शब्द जाल में फंस गयीं दीदी

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कोलकाता। ममता बनर्जी बहुत अनुभवी नेता हैं। उन्होंने कांग्रेस से बगावत करके तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) बनायी और वामपंथ के सबसे मजबूत किले को अपने कब्जे में कर लिया। भाजपा ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में जब प्रचंड बहुमत से केन्द्र में सरकार बनायी, तभी से ममता बनर्जी उसकी निगाह में खटक रही हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। साम, दाम, दण्ड और भेद सभी अस्त्र शस्त्र चल रहे हैं। भाजपा ने हिन्दू मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए ममता बनर्जी पर जाल फेंका था। लगातार यही प्रयास हो रहे थे कि ममता बनर्जी को हिन्दू विरोधी और मुस्लिम समर्थक ठहराया जा सके। भाजपा के नेता इस मामले में सीधे नहीं बोलते थे बल्कि जय श्रीराम बोलने पर आपत्ति और दुर्गा पूजा के लिए अदालत का सहारा लेने का उल्लेख जरूर करते थे। ममता बनर्जी उसमें फंस गयी हैं। उन्होंने शब्दों पर से संयम खो दिया और एक चुनावी रैली में मुस्लिम मतदाताओं से अपने वोट को न बंटने देने की अपील की थी। चुनाव आयोग ने माना है कि ममता बनर्जी ने चुनाव आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन किया। इसी के साथ भाजपा को हिन्दू वोटों के ध्रुवीकरण का आसान मौका मिल गया है।

दूसरी तरफ नंदीग्राम में वोटिंग वाले दिन मतदाताओं को धमकाने के ममता बनर्जी के आरोपों को चुनाव आयोग ने निराधार व गलत पाया था और चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसे गलत आरोपों को लेकर खेद प्रकट किया था। अब मुस्लिमों को एकजुट होकर मतदान करने की अपील पर चुनाव आयोग ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि आयोग इस मामले की जांच कर रहा है कि क्या इन आरोपों पर चुनाव आचार संहिता के तहत कार्रवाई हो सकती है कि नहीं।

पश्चिम बंगाल में चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी को नोटिस भेजा है। मामला ममता बनर्जी के उस बयान से जुड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने हुगली में मुस्लिम मतदाताओं से अपने वोट को न बंटने देने की अपील की थी। ममता बनर्जी ने मुस्लिम मतदाताओं से अपील करते हुए कहा था कि वह विभिन्न पार्टियों में अपने वोट को न बंटने दें। चुनाव आयोग ने माना है कि ममता बनर्जी ने चुनाव आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन किया, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया है। चुनाव आयोग की तरफ से 48 घंटे में जवाब देने को कहा गया। भाजपा के लिए इतना ही पर्याप्त था। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने ममता बनर्जी के बयान की शिकायत चुनाव आयोग से की थी और चुनाव आचार संहिता के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। ममता बनर्जी ने 3 अप्रैल को हुगली में मुस्लिम मतदाताओं को लेकर बयान दिया था। ममता बनर्जी नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ममता बनर्जी के बयान पर बंगाल में चुनावी रैली के दौरान चुनावी टिप्पणी की थी। इस टिप्पणी में उन्होंने वही सब कुछ कह दिया जो भाजपा चाहती थी और जिसको लेकर ममता बनर्जी चुनाव आयोग के कठघरे में खड़ी हैं। मोदी ने कहा था कि अगर मैं हिन्दुओं से एकजुट होकर मतदान करने के लिए कहता तो ममता दीदी मुझ पर साम्प्रदायिकता करने का आरोप लगातीं लेकिन वे मुसलमानों को एकजुट होकर मतदान करने की अपील कर रही हैं। इस प्रकार मोदी ने अपनी बात भी कह दी और आरोप भी लगाया।

इसके साथ ही भाजपा का हिन्दू कार्ड और खुलकर खेला जाने लगा। जलपाईगुड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7 अप्रैल को चुनाव सभा को संबोधित किया।योगी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से सवाल पूछा कि उन्हें जय श्रीराम के स्लोगन से क्यों समस्या है। बंगाल के जलपाईगुड़ी में जनसभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा, दीदी बहुत गुस्से में हैं कि अगर आप जय श्रीराम बोलते हैं तो वह आपको जेल भेज देंगी। भाजपा से या मुझसे आपको परेशानी हो सकती है, लेकिन श्रीराम से क्यों? योगी ने कहा जो भी राम को लड़ाई के लिए ललकारता है , उसे बुरे नतीजे देखने पड़ते हैं। इसलिए पश्चिम बंगाल में टीएमसी की दुर्दशा निश्चित है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2 मई को बंगाल को टीएमसी सरकार से मुक्ति मिल जाएगी। टीएमसी के गुंडों से कानून के जरिए निपटा जाएगा। निश्चित रूप से, कांग्रेस, सीपीएम और टीएमसी जैसी पार्टियां अपराधियों को सुरक्षा जरूर देंगी, लेकिन उन्हें सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।

इस प्रकार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और टीएमसी के बीच ही पश्चिम बंगाल के चुनाव में टक्कर हो रही है। बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व पिछले कुछ महीनों में रैलियों और रोड शो का आयोजन कर रहा है, जिसका उद्देश्य टीएमसी सरकार को गिराना है। इससे पहले भी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने की अपील करते हुए कहा था कि भाजपा के सत्ता में आने पर सभी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल में भाजपा की सरकार बनी तो दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा को रोकने का प्रयास करने वालों को जेल में डाला जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि आपने कांग्रेस को 50 साल दिए, कम्युनिस्टों को 30 साल दिए और तृणमूल कांग्रेस को 10 साल दिए। मैं आपसे भाजपा को पांच साल देने का अनुरोध करता हूं। हम बंगाल की तस्वीर बदल देंगे। दक्षिण 24 परगना जिले के फाल्टा इलाके में जनसभा को संबोधित करते हुए आदित्यनाथ ने कहा था भाजपा पश्चिम बंगाल की महिलाओं पर ढाये जा रहे जुल्म को रोकेगी। पार्टी सुनिश्चित करेगी कि युवाओं को रोजगार मिले।

इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और भाजपा के अन्य नेता चुनाव के दौरान वही कर रहे हैं, जो ममता बनर्जी ने किया है लेकिन वे शब्द जाल में नहीं फंसे, जबकि दीदी को चुनाव आयोग ने नोटिस थमा दी है। (हिफी)

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