विनय शाक्य की विरासत को लेकर भाई और बेटी आमने सामने

विनय शाक्य की विरासत को लेकर भाई और बेटी आमने सामने

इटावा। उत्तर प्रदेश में औरया जिले की बिधूना विधानसभा के विधायक विनय शाक्य की विरासत को संभालने को लेकर बेटी और भाई आमने सामने आ गए है।

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के पद छोड़ने के बाद शाक्य ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से इस्तीफा दे दिया था। विधायक की बेटी रिया ने पिता के अपहरण का आरोप अपने चाचा देवेश ओर दादी द्रोपदी पर लगाया था। औरैया के एसपी अभिषेक वर्मा ने डिप्टी एसपी स्तर के अधिकारियों से मामले की जांच कराई और आरोप को बेबुनियाद पाया और कहा कि विनय शाक्य अपनी मर्ज़ी से माँ और भाई के साथ रह रहे है।

साढ़े तीन साल से भी ज्यादा समय से पक्षाघात (पैरालिसिस) बीमारी से जूझ रहे विनय शाक्य की राजनीतिक विरासत को लेकर खींचतान बीमारी के शुरूआती दिनो में ही शुरू हो गई थी जब उनके प्रतिनिधि के तौर पर देवेश ने विधानसभा क्षेत्र में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी थी। राजनीतिक से लेकर सरकारी कार्यक्रमों में देवेश विधायक प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होते रहे जिसका विरोध बेटी रिया अक्सर करती रही मगर रिया की राजनीति में सक्रिय होने की इच्छा उस समय खुलकर सामने आ गई, जब उन्होंने बिधूना विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के लिए दावेदारी प्रस्तुत की। विनय के भाई देवेश भी अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर चुके थे। वह तेजी के साथ क्षेत्र में जनसंपर्क में भी लगे थे।

बोलने में तकलीफ महसूस करने वाले विनय ने यूनीवार्ता से बातचीत में इशारा किया कि वह भाई देवेश को चुनावी रण में उतारने के इच्छुक हैं। विनय से पूछा गया कि वह किसको चुनाव मैदान में उतारना चाहते हैं तो उन्होंने साथ मौजूद देवेश के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें चुनाव मैदान में उतारने की हामी भरी। मां द्रोपदी ने भी देवेश के पक्ष में अपनी बात रखी। वहीं देवेश का कहना है कि विनय तीन साल आठ माह पहले बीमार हुए थे। तब से उन्हीं के दिशा निर्देशन में काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे।


वार्ता

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