मिनिस्टर बनने के बाद संजीव का स्वागत, बोले-'मुजफ्फरनगर का विकास ही मेरी प्राथमिकता''

मिनिस्टर बनने के बाद संजीव का स्वागत, बोले-मुजफ्फरनगर का विकास ही मेरी प्राथमिकता
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मुजफ्फरनगर। मोदी सरकार-2 में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली बार जनपद पधारने पर डा.संजीव बालियान का जोरदार ढ़ंग से स्वागत किया गया। इस दौरान अपने नेता की एक झलक देखने व उसका माल्यापर्ण कर स्वागत करने के लिए पार्टी पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं सहित भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा लगा रहा।

बता दें कि डा.संजीव बालियान मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से लगातार दो बार चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचने वाले तीसरे सांसद बन गये हैं। कांग्रेस के सुमत प्रसाद जैन और भाजपा के ही सोहनबीर सिंह यहां से दो बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद जा चुके हैं। यह सफलता उन्हें यूं ही नहीं मिली है। पहली बार सांसद बनने की बात को अगर भुला भी दें तो दूसरी बार उनकी जीत आसान नहीं थी। 2019 में हुए 17वीं लोकसभा के चुनाव में उनका सामना पूर्व प्रधानमंत्री और जाटों के एकमात्र नेता माने जाने वाले चौधरी चरण सिंह के पुत्र चौधरी अजीत सिंह से था। चुनाव में चौधरी अजीत सिंह को पछाड़कर डा.संजीव बालियान जाटों के नेता माने जाने लगे हैं और ये डा.संजीव बालियान की सक्रियता के कारण हुआ है।

अपनी विशिष्ट कार्यशैली चलते क्षेत्र की जनता के जहन में यह संदेश पूरी तरह से काबिज हो गया था, कि संजीव बालियान से पहले शायद ही कोई ऐसा नेता हुआ हो, जो क्षेत्र में बिना किसी भेदभाव के लोगों के सुख-दुख में शामिल होते रहे हैं। इसके साथ ही जनपद में चिरप्रतीक्षित रेलवे लाईन के दोहरीकरण में बतौर एमपी डा.संजीव कुमार बालियान की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। माना जा रहा है कि उन्हीं के अथक और विशेष प्रयासों के चलते ही जनपदवासियों को रेलवे लाईन के दोहरीकरण का तोहफा मिला है। इसके साथ डा.संजीव बालियान के खाते में अनेको विकास योजनाएं जुड़ी हुई हैं। डा.संजीव बालियान के बारे में राजनीतिक जानकारों का मानना है बतौर सांसद डा.संजीव बालियान का नाम विकास कार्यों में सर्वाधिक निधि खर्च कराने वालों की सूची में दर्ज है।

बेहतर जनसम्पर्क, विकास कार्यो में विकास निधि को सर्वाधिक खर्च करने के बल पर ही जाटों के एकछत्र नेता माने जाने वाले अजित सिंह को मात देने वाले संजीव बालियान को मोदी मंत्रिमंडल में फिर से जगह मिली है। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को शिकस्त देने का ईनाम मुजफ्फरनगर से दोबारा सांसद बने डॉ. संजीव बालियान को मिला है। स्वयं डा.संजीव बालियान की माने तो इस बार का चुनाव बेहद कठिन था। सारी विपक्षी पार्टियों एक ओर थीं तथा वह अकेले एक ओर थे। बड़े नेता सामने थे। सब एकजुट थे। उनकी जीत जनपद की जनता का एक बड़ा आशीर्वाद है।

