सोशल एक्टिविस्ट एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने स्कूटी से पहुंची प्रियंका गांधी
लखनऊ । कांग्रेस के स्थापना दिवस पर लखनऊ में सीएए एवं एनआरसी का विरोध करने पर गिरफ्तार दलित चिंतक एवं सोशल एक्टिविस्ट पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी के परिवार से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लखनऊ पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी का इल्ज़ाम लगाया और कहा कि उनके गले को दबाया गया और गिरा दिया गया।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के आरोप मामले पर महिला पुलिस अधिकारी डॉ अर्चना सिंह का बयान-
मैं सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रही थी, प्रियंका गांधी पहले से निर्धारित रूट को बदलकर, पैदल जाने लगीं और पूछने के बाद भी जानकारी नहीं दी कि आखिर वो कहाँ जा रही हैं ? कॉलर पकड़ना और गिराना जैसी बातें पूर्णतः असत्य हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मीडिया से कहा
'मैं गाड़ी में शांतिपूर्वक जा रही थी, तब कानून-व्यवस्था कैसे बिगड़ने वाली थी? मैंने किसी को बताया तक नहीं था ताकि मेरे साथ तीन से ज्यादा लोग नहीं आयें. मुझे रोका गया तभी मैं पैदल चली. इनके पास मुझे रोकने का हक नहीं है. अगर गिरफ्तार करना चाहते हैं तो करें.'' इस सवाल पर कि क्या सरकार को लगता है कि उनकी वजह से उसकी राजनीति को खतरा है, प्रियंका ने कहा ''सबकी राजनीति को खतरा है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर भी यही बात लिखते हुए कहा
''मगर मेरा निश्चय अटल है. मैं उत्तर प्रदेश में पुलिस दमन का शिकार हुए हरेक नागरिक के साथ खड़ी हूं. मेरा सत्याग्रह है. भाजपा सरकार कायरों वाली हरकत कर रही है. मैं उत्तर प्रदेश की प्रभारी हूं और मैं प्रदेश में कहां जाऊंगी ये भाजपा सरकार नहीं तय करेगी.''
कांग्रेस पार्टी ने इस मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उठाया
कांग्रेस पार्टी की ओर से इस बाबत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की गई है और कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी साथ बदसलूकी की, जब वह लखनऊ में दलित चिंतक एवं सोशल एक्टिविस्ट पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी से मिलने जा रही थीं।