ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी-उच्च न्यायालय गंभीर-मांगी रिपोर्ट

ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी-उच्च न्यायालय गंभीर-मांगी रिपोर्ट

रांची । झारखंड उच्च न्यायालय ने हजारीबाग मेडिकल एवं अस्पताल से सिलेंडर की चोरी पर चिंता जतायी है ।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने गुरुवार को इस संबंध में राज्य सरकार से अगली सुनवाई के पहले रिपोर्ट मांगी है। उच्च न्यायालय ने कोरोना से संबंधित मामलों पर सुनवाई करते हुए रिमांड होम में बंद बच्चों तथा विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर उठाये गये कदम, रिम्स में स्वास्थ्य उपकरण की खरीद और पारा मेडिकल कर्मियों रिक्त पदों को भरने तथा रांची सदर अस्पताल में इलाज की व्यवस्था को लेकर भी सुनवाई की।

न्यायालय ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक तरफ लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में मर रहे है और दूसरी तरफ जानकारी मिल रही है कि हजारीबाग जिले में सैकड़ों ऑक्सीजन सिलेंडर रातों-रात गायब हो गये। अदालत ने इस प्रकरण में राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

अदालत की ओर से रांची स्थित रिम्स में स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद में हो रही देरी के संबंध भी सवाल किये गये, जिस पर रिम्स निदेशक और स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि रिम्स में जितने भी जरुरी उपकरणों की खरीदारी की जानी थी, उसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है और उपकरणों की आपूर्ति का आदेश दिया जा चुका है, जल्द ही ये सभी उपकरण उपलब्ध हो जाएंगे।

अदालत की व्यवस्था पर पूछे गये सवाल के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया है कि अब तक राज्य 4 ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा चुका है और राज्यभर में 54 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे है। वहीं केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ने कोर्ट को बताया कि 79 हजार रेमेडिसिवर इंजेक्शन अब तक दिये जा चुके है और 30 हजार डोज दिये जाने की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।

सदर अस्पताल में व्यवस्था सुधार को लेकर विजेता कंस्ट्रक्शन की ओर से बताया गया कि अगले महीने ऑक्सीजन टैंक पहुंच जाएगा और इसकी स्थापना की जाएगी।

राज्य सरकार की ओर से अदालत को यह भी जानकारी दी कि सदर अस्पताल में व्यवस्था में सुधार को लेकर नोडल पदाधिकारी नियुक्त किये गये है, जबकि स्टेट नोडल ऑफिसर की भी प्रतिनियुक्ति की गयी है।

वार्ता

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