नौजवानों-किसानों के प्रति भाजपा की बेरूखी से चिंतित हैं अखिलेश यादव

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लखनऊ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का झींझक, जो कन्नौज लोकसभा क्षेत्र में आता है, 6 दिसम्बर 2019 को जाने का कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि अखिलेश यादव जहां-जहां से गुजरे वहां-वहां बड़ी संख्या में जन समुदाय उनके स्वागत के लिए प्रतीक्षा करता मिला। इसमें विशेष तौर पर किसान, महिलाएं, नौजवान तथा कारोबारी थे। इन सभी का कहना था कि इस बार अगले विधानसभा चुनाव 2022 में पूरी ईमानदारी से समाजवादी पार्टी के लिए मतदान करेंगे और समाजवादी पार्टी को बहुमत में लाकर अखिलेश के नेतृत्व में सरकार बनवाएंगे।

अखिलेश यादव का बिल्हौर में भारी स्वागत हुआ। यहां अखिलेश ने कुछ स्कूली छात्राओं को साइकिल पर जाते हुए देखकर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्नाव में 11 महीनों में 86 बलात्कार और छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार और उन्हें जिन्दा जला देने की घटना निंदनीय है। पूरे प्रदेश में महिलाएं एवं बच्चियां अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। भाजपा की सरकारें महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानती है। बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं का नारा सिर्फ बहकाने के लिए दिया जाता है। बेटियों के दर्द के प्रति भाजपा नेता असंवेदनशील हैं।

अलियापुर बिल्हौर के बाद ककवन कस्बा में यादव को स्वागतकर्ताओं ने घेर लिया। यहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी से, जो उनके साथ यात्रा में थे, अपने चिंतन को साझा करते हुए यादव ने कहा कि शिक्षा से समाज को वंचित रखना सामाजिक अपराध है। इसलिए समाजवादी सरकार में युवाओं को कम्प्यूटर एवं लैपटाॅप दिए गए थे। कुछ छात्रों ने सोत्साह बताया कि उन्हें भी लैपटाॅप मिले हैं। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया पर एक भी लैपटाॅप नहीं बांटा। छात्र-छात्राओं की स्कूल की फीस बढ़ा दी गई है ताकि वे उच्चशिक्षा से वंचित रहें।

यादव का यह भी कहना था कि शिक्षित वर्ग ने समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में कोताही बरती है अगर यह वर्ग अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाए तो संप्रदायिकता और जातिवाद पर अंकुश लग सकता है। समाज में आर्थिक विषमता तो पहले से रही है भाजपा ने समाज को बांटने को काम भी कर दिया है। इससे देश के सेक्यूलर चरित्र को नुकसान पहुंचना लाजिमी है।

अखिलेश यादव ने नौजवानों के भविष्य की चिंता करते हुए कहा कि नोटबंदी-जीएसटी लागू होने के बाद बड़ी संख्या में कम्पनियों से छुट्टी कर दी गई है। वे सब बेरोजगार हो गए हैं। भाजपा सरकार ने रोजगार की जो योजनाएं घोषित कीं उनमें एक में भी नौजवानों को रोजगार नहीं मिला। इन्वेस्टमेंट समिट के नाम पर जिन उद्योगों के लगने की उम्मीद की गई थी, एक भी उद्योग नहीं लगा। किसी बैंक से किसी उद्योग के लिए लोन नहीं दिया गया। नौजवान गांवों में भटकने को मजबूर है।

अपनी चिंतन प्रक्रिया में अखिलेश यादव ने किसानों के प्रति अपनी संवेदना जताते हुए कहा कि किसानों के साथ अन्याय महापाप है। भाजपा सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। जबसे भाजपा की सरकार आई है कृषि के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। कुछ तो सरकार ने कृषि उत्पाद की दुर्दशा की और रही-सही कसर अन्ना पशुओं-सांडो द्वारा फसलों को चट करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। नील गायों की समस्या भी भयंकर है। किसान करे तो क्या करें? भाजपा सरकार की किसानों के प्रति बेरूखी समस्या को और विकराल बनाती है।

