उपचुनावः कैराना की बहू और बेटी सियासी जंग को तैयार

उपचुनावः कैराना की बहू और बेटी सियासी जंग को तैयार

लखनऊ। भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन के बाद रिक्त हुई शामली जनपद की कैराना लोकसभा सीट पर भाजपा के खिलाफ समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच आखिरकार बात बन ही गई। शुरूआती हिचकोलों के चलते अधर में रूके कैराना उपचुनाव का कैनवास शनिवार को पूरा हो गया। इसके बाद जो सियासी तस्वीर उभर कर सामने आयी, उसको देखते हुए यही माना जा रहा है कि कैराना लोकसभा सीट पर एक बार फिर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक खास रूतबा रखने वाले दो दिग्गज सियासी खानदानों की बेटियों के बीच चुनावी जंग का आगाज हो चुका है। वैसे तो इस सीट पर जो प्रमुख दो चेहरे सामने नजर आ रहे हैं, उनका ताल्लुक एक ही 'खानदान' से रहा है।
बता दें कि यूपी में भाजपा की घेराबन्दी को तोड़ के लिए महागठबंधन ने जो जोड़ निकाला है, उसमें गोरखपुर की तरह ही फैसला लिया गया। सपा फिर से लालू प्रसाद यादव के फाॅर्मूले पर है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में बिजनौर जनपद की नूरपुर विधानसभा सीट और शामली जनपद की कैराना लोकसभा सीट पर 28 मई को उपचुनाव तय हो चुके हैं। इन दोनों सीट पर होने वाले उप चुनाव के लिए 05 मई को समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल ने अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इस फैसले के एक दिन पहले ही शुक्रवार को दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ था। इस दौरान रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चैधरी ने सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मैराथन बैठक की थी। दो दलों के युवा नेताओं के इस मिलने के बाद बने इस सियासी तालमेल के मुताबिक सपा नेता और पूर्व सांसद बेगम तबस्सुम हसन रालोद के टिकट पर कैराना चुनाव लड़ेंगी, जबकि सपा नेता नईमुल हसन को नूरपुर विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर ही उतारा गया है। इससे पहले खबरें आई थीं कि गठबंधन के तहत कैराना सीट सपा के खाते में गई है, जबकि नूरपुर सीट रालोद के खाते में गई है। कैराना सीट से रालोद प्रत्याशी बनीं पूर्व सांसद तबस्सुम हसन अभी तक भी सपा की सदस्य हैं। इस महागठबंडन के बाद तबस्सुम हसन दिल्ली में रालोद मुखिया चै. अजित सिंह के आवास बसंत कुंज पर आयोजित कार्यक्रम में रविवार (06 मई) को अजित सिंह, जयंत चैधरी की मौजूदगी में रालोद की सदस्यता हासिल करेंगी। दोनों दल के नेता इसी कार्यक्रम में अपने इस महागठबंधन का औपचारिक ऐलान करेंगे। रालोद के प्रवक्ता अनिल दूबे ने एलान किया था कि दोनों दल साथ मिलकर कैराना और नूरपुर उप चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा साल 2019 का लोकसभा चुनाव भी साथ-साथ लड़ेंगे। इस समझौते के तहत ही सपा ने अपने कैंडिडेट को कैराना से रालोद के टिकट पर लड़ाने का फैसला किया है। बता दें कि 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए राजद अध्यक्ष लालू यादव और नीतीश कुमार की जनता दल यू ने गठबंधन किया था। इस गठबंधन के तहत भी दोनों पार्टियों ने सीटों का बंटवारा किया था, मगर कई सीटों पर दूसरे दल के प्रत्याशियों को दूसरे दल के सिंबल पर चुनाव लड़ाया गया था। तबस्सुम साल 2009 से 2014 तक कैराना से ही बसपा की सांसद रह चुकी हैं। तबस्सुम हसन को उनके पति पूर्व सांसद स्व. मुनव्वर हसन की आकस्मिक मौत के बाद बसपा ने प्रत्याशी बनाया था, इस चुनाव में तबस्सुम बेगम ने जीत दर्ज की थी। फिर सपा में आई और अब सपा के रास्ते वो रालोद में पहुंचकर फिर से संसद पहुंचने की राह पर चल पड़ी हैं। सहारनपुर जनपद के गांव दुमझेडा निवासी तबस्सुम की शादी जून 1986 में मुनव्वर हसन के साथ हुई थी। उनके पुत्र नाहिद हसन कैराना विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर लगातार दूसरी बार अपने पिता मुनव्वर हसन की परम्परागत सीट कैराना से दूसरी बार चुनाव जीत चुके हैं। तबस्सुम हसन कैराना की बहू हैं, तो उनके सामने कैराना की बेटी चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। कैराना सीट पर भाजपा दिवंगत सांसद हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाने जा रही है। हालांकि, अभी तक इसका औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है। भाजपा सांसद हुकुम सिंह के निधन से ही कैराना सीट खाली हुई है। नूरपर विधान सभा सीट भी बीजेपी विधायक लोकेन्द्र सिंह चैहान के निधन से खाली हुई है। सपा-रालोद के गठबंधन से कांग्रेस अलग-थलग पड़ी हुई है। बसपा अपना प्रत्याशी नहीं उतारने का ऐलान कर सपा की राह पहले से ही आसान बना चुकी है। हालांकि, कांग्रेस ने पहले ही कहा था कि कैराना में वो रालोद प्रत्याशी का समर्थन करेगी। तो इस तरह से अब इस महागठबंधन में रालोद और भाजपा के बीच ही मुख्य चुनावी जंग होने जा रही है। हुकुम सिंह की बेटी मृगांका 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रही, लेकिन उनको नाहिद हसन से पराजित होना पडा। ये दोनों सियासी घराने रिश्तों की डोर से भी बंधे हैं, किसी जमाने में एक ही खानदान वाले ये दो परिवार लगातार सियासी बिसात पर एक दूसरे को पछाड़ने में जुटे रहे हैं।
रालोद के प्रदेशाध्यक्ष मौ. मसूद अहमद ने 'खोजी न्यूज' को बताया कि तबस्सुम हसन दिल्ली में चै. अजित सिंह और जयंत चैधरी की मौजूदगी में रालोद की सदस्यता ग्रहण करेंगी। मसूद का कहना है, ''कैराना व नूरपुर में भी महागठबंधन की जीत होगी। भाईचारे के साथ कैराना पर समझौता हुआ है, जयंत चैधरी ने राजनीतिक समझ दिखाई है। इस गठबंधन में किसी ने किसी को दबाने की कोशिश नहीं की। नूरपुर से रालोद सपा प्रत्याशी नईमुल हसन को मजबूती से चुनाव लड़ायेग। जाट मुस्लिम समीकरण भाजपा की हर साजिश पर भारी पड़ेगा। दलित भी भाजपा से खफा हैं और पिछड़ों में भी रोष है। ये ऐतिहासिक परिणाम रहेगा।

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