केशव प्रसाद मौर्य ने उन्नाव के अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को किया निलम्बित

केशव प्रसाद मौर्य ने उन्नाव के अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को किया निलम्बित
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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कार्य में घोर लापरवाही और अनियमितता पाये जाने पर उन्नाव के लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियन्ता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह को तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने 18 अधिशासी अभियन्ताओं, 28 सहायक अभियन्ताओं तथा 42 अभियन्ताओं के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्यवाही के भी निर्देश दिये हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य आज लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान उन्होंने पाया कि प्रान्तीय खण्ड लोक निर्माण विभाग उन्नाव में तैनात अधिशासी अभियन्ता अखिलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बरती गई है। उन्होंने गड्ढामुक्ति नवीनीकरण योजना के अन्तर्गत दोहरी स्वीकृति लेकर राजकीय धन का दुरुपयोग किया है। जिसको मद्देनजर रखते हुए तत्काल प्रभाव से इनको निलम्बित कर दिया गया है। साथ ही इनके विरुद्ध जांच के भी निर्देश दिए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समीक्षा के दौरान गड्ढामुक्ति के कार्यों में लापरवाही एवं कमी पाये जाने पर प्रदेश के 18 अधिशासी अभियन्ताओं , 28 सहायक अभियन्ताओं तथा 42 अभियन्ताओं को कड़ी चेतावनी देते हुए इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पाया कि गुणवत्ता नियंत्रण हेतु न्युक्लियर गेज को सभी अधीक्षण अभियन्ताओं द्वारा क्रय कर उपयोग में लाने के आदेश के बावजूद अभी तक यह कार्यवाही पूर्ण नहीं की गई है, जो बहुत लापरवाही का विषय है। इसके लिए उन्होंने अधीक्षण अभियन्ता लखनऊ वृत्त को तात्कालिक प्रभाव से प्रमुख अभियन्ता कार्यालय लखनऊ से सम्बद्ध करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने सभी अधीक्षण अभियन्ताओं जिन्होंने अभी तक न्युक्लियर गेज क्रय नहीं किया है, उनको कड़ी चेतावनी देते हुए एक माह के अन्दर समस्त औपचारिकताएं पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिये हैं।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने स्थानान्तरित अभियन्ताओं, सहायक अभियन्ताओं एवं अवर अभियन्ताओं जिन्होंने नवीन तैनाती स्थल पर अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उनको तत्काल कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि जो अधिकारी शासन के आदेशों की अवहेलना करते हुए अपना कार्यभार ग्रहण नहीं कर रहें हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने स्थानान्तरित अधिकारियों को तीन दिन के अन्दर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप अपने दायित्वों का निर्वहन न करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा। अधिकारी/कर्मचारी कार्यों में लापरवाही की प्रवृत्ति छोड़कर ईमानदारी और मेहनत से अपने काम को अंजाम दें। प्रदेश सरकार ने लोक निर्माण विभाग को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने के लिए कई ठोस कदम उठायें हैं, इनमें ई-टेण्डरिंग व्यवस्था प्रमुख रूप से शामिल है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की छवि बेहतर हो और जनता में इसका अच्छा संदेश जाए, इसके लिए गुण्डा प्रवृत्ति के ठेकेदारों को विभाग से दूर कर, स्वच्छ छवि के ठेकेदारों को निर्माण कार्य में लगाया जा रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण विभाग सदाकान्त, विशेष सचिव राजशेखर, लोक निर्माण विभाग के विभागाध्यक्ष सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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