मुजफ्फरनगर में डीसीओ डाॅ. आरडी द्विवेदी काम से जीत रहे दिल

मुजफ्फरनगर में डीसीओ डाॅ. आरडी द्विवेदी काम से जीत रहे दिलसहारनपुर में दया शुगर मिल गागलहेडी के शुभारंभ पर गन्न मंत्री सुरेश राणा के साथ डीसीओ डाॅ. आरडी द्विवेदी।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान हमेशा ही बड़ा मुद्दा रहे, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गन्ना विकास राज्यमंत्री सुरेश राणा की सार्थक और सकारात्मक जुगलबंदी ने यूपी में गन्ना राजनीति का अध्याय ही विकास की पटरी पर लाकर बदलने का काम किया। आज प्रदेश में ऐतिहासिक स्तर पर गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया और किसानों के साथ ही चीनी उद्योग को भी सरकार ने संजीवनी देने का काम किया। गन्ना किसान की राजनीति के लिए देशभर में प्रसिद्ध मुजफ्फरनगर में भी गन्ना विभाग का कामकाज सराहनीय रहा और जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी के द्वारा लागू प्रतिदिन किसानों को भुगतान कराने की व्यवस्था के चलते करीब 84 प्रतिशत गन्ना मूल्य किसानों के खातों तक पहुंचाया जा चुका है।

उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान राज्य होने के कारण हमेशा ही देश की किसान राजनीति का केन्द्र बिन्दु रहा है, यही कारण रहा है कि यूपी में गन्ना किसान का मुद्दा सियासत में हलचल पैदा करने वाला रहा। यूपी में 2017 में सत्ता परिवर्तन के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा करने का दबाव विपक्ष ने बनाने का प्रयास किया, लेकिन सीएम योगी ने अपनी पहली की कैबिनेट मीटिंग में कर्जमाफी का विशेष बजट प्रस्ताव पारित कराकर साफ कर दिया था कि किसान उनके एजेंडे में सबसे ऊपर है और डेढ़ साल की सरकार के बाद आज किसानों का बकाया गन्ना मूल्य दिलाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुगर मिलों को 500 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराकर इसे साबित भी किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गनिर्देशन में गन्ना एवं चीनी उद्योग विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सुरेश राणा और प्रमुख सचिव एवं गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी के द्वारा किये जा रहे प्रयासों के चलते प्रदेश में किसानों का बकाया गन्ना मूल्य दिलाने में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की जा रही है। इसी कड़ी में मुजफ्फरनगर जनपद में भी गन्ना मूल्य का भुगतान ऐतिहासिक स्तर पर किया गया है। शासन के दिशा-निर्देशों पर जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी ने मुजफ्फरनगर में चार्ज संभालने के बाद से ही बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के साथ ही गन्ना सर्वे निष्पक्ष और ईमानदार व्यवस्था के साथ कराने का काम किया। जनपद मुजफ्फरनगर में स्थित आठ चीनी मिलों खतौली, तितावी, भैंसाना, मन्सूरपुर, टिकौला, खाईखेडी, रोहाना और मोरना सहकारी चीनी मिल से पैराई सत्र 2017-18 में आपूर्ति किये गये गन्ना के लिए 84 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। ये पहला अवसर है, जबकि नया सीजन शुरू होने से पूर्व इतने बड़े स्तर पर गन्ना मुल्य का भुगतान किया गया है। जिलाधिकारी राजीव शर्मा के निर्देशन में डीसीओ डाॅ. आर.डी. द्विवेदी ने पैराई सत्र 2018-19 के लिए भी जनपद में निष्पक्ष सर्वे कराकर बेहतर व्यवस्था लागू की। इस साल सरकार की मंशा के अनुसार जनपद में दिवाली से पहले ही चीनी मिलों में गन्ना पैराई शुरू करा दी जायेगी। डीसीओ डाॅ. आर.डी. द्विवेदी यहां आने से पहले सहारनपुर जनपद में तैनात रहे और वहां पर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं गन्न मंत्री सुरेश राणा की योजनाओं को गन्ना किसानों के हितों में लागू कराने और सात साल से बन्द पड़ी गागलहेडी की दया शुगर मिल को पुनः चालू करवाने में उन्होंने सराहनीय कार्य किया।

