फ्लैशबैक- अखिलेश से मुकेश की हुई थी विस्तृत बैठक- बढ़ा था गन्ना मूल्य

फ्लैशबैक- अखिलेश से मुकेश की हुई थी विस्तृत बैठक- बढ़ा था गन्ना मूल्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में दर्जा प्राप्त मंत्री रहे एवं वरिष्ठ सपा नेता मुकेश चौधरी कहते हैं कि किसानों की फसलों योगी सरकार ने पांच पैसे नहीं बढ़ाये हैं और अन्य सामानों के रेट ऊंचाई छू रहे हैं। किसान समय पर अपनी फसल की रकम न मिलने पर न तो बच्चें को पढ़ा सकता है और न ही बच्चों की शादी समय से कर सकता है। अगर किसानों पर बिजली का बकाया रह जाता है तो सरकार उनसे ब्याज वसूलती है। उन्होंने बताया कि एक बार तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनकी गन्ना पर मूल्य बढ़ाने को लेकर विस्तृत बैठक हुई थी। इस बैठक में अखिलेश यादव ने उन्हें गन्ना मूल्य बढ़ाने का आश्वासन दिया था और उनके इस प्रयास से गन्ने का मूल्य बढ़ गया था।

पूर्व मंत्री मुकेश चौधरी का कहना है कि राजनीति में आने के बाद से ही वह किसानों की समस्याओं को लेकर मैदान में ही है। उन्होंने खोजी न्यूज को बातचीत में बताया कि जब भी उन्होंने किसी की समस्या का बीड़ा उठाया है तो 99 प्रतिशत लोगों की समस्या का निराकरण हुआ है। जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। वर्ष 2012-17 की सरकार के बीच किसान निरंतर गन्ना मूल्य बढ़ने की मांग कर रहे थे। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव रेट बढ़ाने को कहते थे तो मिल मालिकों की आवाज आती थी कि अगर गन्ने का मूल्य बढ़ गया तो हम मिल बंद कर देंगे।

उस दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुकेश चौधरी की काफी लम्बी बैठक हुई, इस बैठक में उनका मुख्य मुद्दा किसानों के गन्ना मूल्य बढ़ाने को लेकर था। इस विस्तृत बैठक में अखिलेश यादव ने उन्हें गन्ना मूल्य बढ़ाने का आश्वासन दिया। कुछ लोग आश्वासन दे देते हैं और उस काम को पूरा नहीं करते। लेकिन अखिलेश यादव ने अपनी जुबान से किये गये वादे को पूरा भी किया। अखिलेश यादव के सामने एक समस्या उत्पन्न हो गई थी कि अगर रेट बढ़ाया तो मिल मालिक मिल बंद कर देंगे और नहीं बढ़ाया तो किसानों की फसल का उन्हें सही मूल्य नहीं मिल पायेगा। ऐसे में अखिलेश यादव ने साढ़े 26 रूपये गन्ने का मूल्य बढ़ाया। अखिलेश यादव को गन्ना मूल्य के रेट इसके बाद भी कम लग रहे थे। इसके पश्चात फिर साढ़े 13 रूपये बढ़ाये थे। कुल मिलाकर उनकी सरकार में 40 रूपये गन्ना का मूल्य बढ़ाया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा बढ़ाये गये 40 रूपये का पैमेंट सपा सरकार ने अपने खाते से किया था और बाकी का पैमेंट मिल मालिकों ने ही दिया। अखिलेश यादव द्वारा बढ़ाया गया मूल्य सरकार द्वारा किसानों के खातों में भेजा गया, उनके इस फैसले से मिल मालिक भी प्रसन्न हो गये और किसान भी खुश हो गये थे।

वरिष्ठ सपा नेता मुकेश चौधरी का कहना है कि बीजेपी सरकार में महंगाई बढ़ती जा रही है लेकिन किसानों की फसलों के दाम ज्यों के त्यों हैं। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार का कार्यकाल समाप्त होने वाला है, किसान निरंतर आंदोलन कर रहा है। लोग महंगाई से परेशान है लेकिन न तो सरकार किसानों की फसलों को रेट बढ़ा रही है और नहीं बाजार में आवश्यक वस्तु समेत अन्य आवश्यक चीजों के दाम कम करने की तरफ ध्यान दे रही है। मुकेश चौधरी कहते हैं कि खाद, दवाई, बीज, टिलर, ट्रैक्टर, डीजल के रेट ऊंचाई छू रहे हैं लेकिन किसानों की फसलों के रेट या तो घटे हैं या स्थिर के स्थिर ही हैं। उनका कहना है कि योगी सरकार ने गन्ने पर पांच पैसे नहीं बढ़ाये हैं। किसानों ने योगी सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा आत्महत्या की हैं। सरकार ने सिर्फ सत्ता की कुर्सी पर पैर जमाने के लिये ढोंग रचा था। सरकार का यह ढोंग अब पब्लिक समझ चुकी है। फसल का सही रेट और समय पर भुगतान न होने पर किसान इतनी महंगाई में न तो बच्चों को पढ़ा सकता है, न टाईम से शादी कर सकता है।

मुकेश चौधरी कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 14 दिन से पहले किसानों की फसलों को भुगतान हो जाना चाहिए। अगर भुगतान नहीं हो रहा है तो उस पर सेविंग खाते का ब्याज लगाकर पैमेंट देना होगा। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ है। यह सरकार सुप्रीम कोर्ट की भी नहीं सुन रही है क्योंकि आज तक न किसानों को पैमेंट हुआ और न ही उनका ब्याज दे रहे हैं। वह कहते हैं कि अगर किसानों पर दो माह का बिजली का बिल बकाया रह जाता है तो बीजेपी सरकार उनसे उसका ब्याज लेती है।

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