सतर्कता जीवन शैली का अंग होना चाहिए : किरेन रिजीजू
नई दिल्ली । युवा कार्य एवं खेल मंत्री राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने नई दिल्ली में दो दिन के सतर्कता संगोष्ठी का उद्घाटन किया। भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा 23 और 24 अक्टूबर को आयोजित इस संगोष्ठी का विषय 'सुरक्षात्मक सतर्कता और ईमानदारी' है ।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए रिजीजू ने कहा, 'हम में से प्रत्येक को व्यक्तिगत ईमानदारी के सर्वोच्च स्तर को बरकरार रखना चाहिए, क्योंकि हम प्राधिकरण के संरक्षक हैं, और हमें ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए, जिससे इस संगठन को नुकसान पहुंचे अथवा इसकी प्रतिष्ठा कम हो।' सत्र में देशभर से आए प्राधिकरण के अधिकारी शामिल हुए।
When PM is pure, Minister will have to be clean, and when Minister is spotless, Ministry will be stainless. I'm happy to inaugurate the 2 days workshop on Preventive Vigilance & Integrity organized by Sports Authority of India. @Media_SAI. pic.twitter.com/2AkdEEk5Uz
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 23, 2019
रिजीजू ने कहा कि प्राधिकरण में कार्यरत अधिकारियों की निष्ठा के स्तर के आधार पर उसके केंद्रों की ग्रेडिंग प्रणाली पर भी गौर किया जाना चाहिए। दो दिवसीय संगोष्ठी की पहल का स्वागत करते हुए रिजीजू ने कहा कि सतर्कता जीवन शैली का एक अंग होना चाहिए और इस पर न सिर्फ केवल सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान, बल्कि पूरे वर्ष ध्यान दिया जाना चाहिए।
खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया ने 'खेलों में नैतिकता' विषय पर बोलते हुए कहा कि नैतिकता और ईमानदारी अलग-अलग मुद्दे हैं जो व्यक्ति विशेष पर निर्भर करते हैं। व्यक्तिगत ईमानदारी (व्यक्ति की आस्था) और सार्वजनिक ईमानदारी (मजबूत सार्वजनिक राय) के बीच अंतर के बारे में उन्होंने कहा,'किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत ईमानदारी और सार्वजनिक ईमानदारी के बीच आम सहमति बनानी होगी'। उन्होंने कहा कि जब दोनों के बीच विवाद हो, तो मजबूत सार्वजनिक राय प्रचलन में आनी चाहिए।
भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, केन्द्रीय सकर्तता आयोग के सचिव अनिंदो मजूमदार ने भी कार्य स्थल पर ईमानदारी से जुड़े मुद्दों की चर्चा की। साथ ही वस्तुओं और सेवाओं की निष्पक्ष खरीद सुनिश्चित करने के लिए उपचारात्मक कार्रवाई करने का सुझाव दिया, जो प्राधिकरण के सभी केन्द्रों का एक महत्वपूर्ण पहलू है।