इस तेज़ गेंदबाज़ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

इस तेज़ गेंदबाज़ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से लिया संन्यास

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ जेम्स पैटिंसन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। उनका मानना है कि वह एशेज़ टीम में जगह बनाने की दौड़ में शामिल नहीं हैं।

पैटिंसन (31 वर्ष) ने इस उम्मीद के साथ इस साल घरेलू क्रिकेट की शुरुआत की थी कि अच्छे प्रदर्शन के बाद वह एशेज़ टीम में जगह बना लेंगे। लेकिन कोरोना के कारण विक्टोरिया और न्यू साउथ वेल्स में लॉकडाउन लगा, घरेलू क्रिकेट रुका और उनकी तैयारियां प्रभावित हुईं। इसके अलावा उन्हें चोट भी लगी है, जिसके कारण वह यह निर्णय लेने पर मजबूर हुए। हालांकि वह घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। उन्होंने कॉउंटी क्रिकेट भी खेलने के संकेत दिए।

उन्होंने कहा, "मैं सीज़न की शुरुआत यह सोच कर किया था कि मैं एशेज़ टीम में जगह बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा करूंगा, लेकिन अब लग रहा है कि मेरी तैयारियां अधूरी हैं। अगर मैं चुना भी जाता हूं तो इस तैयारी के साथ अपने चयन को न्याय नहीं कर पाऊंगा। आपको उसके लिए 100% फ़िट होना होता है, जो मैं अभी महसूस नहीं कर रहा।"

उन्होंने आगे कहा, "इसलिए मैंने सर्वोच्च स्तर पर खेलने की बजाय विक्टोरिया के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने का फ़ैसला किया है, ताकि मैं अपने बचे हुए तीन-चार साल के क्रिकेट करियर में राज्य के युवा तेज़ गेंदबाज़ों के उभार में मदद कर सकूं। इसके अलावा मैं इंग्लैंड में क्रिकेट खेलूंगा और परिवार के साथ समय बिताऊंगा।"

जनवरी 2020 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच के बाद पैटिंसन ने कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है। पिछले और इस साल की शुरुआत में भारत के ख़िलाफ़ सीरीज़ के दौरान वह पसलियों में फ़्रैक्चर से जूझ रहे थे। उन्होंने माना कि यह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर होने का सही समय है।

पैटिंसन ने कहा, "मैं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) को मुझमें भरोसा जताने और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने का मौक़ा देने के लिए उनको धन्यवाद देता हूं। इसके अलावा मैं अपने सभी साथी क्रिकेटरों का शुक्रिया करता हूं, जिन्होंने इस खूबसूरत सफर में मेरा साथ दिया। ख़ासकर, जब मैं चोटिल था तो सीए और साथी खिलाड़ियों ने मुझे हौसला दिया और विश्वास बनाए रखा। इसके लिए मैं उनका आभारी हूं।"

ऑस्ट्रेलिया के चयन समिति के अध्यक्ष जॉर्ज बेली ने कहा, "जिन्होंने भी पैट के साथ खेला है, वह उनके प्रतिस्पर्धी स्वभाव को जानते हैं। उनके साथ खेलने से पता चलता है कि इस देश के लिए क्रिकेट खेलना कितने त्याग, समर्पण और गर्व की बात है। उनके रिकॉर्ड बताते हैं कि वह एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं। हम उन्हें और भी खेलते देखना पसंद करते।"

पैटिंसन ने 2011 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और पहले दो टेस्ट मैचों में पारी में पांच विकेट लिए थे। हालांकि उनका करियर चोटों से जूझता रहा और बहुत प्रभावित हुआ। इस कारण वह अपने 10 साल के लंबे करियर में सिर्फ़ 21 टेस्ट खेल पाए, जिसमें उन्होंने 26.33 के औसत और 48.90 की स्ट्राइक रेट से 81 विकेट लिए।उन्होंने 15 वन डे और चार टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच भी खेला है। हालांकि 2015 से वह ऑस्ट्रेलिया के लिए सिर्फ़ लाल गेंद की क्रिकेट खेल रहे थे।



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