पद चेयरमैन- मगर मिठाई भी बेचते है प्रमेश सैनी

पद चेयरमैन- मगर मिठाई भी बेचते है प्रमेश सैनी

शाहपुर। आज की सियासत लग्जरी लाइफ का पर्याय बन चुकी है। सियासत में यदि हम सफल हुए तो हमारी स्टाइल ही दूसरा हो जाता है। लोगों के बीच रहने वाले लोगों से दूर होने लगते हैं। घरों पर बड़ी गाड़ियों की कतार, दरवाजे पर सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी और तमाम लाव लश्कर सियासी सफलता की पहचान बन चुके हैं, हालांकि आज के राजनीतिक परिदृश्य में कुछ एक ऐसे भी अपवाद हैं, जिनका राजनीतिक जीवन सफलता के बावजूद भी सादगी, सेवा और समाज के प्रति समर्पण का पर्याय बना हुआ है। कुछ ऐसी ही जीवन शैली रखते हैं मुजफ्फरनगर जनपद की नगर पंचायत शाहपुर के मौजूदा चेयरमैन प्रमेश सैनी। चेयरमैन की कुर्सी पर तीन साल का कार्यकाल पूर्ण कर रहे प्रमेश सैनी भाजपा के टिकट पर शाहपुर निकाय चुनाव में भगवा फहराने में सफल रहे। चेयरमैन के रूप में तीन साल का सफर तय करने वाले प्रमेश सैनी की जीवन शैली में जनता को कोई बदलाव नजर नहीं आया है। आज भी उनकी दिनचर्या वही, अपनी हलवाई की दुकान से शुरू होती है। वह जनता के बीच रहकर ही जन समस्याओं का निस्तारण करने में व्यस्त रहते हैं। बिना ताम-झाम के चेयरमैन प्रमेश सैनी को पैदल ही कस्बे के बाजारों, गली कूंचों में घूमते हुए देखा जा सकता है।



साल 2017 में यूपी में निकाय चुनाव का ऐलान हुआ तो भाजपा ने नगर पंचायत शाहपुर से अपने सादे व्यवहार और भाजपा के प्रति समर्पण के लिए पहचाने जाने वाले प्रमेश सैनी को चेयरमैन पद के लिए प्रत्याशी बनाया। प्रमेश सैनी ने यह चुनाव मजबूती के साथ लड़ा। उन्होंने शाहपुर कस्बे के विकास के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों को लेकर प्रचार किया और विजयी रहे। इस सीट पर प्रमेश सैनी ने सपा को तीसरे नम्बर पर धकेल दिया। शाहपुर में प्रमेश सैनी ने निर्दलीय प्रत्याशी इलियास को शिकस्त देकर भगवा ध्वज फहराया। प्रमेश सैनी ने 4,397 वोट हालिस किये। इस जीत के लिए सांसद व मंत्री डा. संजीव बालियान और क्षेत्रीय विधायक उमेश मलिक ने भी प्रमेश सैनी के लिए दिन रात प्रचार किया। प्रमेश सैनी जीते तो उन पर शाहपुर के विकास के लिए किये गये वादों को पूरा करने की बड़ी जिम्मेदारी भी आ गई थी। जिसे वह बखूबी पूरा कर रहे हैं।

चेयरमैन बनने के बाद शाहपुर का नजारा विकास के पैमाने पर तो बदलता दिखाई दिया, लेकिन यदि कुछ बदला नहीं था तो प्रमेश सैनी का जीवन, वह चेयरमैन होने के बाद भी पॉलिटिकल लग्जरी लाइफ से दूर ही बने रहे। उनकी दिनचर्या में कस्बे का प्रथम नागरिक होने के कारण जनसेवा के प्रति जवाबदेही तो शामिल हुई, लेकिन इस जीत की चकाचैंध को उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के अलावा अपने जीवन में नहीं उतरने दिया। जीत के बाद शाहपुर कस्बे में जाहरवीर गोगाजी की महाडी पर आयोजित एक यादगार समारोह में नव निर्वाचित नगर पंचायत अध्यक्ष प्रमेश सैनी ने पद और गोपनीयता की शपथ ली थी। उस दिन जनता के मान-सम्मान के लिए सभी को साथ लेकर कस्बे में प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य कराने का उन्होंने वादा किया, वह आज भी उस पर कायम हैं और शाहपुर में विकास के सहारे नये आयाम स्थापित हो रहे हैं। इस एक जीत के बाद प्रमेश सैनी का रूतबा और पद बदला, लेकिन उनका पेशा वही रहा।


प्रमेश सैनी चेयरमैन बनने से पहले भाजपा कार्यकर्ता के रूप में राजनीतिक रूप से तो सक्रिय थे, लेकिन अपने परिवार की आजीविका चलाने क लिए वह कस्बे में हलवाई की दुकान चलाते थे, चेयरमैन बने तो भी उनकी यह दुकान आज भी चल रही है। इस पर वह स्वयं प्रतिदिन 4 से 5 घंटे बैठते हैं। कारोबार करते हैं और यहीं पर चेयरमैन होने का दायित्व निभाते हुए लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निस्तारण कराने में जुटे रहते हैं। उनका जीवन पूरी तरह से खुली किताब है। सुबह उठकर योग करने के साथ ही उनकी दिनचर्या शुरू होती है। उनको कस्बे में गली मौहल्ले में पैदल ही घूमते हुए देखा जा सकता है। सत्ता पक्ष के चेयरमैन होने का कोई भी दिखावा उनके सादे जीवन पर नजर नहीं आता। प्रमेश सैनी कहते हैं, ''आज उनकी राजनीतिक पहचान भले ही कस्बे के चेयरमैन के रूप में हो, लेकिन इस पद पर रहते हुए भी वह अपने परम्परागत कारोबार से जुड़े रहते हैं। वह कस्बे के विकास के लिए मंत्री संजीव बालियान और विधायक उमेश मलिक द्वारा दिये जा रहे सहयोग को लेकर भी आभार व्यक्त करते हैं। शाहपुर में कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर वह काम कर रहे हैं। उन्होंने शाहपुर के विकास के लिए जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिए मेरा शाहपुर-मेरा परिवार अभियान भी चलाया, जिसके सहारे लोगों को कस्बे में स्वच्छता के लिए प्रेरित किया गया।

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