प्रशांत कुमार के नेतृत्व में कप्तान दिनेश कुमार पी. के गुडवर्क से पंजाब तक मची हलचल

प्रशांत कुमार के नेतृत्व में कप्तान दिनेश कुमार पी. के गुडवर्क से पंजाब तक मची हलचल

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में पुलिस हर चुनौती को बखूबी स्वीकार करते हुए बदमाशों के हौसल पस्त करने का काम कर रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपराधियों के गढ़ माने जाने वाले जनपद शामली में जब बदमाशों ने पुलिस कर्मियों पर हमला कर दो सरकारी रायफल लूट की वारदात को अंजाम दिया था, तो पुलिस के साथ ही सरकार के इकबाल पर भी सवाल खड़े हुए थे, लेकिन अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन प्रशांत कुमार के नेतृत्व में शामली एसपी दिनेश कुमार पी. ने इस चुनौतीपूर्ण घटना का ना सिर्फ खुलासा किया, बल्कि एक बड़ी आपराधिक साजिश का पर्दाफाश किया, जिससे उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक हलचल मची है।


बता दें कि 2 अक्टूबर को शामली जनपद से बदमाशों के गिरोह ने पुलिस पर हमला कर दो सरकारी रायफलों को लूट लिया था। इस चुनौतीपूर्ण वारदात को एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने स्वीकार करते हुए बदमाशों के हौसलों को तोड़ने के लिए शामली एसपी दिनेश कुमार पी. के साथ मिलकर पुलिस की स्वाट टीम को लगाया और खुद मार्ग दर्शन करते रहे। इसके साथ ही इन बदमाशों को पकड़ने के लिए एडीजी प्रशांत कुमार ने सहारनपुर परिक्षेत्र के डीआईजी शरद सचान और शामली एसपी दिनेश कुमार पी. के साथ एक विशेष टीम को भी मदद के लिए लगाया। इस घटना में उनकी कार्यशैली का असर जल्द ही देखने को मिला और एक पखवाडे से पहले ही शामली पुलिस कप्तान दिनेश कुमार पी. ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए बदमाशों द्वारा पेश की गयी इस चुनौती को बेहतरीन रिजल्ट के साथ पूरा किया। पुलिस की इस उपलब्धि को साझा करने के लिए एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार शामली में पहुंचे और डीआईजी शरद सचान व कप्तान दिनेश कुमार पी. के साथ खुद मीडिया के सामने आये और 'गुडवर्क' की जानकारी दी। पे्रस कांफ्रेंस में मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया, ''इस केस के खुलासे के लिए एसपी शामली दिनेश कुमार पी. के साथ मिलकर पुलिस टीम ने कड़ी मेहनत की और अपने नेटवर्क की मदद से बदमाशों को गिरफ्तार किया। साथ ही हथियारों की बरामदगी के साथ वारदात के मकसद का भी खुलासा किया है। खालिस्तान समर्थक इन बदमाशों ने दो अक्टूबर की रात को शामली के बिडौली चैकपोस्ट पर रात में ड्यूटी कर रहे हैड कास्टेबल संसार सिंह और होमगार्ड संजय वर्मा को गोली मारकर इंसास राइफल समेत दो राइफलें लूटी थीं। वारदात के वक्त आधा दर्जन बदमाश बाइकों पर सवार होकर आये थे जिनमें बदमाशों का मास्टरमाइंड जर्मन और कर्मा समेत एक तीसरा बदमाश भी शामिल था। 14 अक्टूबर की रात शामली पुलिस की स्वाट, सर्विलांस और झिंझाना थाने की टीम मुखबिर की सूचना पर बदमाशों की टोह लेने पहुंची। खबर मिली थी कि हथियार लूटने वाले बदमाश अपने सरगना को हथियार सौंपने निकल रहे हैं। ये हथियार ट्रक में छुपाकर पंजाब भेजे जाने थे। चैसाना से पुलिस ने बदमाशों का पीछा करना शुरू किया और रंगाना फार्म के गुरूद्वारे से आगे जंगल में जाकर बदमाशों को घेर लिया। मुठभेड़ में दो बदमाशों को गोली लगी और पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। उनका एक साथी मौके से भागने के बाद काम्बिंग में 30 एमएम की एक पिस्टल-कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया। एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के अनुसार, ''लूटी गयी पुलिस की राइफलों का इस्तेमाल पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की हत्या के लिए होना था। खालिस्तान समर्थकों को रैली में इन हथियारों का इस्तेमाल हमले के दौरान करना था। पुलिस ने मुठभेड़ में तीन बदमाशों हरियाणा के करनाल का अमरीत उर्फ अमृत, सहारनपुर का गुरजेन्ट उर्फ जिन्टा और शामली के झिंझाना का करमसिंह को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस बदमाशों के पास से लूटी गई राइफलें बरामद की हैं। अमरीत उर्फ अमृत ने पुलिस को बताया कि उनका सरगना शामली का जर्मन है। लूट की वारदात में पांचवें बदमाश का नाम कर्मा है। जर्मन ने एक बड़े नेता की हत्या के लिए हथियार इकठ्ठे किये हैं। इन हथियारों को पंजाब के रोपड़ जिले के एक गांव में रखा गया है। रैलियों में इन हथियारों का इस्तेमाल होना है। अमृत ने यह भी बताया की खालिस्तान लिबरेशन के विरोधी होने के कारण ये नेता खालिस्तान समर्थकों के निशाने पर है। एडीजी प्रशांत कुमार की अगुवाई में शामली एसपी दिनेश कुमार पी. के द्वारा किये गये इस 'गुडवर्क' से पंजाब तक हलचल मच गयी है। एडीजी प्रशांत कुमार ने इस 'गुड वर्क' में शामिल रही पूरी टीम के लिए 50 हजार रूपये के इनाम की घोषणा की है। इन बदमाशों का असल मकसद पंजाब में आतंक फैलाना था, ये लोग खालिस्तान लिबरेशन फ्रन्ट से जुड़े रहे हैं।

