मुजफ्फरनगर में डीएम राजीव शर्मा की बड़ी जीत, पं. दीनदयाल नगर की अड़चन हुई दूर

मुजफ्फरनगर में डीएम राजीव शर्मा की बड़ी जीत, पं. दीनदयाल नगर की अड़चन हुई दूर
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मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में जिला प्रशासन को योजना का शिलान्यास समारोह आयोजित होने से पहले ही बड़ी खुशी का पल मिला है। इस योजना की भूमि अधिग्रहण के साथ ही शुरू हुए एक विवाद को लेकर न्यायालय में प्रशासनिक पक्ष की जीत हुई है। इस योजना के अन्तर्गत जिलाधिकारी राजीव शर्मा के मार्ग निर्देशन में मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण के द्वारा मेरठ रोड पर राना हाउस के पास निर्मित कराये जा रहे पंडित दीन दयाल नगर का शिलान्यास एक नवम्बर को प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना के द्वारा किया जायेगा। इससे पहले ही न्यायालय में मिली जीत ने प्रशासन का उत्साह दोगुना कर दिया है।

बता दें कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण को भूमि तलाशने का जिम्मा दिया था। एमडीए के अधिकारियों ने मेरठ रोड पर राना हाउस के पास जिला सहकारी बैंक के पूर्व सभापित कुंजबिहारी अग्रवाल की भूमि का चयन किया। इसके लिए कुंजबिहारी अग्रवाल ने अपने स्वामित्व वाले खसरा नम्बर 1608 का बैनामा प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अन्तर्गत पंडित दीन दयाल नगर के लिए कर दिया था। इस भूमि पर बसपा नेता और पूर्व सांसद कादिर राना एवं उनके परिजन अपना स्वामित्व बताते हुए विरोध कर रहे थे। उनके द्वारा जिला प्रशासन और शासन को विवाद का समाधान होने तक एमडीए के अधीन इस भूमि पर निर्माण कार्य रुकवाने की मांग की। इस पर कार्यवाही नहीं होने पर कादिर राना के पुत्र शाह मौहम्मद व अन्य परिजनों ने सिविल जज (जूनियर डिविजन) एफटीसी प्रतिभा के न्यायालय में मुकदमा संख्या 301/2018 दायर कर दिया। शाह मौहम्मद आदि बनाम कुंज बिहारी अग्रवाल के इस मुकदमे में जिला प्रशासन और राज्य सरकार का पक्ष रखने के लिए जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने तरूण गोयल एडवोकेट को जिम्मेदारी सौंपी। तरूण गोयल एडवोकेट बताते हैं कि शाह मौहम्मद आदि ने न्यायालय में आदेश नियम 7 के अन्तर्गत ये प्रार्थना पत्र दिया कि कंुजबिहारी अग्रवाल ने गलत तरीके से बैनामा एमडीए के पक्ष में कर दिया है, इसकी सीमा भी सही नहीं है। इसलिए इस पर योजना के लिए निर्माण कार्य नहीं कराया जाये। तरूण गोयल ने बताया कि उन्होंने इसके जवाब मे न्यायालय को बताया कि धारा 24 के अन्तर्गत राजस्व सम्बंधी मामलों में सीमा निर्धारण के लिए सुनवाई का अधिकार राजस्व परिषद् के पास है, सिविल कोर्ट इसकी सुनवाई नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर को न्यायालय में सुनवाई के बाद सिविल जज (जू.डि.) ने उनकी अपील से सहमति व्यक्त करते हुए नियमानुसार फैसला सुनाते हुए शाह मौहम्मद आदि की आपत्ति को नकारते हुए ये मुकदमा खारिज कर दिया और उनको सीमा सम्बंधित विवाद होने के कारण राजस्व परिषद् के न्यायालय में जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह बड़ी जीत है, क्योंकि एक नवम्बर को जिले के प्रभारी मंत्री सतीश महाना इसी योजना का शिलान्यास करने के लिए जिे में आ रहे हैं। इससे जिला प्रशासन में भी उत्साह बना हुआ है। तरूण गोयल एडवोकेट ने इस जीत के लिए अपनी फेसबुक वाॅल से सभी संदेश देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान उनको अनेक धमकी भरे संदेश दिये गये। इसके बावजूद वो लड़े और जीत मिली। उन्होंने लगातार विश्वास बनाये रखने के लिए जिलाधिकारी का भी आभार व्यक्त किया है।

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