मुजफ्फरनगर में गन्ना किसानों को 2487 करोड़ रुपये का भुगतान

मुजफ्फरनगर जनपद में 15 मई 2018 तक चीनी मिलों को किसानों द्वारा आपूर्ति किये गये गन्ने के मूल्य का भुगतान कर दिया गया है। पैराई सत्र 2017-18 में जनपद की आठ चीनी मिलों में किसानों ने 932.65 लाख कुन्तल गन्ना आपूर्ति किया। इसमें खतौली शुगर मिल को सर्वाधिक 221.21 लाख कुन्तल गन्ना आपूर्ति किया गया। ज्यादा गन्ना होने के कारण पहली बार मिलों को मई तक चलवाया गया। इस सीजन के लिए जनपद के किसानों का आठ शुगर मिलों पर 2984.34 करोड़ रुपये से अधिक गन्ना मूल्य बकाया हो गया। 22 अक्टूबर 2018 तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनपद मुजफ्फरनगर में 2487.30 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी प्रतिदिन गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा करने के साथ शासन को रिपोर्ट कर रहे हैं। जनपद में शुगर मिलों पर वर्तमान में बीते पैराई सत्र के लिए 497 करोड़ रुपये ही शेष रह गया है। प्रतिदिन भुगतान होने के कारण नया सीजन शुरू होते होते जनपद की शुगर मिलों पर गन्ना मूल्य शेष नहीं रहेगा, ऐसा हुआ तो ये ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। मुजफ्फरनगर में 83.35 प्रतिशत बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जा चुका है। 22 अक्टूबर को ही भैंसाना शुगर मिल बुढ़ाना के द्वारा 404 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। डीसीओ डाॅ. आर.डी. द्विवेदी कहते हैं कि सरकार की सकारात्मक मंशा के अनुसार पहली बार गन्ना मूल्य भुगतान की व्यवस्था सुलभ हो पायी है। मुख्यमंत्री खुद इसकी माॅनीटरिंग करते हैं और गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा तथा गन्ना आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने प्रतिदिन गन्ना भुगतान की बेहतर व्यवस्था को लागू कराया। जिलाधिकारी राजीव शर्मा के मार्ग निर्देशन में हम ये उपलब्धि हासिल कर रहे हैं।

बलरामपुर से मुजफ्फरनगर तक किसानों को किया प्रेरित


मुजफ्फरनगर। जनपद में गन्ना और किसान सत्ता के शिखर को हिलाने की ताकत रखते हैं। यहां गन्ने के सहारे किसान परिवारों में खुशहाली का रस घोलने के लिए जिला गन्ना अधिकारी डाॅ. आर.डी. द्विवेदी सहारनपुर में 'कमाल' करने के बाद मुजफ्फरनगर आये और यहां पर पहले ही दिन से काम में जुट गये। सरकार की मंशा के अनुसार सहकारी गन्ना विकास समितियों को टीडीएस का धन दिलाने के लिए उन्होंने प्राथमिकता पर काम किया। मूल रूप से गोण्डा जनपद की मानकपुर तहसील के निवासी डाॅ. आरडी द्विवेदी का पिछले दिनों शासन ने मुजफ्फरनगर जिला गन्ना अधिकारी के पद पर तबादला किया। वो सहारनपुर में तैनात थे। गन्ना विकास विभाग में आरडी द्विवेदी ने 2005 में सीनियर गन्ना निरीक्षक के पद पर नौकरी की शुरूआत की। साल 2010 में उनको बलरामपुर जनपद में डीसीओ के पद पर तैनात किया गया। इसके बाद वो 2012 से 2014 तक बस्ती और जुलाई 2014 से अगस्त 2018 तक सहारनपुर में जिला गन्ना अधिकारी के पद पर तैनात रहे। जब वो सहारनपुर में आये तो देखा कि जनपद की आठ शुगर मिलें पर्याप्त गन्ना नहीं मिलने के कारण संकट से जूझ रही थी और तीन चीनी मिलें बन्द कर दी गयी थी। पांच मिलों को भी उनकी क्षमता के अनुरूप गन्ना नहीं मिल पा रहा था। उन्होंने जनपद में मिल क्षेत्र में सर्वे कराकर गन्ना क्षेत्र बढ़ाया, किसानों को अगेती प्रजाति की ज्यादा पैदावार के लिए प्रेरित किया और साल 2017 का पेराई सत्र रिकाॅर्ड उपलब्धि भरा रहा। जहां पिछले साल 225 लाख कुन्तल गन्ने की पैराई हुई, वहीं उनके कार्यकाल में 482 लाख कुन्तल गन्ना मिलों तक पहुंचाया गया। इससे सहारनपुर का चीनी परता भी 10 प्रतिशत से ज्यादा के औसत पर रहा। मुजफ्फरनगर में चार्ज संभालने के बाद उन्होंने बकाया गन्ना भुगतान कराने पर विश्ेाष योजना के साथ काम किया और अक्टूबर तक वो 83.34 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान करा चुके हैं। गन्ना एवं चीनी उद्योग विकास मंत्री सुरेश राणा ने प्रदेश में गन्ना किसानों को सरकारी योजनाओ का लाभ दिलाने के लिए डी.बी.टी. (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) में पंजीकरण कराने पर विशेष जोर दिया, तो डीसीओ डाॅ. आर.डी. द्विवेदी ने इसके लिए मुजफ्फरनगर में संवेदनशीलता से काम किया और किसानों के बीच जाकर इसकी जानकारी देने के साथ ही शुगर मिलों को भी इसके लिए पे्ररित किया।

epmty
epmty
Top