उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल को बाढ़ नियंत्रण, जल संसाधन, उच्च तकनीक संवर्धन हेतु विश्व बैंक का जापान बुलावा

उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री धर्मपाल को बाढ़ नियंत्रण, जल संसाधन, उच्च तकनीक संवर्धन हेतु विश्व बैंक का जापान  बुलावा
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लखनऊ: विश्व बैंक के टीम लीडर जून मस्टमोटो ने विधान भवन स्थित कार्यालय में सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बाढ़ नियंत्रण एवं जल संचयन जल संसाधन की नवीनतम तकनीक उपलब्धियों से रूबरू कराने हेतु उन्हें जापान यात्रा हेतु आमंत्रित किया। जून मस्टमोटो ने सिंचाई मंत्री से अनुरोध किया की यद्यपि उ0प्र0 की सिंचाई व्यवस्था विश्व की प्राचीनतम सिंचाई प्रणालियों में है फिर भी जापान आदि देशों में विकसित हो रही उन्नत जल तकनीक बाढ़ नियंत्रण की आधुनिक पद्वति व जल संसाधन के नवीनतम कार्यों पद्वति उ0प्र0 के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग को बाढ़ नियंत्रण तकनीक व जल संवर्धन आदि क्षेत्रों में उपयोगी सिद्व हो सकती है। इसके लिए विश्व बैंक की तरफ से प्रस्तावित भ्रमण में उन्होंने प्रदेश के सिंचाई मंत्री सहित सिंचाई विभाग वरिष्ठ अधिकारियों अभियन्ताओं की टीम को जापान भेजने का अनुरोध भी किया।
विश्व बैंक टीम लीडर ने उ0प्र0 में चल रही उ0प्र0 वॉटर रीस्ट्रचरिंग परियोजना के विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए सिंचाई मंत्री से आग्रह किया कि वे परियोजना के कार्यों हेतु सेन्टिस चार्जेस की स्वीकृति सरकार से कराए जिससे की परियोजना के कार्यों में तकनीकी व्यवधान उत्पन्न न हो।
विश्व बैंक की टीम ने उ0प्र0 में सिंचाई विभाग द्वारा चलाए जा रहे सिल्ट सफाई अभियान की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे उ0प्र0 दुनिया के उन प्रमुख देशों में शामिल हो गया है जहां ड्रोन से नहर सफाई का कार्य किया जा रहा है।
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने विश्व बैंक टीम के सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे उ0प्र0 सरकार की तरफ से हर संभव सहयोग प्रदान करायेंगे। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के सहयोग की सराहना करते है तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायत देते हैं कि वे परियोजना कार्यों को गुणवत्ता व समयबद्वता से पूर्ण करें।
सिंचाई मंत्री ने कहा कि परियोजना क्षेत्र में जो जल उपभोक्ता समितियों को सक्रिय कर किसान सिंचाई विद्यालयों का संचालन किया गया हैए वह अपने आप में राष्ट्रिय स्तर का कीर्तिमान है। सिंचाई मंत्री ने कहा कि विभाग में स्वच्छ और पारदर्शी प्रशासन हो इसके लिए उन्होंने लम्बित जांचों को समयसीमा के अन्तर्गत समाप्त करने की सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि समय सीमा के अन्तर्गत जांच समाप्त न करने वाले जांच अधिकारियों के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव सुरेश चन्द्रा, सचिव सिंचाई एवं अध्यक्ष पैक्ट शम्भू नाथ, प्रमुख अभियन्ता विभागाध्यक्ष भूपेन्द्र शर्मा सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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