मुज़फ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में तालाबंदी हड़ताल से पालिका का कामबन्द, बिल ठीक कराने को भटकते रहे लोग

मुज़फ्फरनगर नगरपालिका परिषद् में तालाबंदी हड़ताल से पालिका का कामबन्द, बिल ठीक कराने को भटकते रहे लोग

मुजफ्फरनगर: नगरपालिका परिषद् के सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का गतिरोध गुरुवार को समाप्त नहीं होने के कारण शुक्रवार को पालिका परिसर टाउनहाल में पूर्णतया तालाबन्दी कर दी गई। स्वायत्त शासन कर्मचारियों के दोनों संगठनों के नेताओं ने सवेरे कामबन्द कर हड़ताल शुरू कर दी और कार्यालयों में ताले नहीं खुल सके। इस एक दिन ही हड़ताल से पालिका प्रशासन को करीब तीन लाख रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। अब शनिवार को सुबह दस बजे चेयरमैन ने हड़ताली कर्मचारियों संग वार्ता तय की है, उम्मीद है कि 12 वें दिन यह गतिरोध समाप्त हो जायेगा।

नगरपालिका परिषद् के सफाई कर्मचारी संघ की हड़ताल बीते दिन हुई मैराथन वार्ता के विफल होने के बाद शुक्रवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गयी। वहीं स्वायत्त शासन कर्मचारी महासंघ और स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के आह्नान पर पालिका के कर्मचारी भी शुक्रवार से कामबन्द हड़ताल पर चले गये। महासंघ के शाखा अध्यक्ष गोपाल त्यागी व महामंत्री तनवीर आलम और संगठन के शाखा अध्यक्ष मुकेश कुमार शर्मा व महामंत्री कुलदीप कुमार ने पूर्व घोषणा के तहत पालिका कार्यालयों में तालाबंदी की और परिसर में अन्य कर्मचारियों के साथ धरने पर बैठ गये। दोनों संगठनों ने गुरुवार को ईओ विकास सैन को नोटिस दिया था कि यदि सफाई कर्मियों की हड़ताल से बना गतिरोध कायम रहता है तो वो 19 जनवरी से बेमियादी कामबन्द हड़ताल पर चले जायेंगे। पालिका में तालाबंदी कर पालिका कर्मी धरने पर बैठे तो ईओ विकास सैन ने उनके बीच पहुंचकर वार्ता की और काम पर लौटने का आग्रह किया, लेकिन सफाई कर्मियों की हड़ताल तक कर्मचारियों ने कामकाज करने से इंकार कर दिया। धरना प्रदर्शन में ओमवीर सिंह, गोपाल त्यागी, मुकेश शर्मा, कुलदीप कुमार, तनवीर आलम, बिजेन्द्र सिंह, संजय गुप्ता, संजीव गुप्ता, राजीव वर्मा, प्रवीन कुमार, मेनपाल सिंह, विजय जैन, मनोज बालियान, फिरोज खान, मनोज पाल, मौ. इमरान, रामकुमार पप्पू, संजीव सिंघल, अमित गोस्वामी, दीपक शर्मा, अशोक ढींगरा, विकास कुमार, दुष्यन्त कुमार सहित सभी कर्मचारी मौजूद रहे।

ईओ विकास सैन ने कहा कि गुरुवार को सभी मुख्य बिन्दुओं पर सहमति बन चुकी थी। सभासदगण भी मौजूद थे, लेकिन सफाई कर्मचारी संघ के नेताओं ने दो शर्तें ऐसी जोड़ी जो संघ के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। ठेका निरस्त किया गया, वो बहाल नहीं होगा। संविदा कर्मी दस दिन काम पर नहीं आये, तो उनको वेतन नहीं दिया जायेगा।

अन्जू अग्रवाल, चेयरमैन


''नाजायज दबाव बनाया जा रहा है, हम इनके आगे झुकेंगे नहीं। गुरुवार को शाम ईओ विकास सैन ने अपने कार्यालय में समझौता वार्ता की, इसमें बोनस, संविदा कर्मियों को एरियर, उपकरण और ठेका कर्मियों को दो माह का वेतन जारी करने पर सहमति बनी। हड़ताल खोलने को संघ नेता तब भी तैयार नहीं हुए और ठेका कर्मियों का ठेका निरस्त नहीं करने की मांग जोड़ दी। इसी पर वार्ता विफल हुई है। ये नाजायज दबाव बना रहे हैं। हम कर्मचारी के हितों को लेकर संवेदनशील हैं। हमें पांच साल बोर्ड चलाना है, यदि इसी प्रकार इन लोगों के नाजायज दबाव में आयेंगे तो हर महीने पालिका में हड़ताल होगी। हमने गतिरोध समाप्त करने को शनिवार को दस बजे पालिका में समझौता वार्ता बुलाई है। इसमें सहमति बनने की पूरी संभावना है।


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