यादव ने कहा कि आज भाजपा ने किसानों को चौकीदार बना दिया है। किसान रात-रात भर फसल बचाने के लिए जागता है। सरकार ने किसानों की धान, गेंहू, गन्ना, मक्का आदि फसलों की बिचैलियों, माफियाओं द्वारा लूट को संरक्षण दिया। गन्ना किसानों को गत वर्ष जितना ही मूल्य दिया गया है। उसकी 450 रू प्रति कुंतल की मांग को अनसुना कर दिया गया। किसानों के हजारों करोड़ रूपए बकाया हैं। उनका कहना था कि कैसी विडम्बना है कि देश में सरसों की फसल अच्छी होने के बावजूद भाजपा सरकार विदेशों से तेल आयात कर रही है। यह अपने किसानों का हक मारना है। सरसों के उत्पादक किसान को तो लागत भी नहीं मिल रही है। किसानों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। इससे उनमें भारी असंतोष है।

गूजेपुर अरौल कानपुर नगर में दीपक गुप्ता की कैंटीन है। अखिलेश यादव का काफिला जब उधर आया तो गुप्ता ने उनका स्वागत किया। चाय पिलाई। श्री गुप्ता ने बताया कि कानपुर-कन्नौज रोड पर 21 दुकानें हैं 8 फूडकोर्ट है। अखिलेश के समय आगरा-लखनऊ एक्सपे्रस-वे के वे-साइड पर जो सुविधाएं मिलीं उनकी उन्होंने बहुत प्रशंसा की है।

असालतगंज से आगे कानपुर देहात के रसूलाबाद में और भिण्डकुंआ में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में अखिलेश को देखने और मिलने की होड़ लगी थी। सरदारपुर जहां नोटबंदी के समय जन्मे खजांची का गांव है, अखिलेश इसके प्रधान राम सिंह यादव के यहां तिलकोत्सव में शुभकामना दी।

अखिलेश यादव के अति संवेदनशील मन की एक झलक तब देखने को मिली जब इस यात्रा में भी उन्हें फतेहपुर दौरे के समय रसूलाबाद की एक घटना बार-बार याद आती रही। एक छोटी बच्ची सड़क किनारे एक टोकरी में आम लिए बैठी थी। अखिलेश रूक कर उससे मिलना चाहते थे लेकिन गाड़ियों के काफिले के तेजी से निकल जाने के फलस्वरूप वे उस जगह रूक नहीं सके, इसके लिए अखिलेश यादव को दुख सताता रहता है।

यहां रसूलाबाद से मकनपुर मार्ग के बीच राजस्थान के जनपद बूंदी के सूरजमल, कमल सिंह तथा बीना लाल गाय और सांड को पकड़ने के कार्य में लगे थे। ये उन्हें राजस्थान ले जाएंगे। इसी मार्ग पर करगंना गांव में भी लोगों ने स्वागत किया। यादव से लोगों ने कहा हमारा उद्धार तो तभी होगा जब अखिलेश यादव की सरकार आएगी।

विषधन गांव की 8वीं कक्षा की छात्रा पूजा अपने छोटे भाई को गोद में लेकर अखिलेश से मिलाने लाई थी। मीनू गुप्ता भी अखिलेश से मिलकर प्रसन्न थी। बेटा गांव के आलू उत्पादक किसान दिनेश कटियार ने बताया कि चिपसोना किस्म का आलू ट्रैक्टर ट्राली में भरकर लखनऊ दुबग्गा मंडी ले जाना पड़ता है। यदि ठठिया मंडी का निर्माण पूरा हो जाता तो किसान की लूट नहीं होती। ठठियामंडी का काम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर समाजवादी सरकार में शुरू हुआ था। भाजपा सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर मकनपुर नगर पंचायत के सैकड़ों लोग खड़े थे। जैसे ही अखिलेश यहां पहुंचे जिंदाबाद के जोरदार नारों से उनका स्वागत किया गया। लोगों का कहना था कि अब 2022 में उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार बनेगी, तभी उनके दुख दर्द दूर होंगे और किसानों, गरीबों का उद्धार होगा।

(लेखकः राजेन्द्र चौधरी पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं)

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