मंत्री पद की शपथ लेने के बाद डा.संजीव बालियान ने कहा कि वह जनता का ऋण कभी नहीं चुका सकते। जीत के बाद सर्वप्रथम उनका जो कार्य होगा, वह है जनसंख्या नियंत्रण कानून पर कार्य करना। उनका कहना है यदि देश को बचाना है, तो जनसंख्या नियंत्रण पर कानून आवश्यक है। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनवाना उनकी प्राथमिकता है। उनका कहना था कि मुजफ्फरनगर में मेडिकल कालेज बनवाना भी उनका सपना है। उनका कहना है कि जो लोग बाहर से आकर धर्म के नाम पर डराते हैं, वह सही नहीं है। उन्होने कहा कि मंत्री रहते वह उतने कार्य नहीं करा सके थे, जितने कार्य वे दो साल में सांसद रहते करा पाये। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर का विकास ही मेरी प्राथमिकता है। कई वर्षों से विकास से पिछड़ रहे मुजफ्फरनगर को पिछले 5 वर्षों में जो गति मिली है मै मेरे मुजफ्फरनगर वासियों को यकीन दिलाता हूँ भविष्य में भी मुजफ्फरनगर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।

डा.संजीव बालियान की माने तो उनके नये पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य पालन मंत्रालय में काम शुरू हो गया है। मंत्रालय में भौतिक स्थिति पर बहुत ही डिटेल्स में चर्चा हुई है। इसके साथ ही भविष्य की योजनाओं और धरातल पर चल रहे कार्यों की समीक्षा हुई है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में गठबंधन प्रत्याशी चैधरी अजित सिंह को डॉ. संजीव बालियान ने शिकस्त दी थी। मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से डॉ. संजीव बालियान लगातार दूसरी बार जीतने वाले तीसरे सांसद बन गए हैं। उन्होंने दिग्गज जाट नेता तथा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह को हराया था। सपा व बसपा के साथ गठबंधन के कारण मुजफ्फरनगर से राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी चौधरी अजित सिंह को अपनी जीत तय लग रही थी। इसके बाद भी संजीव बालियान ने 6526 वोट से जीत दर्ज कर ली। इससे पहले कांग्रेस के सुमत प्रसाद जैन और भाजपा के ही सोहनबीर सिंह यहां से लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीते थे।

डा.संजीव बालियान का जन्म 23 जून 1972 को मुजफ्फरनगर जिले के कुटबी गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम सुरेंद्र पाल सिंह व माता का नाम रविन्द्री देवी है। इनकी पत्नी का नाम सुनीता बालियान तथा भाई का नाम विवेक बालियान है। डॉ. संजीव बालियान ने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। उन्होंने सहायक प्रोफेसर और हरियाणा सरकार में एक पशु चिकित्सा सर्जन के रूप में सेवाएं दी हैं।

हरियाणा के पानीपत से खटीमा के बीच 131 किमी. सड़क को 4 लेन बनाने के लिए एनएचएआई की कवायद के पीछे डा.संजीव बालियान के प्रयास से ही भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नें अपने पूर्व कार्यकाल में इसका शिलान्यास किया था। इसके लिए डा.संजीव बालियान ने मंत्री पद से हटने के बाद बतौर सांसद नई दिल्ली में भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी और उन्हें इस बात के लिए सहमत किया था कि पानीपत से खटीमा के बीच सड़क को 4 लेन बनाने की बेहद जरूरत है। उन्होंने नितिन गडकरी को बताया था कि इससे पानीपत, कैराना, शामली, मुजफ्फरनगर से खटीमा का सफर आसान हो जाएगा और श्री गडकरी ने इसके लिए सहमति भी जताने के बाद एनएचएआई के स्तर से इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई थी।

