बना कोरोना माता का मंदिर-पूजा अर्चना शुरू

बना कोरोना माता का मंदिर-पूजा अर्चना शुरू

प्रतापगढ़। यूपी के प्रतापगढ़ से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां पर लोगों ने कोरोनावायरस से छुटकारा पाने के लिए कोरोना माता का ही मंदिर बना दिया और इसमें पूजा-अर्चना भी शुरू कर दी। सुनने में तो अजीब लगता है लेकिन यह 100 फीसदी हैै। संभवत यह पहला और अनूठा मंदिर है जो प्रतापगढ़ के ग्रामीणों ने आस्था और विश्वास का केंद्र बना दिया है।


अब कोरोना माता के इस मंदिर को चर्चा में आने के लिए पब्लिक स्टंट कहां जाए या फिर आस्था का केन्द्र इसका जवाब मिलना शायद थोड़ा कठिन है। क्योंकि कोरोना एक वायरस है ना कि भगवान। भारत एक स्वतंत्र देश है, जहां पर सभी व्यक्तियों को अपने अपने हिसाब से धार्मिक स्वतंत्रता है जो जिसको मानना चाहे वह उस धर्म को मान सकता हैै। किसी भी धर्म को ग्रहण कर सकता है। यहां तक कि अपना पूजा पाठ का तरीका भी विभिन्न तरीके से इस्तेमाल कर सकता है।

मगर जब वायरस को ही भगवान माना जाने लगे तो आप समझ सकते हो कि हालात क्या है? कुछ लोग कोरोना माता के मंदिर बनने पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि यह मात्र पब्लिक स्टंट है। अपने आप को चर्चाओं में लाने के लिए। वैसे भी कोराना माता का यह मंदिर भारत का पहला मंदिर है जो कोरोना को लेकर बनाया गया है। यह मन्दिर खुद ही बनने के बाद चर्चाओं में आ गया है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर में पूजा अर्चना के साथ साथ कोविड-19 गाइडलाइन पालन करने का भी संदेश देता है।

कोरोना महामारी ने लाखों जिंदगियां बर्बाद कर दीं। शवों के अंबार लगा दिए। बहुत से लोग संक्रमित हुए। ऐसे में इस महामारी से बचने के लिए लोग हर जतन कर रहे हैं। देवी-देवताओं से यह संकट दूर करने की प्रार्थना की जा रही है। प्रतापगढ़ में तो कोरोना माता की भी पूजा शुरू हो गई है। इनका मंदिर भी बन गया है।

जिले के सांगीपुर थाना क्षेत्र के जूही शुकुलपुर का है। इस गांव में कोरोना से बीते दिनों तीन लोगों की जान चली गई थी। कुछ लोग पाजिटिव होने के बाद किसी तरह बचे। इसके बाद ग्रामीणों ने मिल बैठकर चर्चा की कि केवल सुई-दवा से ही कोरोना नहीं रुकने वाला। देवी-देवता व पूजा-पाठ का भी सहारा लेना होगा। इसके बाद गांव के लोकेश श्रीवास्तव उकी राय पर लोगों ने सहमति दी और नीम के पेड़ के नीचे कोरोना माता की मूर्ति स्थापित कर दी। सुबह-शाम आरती की जाने लगी।

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