मेरठ जोन में कायम है 'एग्रीसिव पुलिसिंग' का जोश


उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार 19 महीने का कार्यकाल पूर्ण करते हुए ऐतिहासिक उपलब्धियों की ओर अग्रसर है। ऐसे में योगी की यूपी में पुलिस का मनोबल लगातार बढ़ता नजर आता है। मेरठ पुलिस जोन में तो 'एग्रीसिव पुलिसिंग' का जोश आॅपरेशन क्लीन के पहले दिन जैसा ही आज भी बरकरार है। अपराधियों के सफाये और अपराधों के खुलासे में यूं तो पूरे प्रदेश में काम हुआ, लेकिन जो उपलब्धि मेरठ जोन में हुई पुलिसिंग से राज्य सरकार के हिस्से में आयी है, इसमें मेरठ जोन के आकड़ों का कोई सानी साबित नहीं हो पा रहा है। एडीजी प्रशांत कुमार के मेरठ जोर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अपराध उन्मूलन में ये जोन न केवल सूबे में अव्वल बना है, बल्कि अपराधियों की कब्रगाह साबित हुआ है। अभी तक इस जोन के नौ जिलों में अपराधियों के खिलाफ 'एग्रीसिव पुलिसिंग' का जोश ठण्डा नहीं पड़ा है। एडीजी प्रशांत कुमार जोन में 400 दिन से ज्यादा का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। इस कार्यकाल में मेरठ जोन में सुन्दर भाटी गिरोह के कुख्यात बदमाश ढाई लाख रुपये के इनामी बलराज भाटी, लखटकिया शमीम सहित 40 कुख्यात बदमाशों को पुलिस ढेर कर चुकी है। अब शामली में रायफल लूटकांड का पर्दाफाश करते हुए बदमाशों की गिरफ्तारी से पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल की हत्या की साजिश का भंडाफोड़ कर एडीजी प्रशांत कुमार ने अपनी नेतृत्व क्षमता के साथ की कार्यशैली को भी साबित करने का काम किया है।

