लखनऊ शहर को साफ-सुथरा रखने हेतु आदतों में बदलाव लायें : सुरेश कुमार खन्ना

लखनऊ शहर को साफ-सुथरा रखने हेतु आदतों में बदलाव लायें : सुरेश कुमार खन्ना

लखनऊः उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा है कि ''स्वच्छ सर्वेक्षण 2018'' अभियान को सफल बनाने के लिए सभी नागरिकों का सहयोग एवं सक्रिय भागीदारी जरूरी है। बिना भागीदारी के शहरों को स्वच्छ रखना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि लखनऊ नगर निगम के सभी अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा शहर को स्वच्छ बनाने का गम्भीरता से प्रयास किया जा रहा है। इस हेतु 933 वाहन 28 पी0सी0टी0एस0 का प्रयोग करके लखनऊ शहर को स्वच्छ बनाने एवं स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम स्थान दिलाने का अथक प्रयास जारी है।
नगर विकास मंत्री आज यहां विधान भवन के कक्ष संख्या-80 में स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के बारे में मीडिया को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश के शहरों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने 4041 शहरों को निर्धारित मापदण्डों पर श्रेणीबद्ध करने के लिए 04 जनवरी, 2018 में स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 शुरू किया है। जिसके माध्यम से शहरों को स्वच्छता हेतु प्रोत्साहित करना तथा स्वच्छ भारत मिशन के विभिन्न प्रयासों को पूरी गम्भीरता के साथ अमली जामा पहनाना है।
सर्वेक्षण के उद्देश्य का बड़े पैमाने पर नागरिकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए श्री खन्ना ने कहा कि शहरों/निकायों को रहने लायक बनाने के लिए एक साथ काम करने की आवश्यकता है, जिसके लिए समाज के सभी वर्गों में जागरूकता पैदा करना है। इसके साथ ही यह सर्वेक्षण बुनियादी सुविधाओं में सुधार के उद्देश्य से निकायों/शहरों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ाने का भी प्रयास करता है।
नगर विकास मंत्री ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के तहत शहरों की रैकिंग की जायेगी और इस प्रक्रिया में कुल 4000 अंक अर्जित करना है, जिसमें सेवा स्तर की प्रगति के लिए 1400 अंक, प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के लिए 1000 अंक तथा नागरिकों से फीडबैक प्राप्त करने के लिए 1600 अंक निर्धारित किये गये हैं। इससे स्पष्ट है कि इस अभियान में नागरिकों की भागीदारी एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसे इस सर्वेक्षण में सबसे अधिक महत्व दिया गया है।
सर्वेक्षण के अन्य उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए नगर विकास मंत्री ने कहा कि नागरिकों को शिक्षित किये जाने व सभी नागरिकों से अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य पारम्परिक मीडिया का राष्ट्रीय, राज्य व निकाय स्तरों पर रणनीति के मुताबिक इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील किया कि स्वच्छता ऐप का अधिक से अधिक संख्या में अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने का प्रयास करें। इसके साथ ही नागरिकों की प्रतिक्रिया जानने हेतु नागरिकों से प्रश्न पूछें जायेंगे तथा उन प्रश्नों का अपने विवेक से समुचित उत्तर देकर लखनऊ शहर को रैंकिंग में प्रथम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने दूसरे लोगों को साफ सफाई के लिए प्रेरित किये जाने का भी आग्रह किया।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि 02 अक्टूबर, 2019 तक पूरे देश को खुले में शौचालय मुक्त घोषित किया जाना है और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन से उत्तर प्रदेश को 02 अक्टूबर, 2018 तक ओ0डी0एफ0 घोषित करना है। इसमें आमजनता की महत्वपूर्ण भागीदारी होनी चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील किया कि खुले में शौच जाने की वर्षों पुरानी सोच में बदलाव लायें और अधिक से अधिक शौचालयों का उपयोग करें।
लखनऊ शहर में बढ़ती जा रही अतिक्रमण की समस्या पर उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन की अनुमति नहीं दी जायेगी। यदि अतिक्रमण नहीं हटा तो राज्य सरकार के पास बहुत सारे विकल्प खुले हुए हैं। उन्होंने लखनऊ नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए नई विज्ञापन पाॅलिसी बनाने की बात कही। इसके साथ ही कर वसूली की प्रक्रिया के बारे में बताया कि इसमें अधिक से अधिक लोगों को कर के दायरे में लाया जायेगा। उन्होंने लखनऊ नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश भी दिये।
इस मौके पर लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया, सूडा के निदेशक देवेन्द्र कुमार पाण्डेय, अतिरिक्त निदेशक स्थानीय निकाय के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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