लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष और यातनाओं को नहीं भूलेगा देश-पीएम मोदी

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नई दिल्ली भाजपा आपातकाल को लेकर हमेशा से ही कांग्रेस को घेरती रही है। इसी कड़ी में, गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन लोगों को नमन किया, आपातकाल के दौरान जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष किया था।

आपको बता दें कि 25 जून 1975 में लगे आपातकाल को आज 45 वर्ष हुए है। जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था। उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा।'

वहीं, कांग्रेस पर इससे पहले निशाना साधते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'इसी दिन 45 साल पहले सत्ता के लिए एक परिवार के लालच ने देश में आपातकाल लागू करवा दिया। रातों रात राष्ट्र को जेल में बदल दिया गया। प्रेस, अदालतें, भाषण... सब खत्म हो गए। गरीबों और दलितों पर अत्याचार किए गए। लाखों लोगों के प्रयासों के कारण, आपातकाल हटा लिया गया था। भारत में लोकतंत्र बहाल हो गया था लेकिन यह कांग्रेस में अनुपस्थित रहा। एक परिवार के हित पार्टी के हितों और राष्ट्रीय हितों पर हावी थे। यह खेदजनक स्थिति आज की कांग्रेस में भी पनपती है।'

भाजपा ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, 'कांग्रेस की काली करतूत और भारतीय लोकतंत्र के सबसे दुःखद अध्याय 25 जून 1975 आपातकाल के विरोध में उठे हर स्वर का हृदय से वंदन।' भाजपा की तरफ से गुरुवार को एक वीडियो शेयर किया गया है। जिसका शीर्षक है- 25 जून 1975, आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय।

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी देश पर थोपे गए आपातकाल के 45 साल पूरे होने पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और इसे उसकी 'अधिनायकवादी' मानसिकता का परिचायक करार दिया। जेपी नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, "भारत उन सभी महानुभावों को नमन करता है, जिन्होंने भीषण यातनाएं सहने के बाद भी आपातकाल का जमकर विरोध किया था। ये हमारे सत्याग्रहियों का तप ही था जिससे भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों ने एक अधिनायकवादी मानसिकता पर सफलतापूर्वक जीत प्राप्त की।" देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच 21 महीने की अवधि तक आपातकाल लागू रहा। उस समय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं।

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