साल 1990 बैच के आईपीएस अफसर प्रशांत कुमार को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 15 जुलाई 2017 को मेरठ जोन में अपर पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात किया। उनकी तैनाती के बाद से ही मेरठ जोन अपराधमुक्त अभियान में प्रदेश में न सिर्फ अव्वल चल रहा है, बल्कि सूबे के बाकी सात जोन में अपराधियों के खिलाफ उपलब्धि में 40 बदमाशों का एनकाउंटर में खात्मा करने के साथ ये जोन अपराधियों के लिए कब्रगाह साबित हुआ है। आईपीएस प्रशांत कुमार मूल रूप से बिहार राज्य के सिवान जनपद के हाजीपुर में 16 मई 1965 को जन्में। उनके पिता स्व. ललन प्रसाद बिहार के हाजीपुर में टीचर के रूप में कार्यरत रहे। प्रारम्भिक शिक्षा हाजीपुर और सिवान में ही हुई, इसके बाद प्रशांत कुमार दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र बने। भूगर्भ शास्त्र विषय से विज्ञान में स्नातक करने के साथ आपदा प्रबंधन में एमबीए किया। प्रशांत कुमार डिफेंस एण्ड स्ट्रेटेजिक स्टडीज विषय से मास्टर आॅफ फिलोस्फर (एम.फिल.) भी हैं। उनके परिवार से कोई भी सिविल सर्विस में चयनित नहीं रहा है।



हर चुनौती से जूझते का जज्बा रखते हैं आईपीएस दिनेश कुमार पी.

मूल रूप से दक्षिण भारत के प्रमुख राज्य तमिलनाडु के सेलम जिले के निवासी आईपीएस दिनेश कुमार पी. किसी भी दबाव में नहीं टूटते हैं, इसलिए ही वो जिलों में कम टिक पाते हैं, लेकिन उनको इसकी परवाह नहीं है। वो जितने दिन कुर्सी पर रहते हैं, बिना किसी दबाव और तनाव के केवल अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था को लेकर काम करते हैं। हर चुनौती से जूझते का जज्बा इस आईपीएस में कूटकर भरा हुआ है।


शामली एसपी के रूप में सिपाहियों से रायफल लूटकांड का खुलासा 12 दिनों के भीतर ही करने में उन्होंने सफलता तो पाई ही, इसके साथ पंजाब मे फिर से आंतक फैलाने की साजिश का भंडाफोड़ किया। 24 जून 2018 को 2009 बैच के इस आईपीएस अफसर ने शामली जनपद में पुलिस अधीक्षक पद पर चार्ज संभाला था। चार्ज संभालने के बाद यूं तो उन्होंने अनेक सराहनीय कार्य किये और अपराधियों में खौफ भी पैदा किया, लेकिन कैराना कोतवाली क्षेत्र में मन्ना माजरा में पशु व्यापारी से लूट की वारदात का पांच मिनट में उनके द्वारा खुलासा कर दिया गया। इस लूट में जब मौके पर पहुंचकर उन्होंने पीड़ितों से पूछताछ की तो वो समझ गये कि लूट की कहानी फर्जी है और पांच मिनट में इसका खुलासा कर अपनी सूझबूझ का परिचय दिया। इसके अलावा बालक की अपहरण के बाद हत्या एक चुनौती बनी, तो उन्होंने खुद आगे आकर इस पर काम किया और सुबूतों के साथ घटना का अनावरण किया। अगस्त माह में एसपी दिनेश कुमार पी. कैराना में वो स्कूली छात्राओं के बीच भाई बनकर पहुंचे और मनचलों की शिकायत पर खुद कार्यवाही करते हुए आर्य कन्या इण्टर काॅलेज में पहुंचकर छात्राओं से हाथ पर राखी बंधवाकर विश्वास दिलाया कि जब तक वो जिले में हैं, उनको वो भाई माने और मनचलों से घबरायें नहीं। उन्होंने उनकी सुरक्षा का जिम्मा खुद लिया। इस आईपीएस की कार्यशैली और हर दबाव को नकारकर निष्पक्ष व ईमानदारी से अपने कार्य को अंजाम देने की उनकी आदत का स्पष्ट प्रमाण ये है कि 6 साल के भीतर ही उनका 15 बार तबादला किया गया। तबादलों की वजह जानने के बजाये वो अपना काम ईमानदारी से करने पर फोकस रखते हैं। वो कानपुर में एसपी सिटी, आगरा, झांसी और इटावा में एएसपी और 36वीं बटालियन पीएसी में कमांडर के पद पर तैनात रहे। एसपी के पद पर उनकी पहली पोस्टिंग अलीगढ़ में हुई। इसके अलावा वो बिजनौर, कन्नौज, हमीरपुर, फर्रुखाबाद में भी एसपी के पद पर तैनात रहे। वर्तमान में शामली में पुलिस अधीक्षक है।

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