बोले जयंत-किसानों की पहचान, हम एक तो हमारा खून भी एक

बोले जयंत-किसानों की पहचान, हम एक तो हमारा खून भी एक

लखीमपुर खीरी। राष्ट्रीय लोकदल की किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चला रहे किसानों को शुरू से ही बदनाम करने के प्रयासों में लगी हुई है। किसानों को कभी खालिस्तानी तो कभी आतंकवादी तो कभी उपद्रवी कहकर भाजपा वालों ने देश के अन्नदाता को अपमानित किया है।

बृहस्पतिवार को लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर स्थित पब्लिक इंटर कॉलेज के मैदान पर राष्ट्रीय लोकदल द्वारा आहूत की गई किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए जयंत चैधरी ने कहा कि दिल्ली और प्रदेश सरकार जो घोषणा करती है वह किसानों के पास तक नहीं पहुंचती। जंगल के बीच से किसानों ने अपना रास्ता खुद बनाया है। मगर सरकार किसानों से भी बड़ी हो गई है जो हमें बांटने की कोशिश कर रही है। सरकार को समझना चाहिए कि हम एक हैं और हमारा खून भी एक ही है। उन्होंने दिल्ली की सीमा पर गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर पिछले 3 माह से आंदोलन कर रहे बुजुर्ग किसानों को नमन करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी ना करके किसानों की मेहनत का अपमान किया है।


उन्होंने कहा कि चुनाव के समय 14 दिन के भीतर गन्ने का भुगतान करने का वायदा करने वाली प्रदेश सरकार में 12000 करोड रुपए से ज्यादा गन्ना किसानों का शुगर मिलों पर बकाया है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाले आज किसानों के गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी ना करके डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस और बिजली के दामों को दोगुना करने में शिद्दत के साथ जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार कृषक समृद्धि आयोग का गठन करती है लेकिन उसकी एक भी बैठक आयोजित नहीं करती है। जिससे कोई किसान प्रतिनिधि आयोग के सामने किसानों की समस्याओं को ना उठा सके। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून देश के किसानों को बर्बाद कर देंगे।


जब तक नए किसी कानून वापस नहीं होंगे, तब तक किसान आंदोलन चलता रहेगा। रालोद नेता जयंत चौधरी ने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि भले ही कोई अभी तक उन्हें अपनी बात नही समझा पाया हो पर मैं उन्हें जरूर समझ गया हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि पीएम पिछले 70 साल से जिनके कारण जो संस्थाएं बनी है उन सब को खराब करके वे दोबारा से बनाना चाहते हैं। लेकिन बनाने की काबिलियत उनमें नहीं है। नोटबंदी के समय गरीबों को सपना दिखाया गया था कि अमीरों से लेकर गरीबों में पैसा बांटा जाएगा। मैं पूछता हूं क्या देश में लागू की गई नोटबंदी का आज तक किसी को कोई फायदा हुआ है। रालोद नेता जयंत चौधरी ने सेना से रिटायर हुए गुरमुख सिंह का भी जिक्र किया और कहा कि क्या किसानों के लिए लंगर चलाना गुनाह है। सेना का एक ऐसा जवान जिसने देश के लिए 3 लड़ाइयां लड़ी हो वह देश विरोधी कैसे हो सकता है। रालोद जयंत चौधरी ने वर्ष 2010 में पीएम द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री के तौर पर एमएसपी पर दी गई रिपोर्ट का भी जिक्र किया और कहा कि जब उस समय मोदी जी एमएसपी पर कानून बनाने के पक्ष में थे तो आज वह सरकार में रहते हुए विरोध में क्यों खड़े हैं। क्यों वह एमएसपी को कानूनी दायरे में नहीं ला रहे हैं।

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