डा.संजीव बालियान के प्रयासों से ही तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जिले में पांच हजार करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। उन्होंने पानीपत-खटीमा फोरलाइन राजमार्ग बनाने और मेरठ-करनाल राजमार्ग के चौड़ीकरण का शिलान्यास करने के साथ ही काली और हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इन्हें नमामि गंगे योजना में शामिल किया गया और 300 करोड़ के एसटीपी प्लांट का शिलान्यास हुआ था। शिलान्यास के बाद यूपी और उत्तराखंड को जोड़ने वाले पानीपत-खटीमा राजमार्ग निर्माण को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। 129 किमी लंबे राजमार्ग के निर्माण से यूपी के जनपद मुजफ्फरनगर, शामली और बिजनौर के लोगों को सीधा फायदा होगा। साथ ही हरियाणा के जनपद पानीपत के लोगों को भी बड़ा लाभ पहुंचेगा। इस मार्ग पर 42 ओवरब्रिज व 44 अंडरपास बनेंगे। दोनों प्रदेशों के बीच आयात-निर्यात बढ़ेगा। सर्वाधिक फायदा यूपी के किसानों को होगा। धान व गुड़ आदि खाद्य वस्तुओं का कारोबार बढ़ेगा। शामली व मुजफ्फरनगर की रेलवे लाईन के ऊपर से रेलवे ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। जनपद में काली नदी समेत शामली यमुना नदी पर पांच बड़े ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। इनके अलावा 35 छोटे ओवरब्रिज बनेंगे। 5.5 मीटर ऊंचे 36 अंडरपास बनाए जाएंगे, जिनमें तीन बिजनौर, 11 पानीपत से शामली व 22 मुजफ्फरनगर में बनेंगे। इसी क्रम में 4.4 मीटर ऊंचे आठ अंडरपास भी बनाए जाएंगे, जिनमें तीन शामली, एक बिजनौर व चार मुजफ्फरनगर में बनेंगे। वहीं, मेरठ-करनाल मार्ग के चैड़ीकरण व सौंदर्यीकरण के लिए 545 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

डॉ. संजीव बालियान ने एनसीआर में एनजीटी द्वारा दस साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों व ट्रैक्टरों पर लगाई गई रोक का मुद्दा लोकसभा में उठाया था। उन्होंने इस आदेश से किसानों के ट्रैक्टर और डीजल इंजन को बाहर करने की मांग की। सांसद ने एनजीटी की इस रोक से अधिकांश किसानों के प्रभावित होने की बात कहते हुए इसे छोटे किसानों के लिए बड़ा आर्थिक बोझ बताया था।

बता दें कि दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी ने दस साल पुराने ट्रैक्टर व डीजल इंजनों के संचालन पर रोक लगा दी थी। जाट आरक्षण के दौरान कृषि राज्यमंत्री पद पर रहते हुए संजीव बालयान ने कहा था कि सरकार को कोर्ट में रिव्यू पीटिशन दायर करना चाहिए। यह बात कहकर उन्होने अपने जाट समाज को स्पष्ट संदेश दिया था कि वे जाटर आरक्षण मुद्दे पर अपने जाट समाज के साथ हैं।

डा.संजीव बालियान के राजनीतिक सफर की बात करें तो डॉ. संजीव बालियान भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं। संजीव बालियान 2014 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रत्याशी कादिर राणा को हराकर पहली बार संसद पहुंचे थे। संजीव बालियान को 6 लाख से ज्यादा वोट मिले थे। वर्ष 2014 से 2017 तक मोदी सरकार-1 में उन्होंने कई मंत्रालयों को संभाला था। वर्ष 2014 में उन्हें मोदी सरकार-1 में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था। जुलाई 2016 में उन्हें राज्यमंत्री जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प की जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन सिंतबर 2017 में उनको मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया था। अब फिर से उनपर भरोसा दिखाते हुए मोदी सरकार-2 में पशुपालन, डेयरी एवं मतस्य पालन मंत्रालय में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। उन्होंने अपने फेसबुक एकाऊंट के जरिए संदेश साझा किया है कि ''मुजफ्फरनगर का विकास ही मेरी प्राथमिकता है । कई वर्षों से विकास से पिछड़ रहे मुजफ्फरनगर को पिछले 5 वर्षों में जो गति मिली है मै मेरे मुजफ्फरनगर वासियों को यकीन दिलाता हूँ, भविष्य में भी मुजफ्फरनगर विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।''

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