सरकार का राजस्व बढ़ाने में माहिर हैं प्रणव चौधरी

सरकार का राजस्व बढ़ाने में माहिर हैं प्रणव चौधरी

मुजफ्फरनगर। प्रणव चौधरी की पहली पोस्टिग जनपद शामली में एसडीओ के पद पर हुई थी और वह सवा साल तक जनपद शामली में रहे। उन्होंने मुहिम चलाकर बिजली चोरों पर शिकंजा कसा था, इसके बाद लोग बिजली चोरी करने से कतराने लगे थे। मुजफ्फरनगर में हुई पोस्टिग के बाद उन्होंने यहां आकर लगभग तीन साल में 1800 बिजली चोरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

प्रणव चौधरी के जीवन परिचय की बात करें तो वह हरियाणा प्रदेश के जनपद करनाल के मूल निवासी हैं। उनके पिता का नाम महिपाल चौधरी है और वह अम्बाला में चीफ इंजीनियर है। प्रणव चौधरी का आर्म्ड फोर्स में जाना का लक्ष्य था। बिजली विभाग में चयन से पूर्व प्रणव चौधरी भारतीय विद्यापीठ में जॉब करते थे और इसी दौरान वीकली कोचिंग भी करते थे। वह निरंतर मेहनत करते रहे और उनका सलेक्शन एसडीओ के पद पर सलेक्शन हो गया। जनपद शामली में प्रणव चौधरी की पहली पोस्टिंग हुई, उन्हें शामली में एसडीओ के पद मिला। शामली में एसडीओ के पद की कमान संभालते ही बिजली चोरी करने वाले के विरूद्ध प्रणव चौधरी ने मुहिम छेड़ दी थी। इस मुहिम की शुरूआत करते ही वह हर क्षेत्र में घूमे लेकिन जो आउटर क्षेत्र था, उनमें लोग बिजली की चोरी करते थे।

जब भी एसडीओ अपने अमले के साथ चेकिंग करने जाते थे तो किसी न किसी कारणवश बिजली चोरों को इसका पता चल जाता था। प्रणव चौधरी को शक था कि यहां चोरी होती है। उन्होंने अपनी टीम को लेकर अचानक जाना शुरू कर दिया। उन्होंने लगातार वहां छापेमारी की। अंत में इसका परिणाम यह आया कि बिजली चोरांे के मन में छापेमारी का डर बैठ गया कि अगर चोरी करोगे तो पकडे़ जाओगे। ग्राहकों ने बिजली चोरी करनी बंद कर दी। इसके अतिरिक्त प्रणव चौधरी के सामने एक और समस्या थी कि बिजली बिल वसूलना। उन्होंने लिस्ट बनाकर ग्राहकों पर नोटिस भेजना प्रारंभ कर दिया और उनके कनेक्शन काटने शुरू कर दिये। इसके अलावा भी कई फॉर्मूले उन्होंने बिजली बिल वसूलने के लिये अपनाये। यहां भी उन्होंने जीवटता से काम करते हुए सामने आ रही चुनौतियों को समाप्त करने का काम किया। जनपद शामली में जब वह एसडीओ के पद पर कार्यरत हुए उस दौरान सवा तीन करोड़ के आसपास ग्राहकों से बिल वसूला जाता था। लेकिन सवा साल की मेहनत का ही परिणाम था जो साढ़े चार करोड़ आने लगा था।

शामली से शासन ने उनकी तैनाती जनपद मुजफ्फरनगर में कर दी थी। अब वह मुजफ्फरनगर में भी एसडीओ के रूप में कार्य कर रहे है। यहां उनके सामने अलग चुनौती थी, यहां बिजली ज्यादा चोरी होती है, इसके विरूद्ध भी उन्होंने अभियान चलाया, उनका यह अभियान अभी भी चल रहा है। इस अभियान के तहत उन्होंने लगभग 1800 से अधिक लोगों पर बिजली की चोरी कर रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का काम किया। उनका कहना है कि नगरीय क्षेत्र से वह हर महीने 19 से 22 करोड़ रूपये का बिल हर माह वसूल लेते हैं क्योंकि इस क्षेत्र में फैक्ट्रियां भी है। अगर घरेलू बिजली की बात की जाये तो जब वह मुजफ्फरनगर के एसडीआ के पद तैनात हुए तो उस समय तक कुल सवा करोड़ रूपये के लगभग वसूला जाता था लेकिन अब उन्हें इस पद पर तीन साल पूरे होने वाले हैं। यह उनकी अथक मेहनत का ही परिणाम है कि अब यहां घरेलू बिल के रूप में सवा दो करोड़ के लगभग वसूले जाते हैं।

एसडीओ प्रणव चौधरी का कहना है कि जो भी उनके पास अपनी समस्या लेकर आता है, उसकी समस्या का जल्द से जल्द समाधान करने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि नये कनेक्शन के लिये जब भी कोई साइबर कैफे पर जाता था तो वह ग्राहकों को लूटने का काम करते थे। लेकिन हमने जनता की समस्या को देखते हुए ऑफिस में ही अप्लाई कराना प्रारंभ कर दिया और 7 दिन के अंदर ही घरेलू मीटर लगवा दिया जाता है। जब कोई व्यक्ति नया कनेक्शन लेने के लिये आता है तो उसका यहीं से ही फॉर्म फिल्अप करा दिया जाता है। उनका कहना है कि जब कोई व्यक्ति समस्या लेकर आता है और हम उसका समाधान करते हैं तो बहुत खुशी मिलती है।

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