकिल और कार सवार सिख समाज के नव युवक आगे चल रहे थे उनके पीछे पैदल महिलाएं और बच्चे सड़क को साफ करते चल रही थी इसके बाद फूलों की वर्षा से सड़क को पंच प्यारों व गुरु ग्रंथ साहिब की के लिए तैयार करते चल रहे थे।

पैग़ाम-ए-इंसानियत के साथ मुस्लिम धर्म गुरु व मुस्लिम समाज के सैकडों लोग यात्रा के स्वागत के लिये यही इकट्ठा थे

पैग़ाम-ए-इंसानियत के साथ मुस्लिम धर्म गुरु व मुस्लिम समाज के सैकडों लोग यात्रा के स्वागत के लिये यही इकट्ठा थे जिन्होंने गुलाब के पत्तियों की यात्रा मे चल रहे लोगो पर वर्षा की तथा सिख समाज के जिम्मेदार लोगो का फूल मालाओ से स्वागत किया और इसके साथ ही पंच प्यारों का मुस्लिम धर्म गुरुओं द्वारा शाल ओढाकर सम्मान किया गया सिख मुस्लिम एकता के इस भव्य मिलन का नज़ारा अद्भुत था जिस हर किसी ने सराहा मुस्लिमों ने वाहे गुरू का खालसा तो सिखों ने नारे तकबीर के नारे लगायें सिख समाज के लोग मुस्लिमों के इस प्यार से इतने अभिभूत थे कि कई लोगो की एक दूसरे के गले मिलते समय आंखे छलक गई यात्रा मे बिदर से साथ चल रहे लोगो ने बताया कि कर्नाटक से आ रही इस यात्रा को इतना प्यार और सम्मान कही नही मिला हम अपने मुस्लिम भाईयों के इस प्यार को हमेशा याद रखेगे।

भारत की एकता और अखंडता की हिफाज़त उसी वक्त हो सकती है जब हम एक दूसरे के धर्मों की इज्जत करेंगे और एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होंगे ~आसिफ राही


पैग़ाम-ए-इंसानियत अध्यक्ष ~आसिफ राही





इस अवसर पर पैग़ाम-ए-इंसानियत के अध्यक्ष आसिफ राही ने कहा कि भारत की एकता और अखंडता की हिफाज़त उसी वक्त हो सकती है जब हम एक दूसरे के धर्मों की इज्जत करेंगे और एक दूसरे के त्योहारों में शामिल होंगे उन्होंने कहा कि यह देश लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र तभी बचाया जा सकता है जब हम सभी आपसी भाईचारा भाईचारा बना कर रखे तभी देश के गंगा जमुनी तहज़ीब के ताने-बाने को मजबूत किया जा सकता है।


यात्रा के स्वागत मे मुख्य रूप से मौलाना कासिम, काजी मोहम्मद अली अल्वी, मौलाना नजर मोहम्मद,एस राशिद अली, मौलाना मूसा कासमी, हाजी शाहिद त्यागी, मौलाना ताहिर कासमी, गौहर सिद्दीकी,मास्टर नज़र खान, मौलाना जुनैद, इकराम कस्सार, प्रधान मुरसलीन,तोहीद त्यागी, दिलशाद पहलवान, आलमगीर रथेड़ी, अन्नू सभासद, नौशाद कुरैशी सभासद, डॉक्टर शाहवेज़ राव, फैजान अंसारी, अमीर आजम कल्लू, दिलशाद अंसारी, फरहान खान, शाहजेब खान, हकीम रब्बानी, इरशाद अंसारी, शहजाद कुरेशी, अजीम खान, शुजा-उर-रहमान, जिया-उर-रहमान, सैफ राही, शहजाद राही, आसिफ खान, यासीन राईन, मोबीन राईन, नौशाद राईन, नसीम हैदर जैदी आरिफ भाई उपस्थित रहे ।

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