मोदी के आठवें साल में भी नौकरी-रोजगार की दुर्गति बरकरार -कांग्रेस

मोदी के आठवें साल में भी नौकरी-रोजगार की दुर्गति बरकरार -कांग्रेस

रांची । झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता के आठवें साल में भी नौकरी-रोजगार की दुर्गति बरकरार है। प्रवक्ताओं ने बुधवार को कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी के कारण खुदकुशी करने वालों की संख्या किसानों के खुदकुशी की तादात से ज्यादा है। देश के पढ़े-लिखे नौजवानों के माता-पिता उन्हें रिक्शा खींचने या मजदूरी करने या सड़क किनारे पकोड़े तलने पर मजबूर होता देख रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से कोरोना महामारी की दूसरी लहर लाखों लोगों को आर्थिक तंगी की गिरफ्त में ला दिया है। इस बार गांव के मुकाबले शहरी आबादी पर ज्यादा बुरा असर देखने को मिला है। एक सर्वे के अनुसार दूसरी लहर के बाद पांच में से दो शहरी आबादी की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गयी है, यानी 40 फीसदी लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी, सीआईसी की एक रिपोर्ट के अनुसार देश की कुल 40 करोड़ कामकाजी आबादी के करीब आधे लोग कर्जदार हो गये है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण लोगों में निराशा और हताशा की भावना उत्पन्न हुई है। इसका असर ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा शहरी आबादी पर भी देखने को मिल रहा है। शहरी आबादी पर तो सबसे ज्यादा बुरा असर देखने को मिला है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि भाजपा को अपनी अनर्थ नीतियों को त्याग कर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के सुझाव पर अमल कर नकद हस्तांतरण पर गौर करना चाहिए। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ0 रघुराम राजन ने भी कहा है कि इस वक्त बहुत ज्यादा गरीबों को नकद हस्तांतरण की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है और प्रभावित होती रहेगी। जब तक वायरस से निपटा नहीं जाता, समय-समय पर लॉकडाउन होते रहेंगे, ऐसे में केंद्र सरकार को कर्ज और ढकोसला पैकेज नहीं, बल्कि लोगों तक सीधी मदद पहुंचाने वाले पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।

वार्ता

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