महिलाओं को स्वरोजगार देने की मुहिम में जुटे डीएम राजीव शर्मा

महिलाओं को स्वरोजगार देने की मुहिम में जुटे डीएम राजीव शर्मा
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मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने जनपद में अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक काम करने का काम किया है। महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने जिस प्रकार से ड्रेस वितरण योजना को महिला स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर अभिनव पहल की गयी, वहीं अब वो एक ऐसी योजना पर काम करने जा रहे है, जिसके कारगर होने से वल्र्ड रिकार्ड भी बनने की संभावना है। डीएम राजीव शर्मा की पहल पर बैंक जनपद में पहली बार आपके द्वार आकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध करायेंगे। इसके लिए प्रत्येक स्वयं सहायता समूह में प्रत्येक महिला सदस्य को 15-15 हजार रुपये का लोन दिलाये जाने की तैयारी है। इस योजना से एक साथ ही करीब 10 हजार महिलाओं को खुद का रोजगार लगाने के लिए बैंकों से सस्ती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध होगा। ये अभिनव योजना जनपद के इतिहास में एक विश्व रिकार्ड भी स्थापित करने वाली साबित होगी।

बता दें कि मुजफ्फरनगर जनपद में दो फरवरी 2018 को जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार ग्रहण करने वाले आईएएस राजीव शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान जनहित के लिए कई सराहनीय कार्य किये। उनके द्वारा जनपद में बुखार की रोकथाम के लिए कई माह पूर्व से ही होम्योपैथिक ज्वर रोधी दवा पिलाओ अभियान का सकारात्मक परिणाम सामने आ रहा है। इसके अलावा उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के अन्तर्गत निःशुल्क डेªेस वितरण योजना को ना सिर्फ कारगर साबित किया, बल्कि इससे ग्रामीण अंचलों में महिला सशक्तिकरण की अलख भी जगाने का काम किया। एक ड्रेस की कीमत सरकारी स्तर पर 200 रुपये तय की गयी, जनपद में 3.40 लाख छात्र-छात्राओं को ये डेªस वितरित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने ड्रेस तैयार कराने के लिए ग्रामीण अंचलों में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों से बेसिक शिक्षा विभाग का करार कराया। हालांकि संख्या ज्यादा होने के कारण और समय से ड्रेस वितरण हो, तो इसके लिए ठेकेदारों से और टेलर्स से सभी ड्रेस सिलवाई गयी, लेकिन इस कदम ने नये रास्ते खोलने का काम किया और इससे 'आम के आम गुठलियों के दाम' जैसी स्थिति बनी। स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसर मिले और सरकारी धन की बचत भी हुई। स्वयं सहायता समूहों से तैयार करायी गयी ड्रेस पर 120 रुपये का खर्च आया। इस प्रकार एक ड्रेस पर 70 से 80 रुपये की बचत हुई।

अब इसी प्रकार की एक अभिनव योजना को लेकर डीएम राजीव शर्मा ने जनपद में काम शुरू कराया है। उन्होंने पिछले दिनों जनपद के सभी बैंकर्स के साथ मीटिंग की और गरीबों के लिए लोन योजना 'डिफरेंशियल रेट इन्कम इन्टरेस्ट (डीआरआईआई) को लागू करने पर जोर दिया। इसके लिए पूरी रुपरेखा तैयार की गयी। इस योजना के बारे में ना तो कभी बैंक के द्वारा ही कोई उचित प्रचार प्रसार किया जाता है और ना ही इसके बार लोगों को अधिक जानकारी है। इसके लिए बैंक लोगों को लोन भी नहीं देते हैं, जबकि इस योजना में सस्ती दरों पर लोन देने की व्यवस्था की गयी है। जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने बैंकर्स को इस योजना के अन्तर्गत जनपद के स्वयं सहायता समूहों को लोन स्वीकृत करने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिये। जनपद में करीब 1000 महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिसमें प्रत्येक समूह में 10 महिलाएं काम करती हैं, जिस कारण लगभग 10 हजार महिलाएं इस अभिनव योजना से लाभान्वित होकर स्वरोजगार से जुड़ेंगी। आर्थिक स्तर पर इन समूहों को मजबूती देने के लिए इस योजना के सहारे सीचंने का प्रयास किया गया है। इसके अन्तर्गत प्रत्येक महिला स्वयं सहायता समूह में शामिल प्रत्येक महिलाओं को बैंकों से 15-15 हजार रुपये का लोन उपलब्ध कराया जायेगा। एक समूह में दस महिला होने के कारण प्रत्येक समूह को 1.50 लाख रुपये का ऋण दिया जायेगा और इसके लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर स्वयं सहायता समूहों की इन महिलाओं को लोन बैंक को वापस करना होगा। इसके लिए बैंकों को क्षेत्रवार शिविर आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। ये योजना कारगर साबित हुई तो मुजफ्फरनगर के नाम एक साथ इतने लोन कराने के लिए वर्ल्ड रिकार्ड बन जायेगा।

जिलाधिकारी राजीव शर्मा कहते हैं, ''महिला सशक्तिकरण के लिए ड्रेस सिलाई योजना के बाद अब जनपद में पंजीकृत स्वयं सहायता समूहों को डीआरआई योजना के अन्तर्गत निम्न ब्याज दरों पर लोन उपलब्ध कराने की तैयारी है। इससे गांव गांव में महिलाओं में रोजगार के अवसर हासिल करने की एक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और इससे महिलाएं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित होंगी। बैंकों से मिलने वाले लोन से महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्या सिलाई मशीन या अन्य कोई भी रोजगार परक साधन खरीद सकती हैं।'' बता दें कि ये पहला अवसर है कि जबकि स्वयं सहायता समूहों को सामूहिक रूप से सस्ती ब्याज दरों पर बैंक लोन उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है।

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