मोदी सरकार ने खोला दलित छात्रों के लिए खजाना, 4 करोड़ एससी छात्रों के खाते में जाएगी स्कॉलरशिप

मोदी सरकार ने खोला दलित छात्रों के लिए खजाना, 4 करोड़ एससी छात्रों के खाते में जाएगी स्कॉलरशिप

लखनऊ। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में बड़े बदलावों को मंजूरी दी है. इस स्कीम से अगले पांच साल में अनुसूचित जाति के करीब 4 करोड़ से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा।

खास बात ये है कि अब छात्रवृत्ति के पैसे सीधा छात्रों के खाते में डाले जाएंगे. सीधे खाते में पैसा भेजने के लिए आधार लिंक होगा. जैसे ही ये तय होगा कि राज्यों ने अपने हिस्से की राशि जमा कर दी है, केंद्र भी अपनी राशि जारी कर देगा. ये पैसा बिना देरी के मिलेगा, जिससे वो तय कार्यक्रम के तहत पढ़ सकें।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने एससी पोस्ट मैंट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को लेकर ये निर्णय लिया है. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि दलितों को शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए ये एक बड़ा फैसला है।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बताया कि इस योजना में 60ः हिस्सा केंद्र सरकार और 40ः हिस्सा राज्य सरकार देगी. अनुमान है कि इसमें 59,048 रुपए खर्च होंगे।

अनुसूचित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत 10वीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने और खाने के लिए मासिक भत्ता और शोध आदि के लिए भत्ता आदि दिया जाता है।

यह योजना एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए चलाई जाएगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे. इसके अलावा बिना किसी देरी के समय पर छात्रों को मदद पहुंचाई जा सके. बता दें कि इस स्कीम के तहत सरकार दलित छात्रों को दसवीं के बाद 11वी और 12वीं यानी पोस्ट मैट्रिक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी।

इसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपए केंद्र और बाकी राज्य सरकारें उपलब्ध कराएंगी. पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए सोशल ऑडिट, थर्ड पार्टी वैल्यूएशन का सहारा लिया जाएगा. नए नियम से स्कॉलरशिप की शुरुआत अगले सत्र 2021-22 से हो जाएगी।


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