जिला परिषद एवं प्रधान का चुनाव जीतने के लिए घेराबंदी शुरू

जिला परिषद एवं  प्रधान का चुनाव जीतने के लिए घेराबंदी शुरू

जयपुर। राजस्थान में जिला प्रमुख और पंचायत समिति प्रधान का चुनाव जीतने के लिए सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उम्मीदवारों की बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। कांग्रेस और भाजपा जिला प्रमुख और प्रधान का चुनाव जीतने के लिए आपने उम्मीदवारों के साथ-साथ निर्दलीय को अपने समर्थन में वोट दिलवाने के लिए बाड़ाबंदी का प्रचलन इस बार भी किया है।

चुनाव परिणाम वाले दिन हारने वाले उम्मीदवारों को बाड़ेबंदी से बाहर कर दिया जाएगा। यही नहीं उसके बाद क्रॉस वोटिंग के डर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने की रणनीति भाजपा और कांग्रेस दोनों ने बनाई है।सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने अपने मंत्रियों और विधायकों को सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने अपने विधायकों के साथ साथ संगठन के पदाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। चार सितंबर मतगणना के बाद भाजपा ने अपने जीतने वाले प्रत्याशियों को भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश और गुजरात में बाड़ीबंदी करने की रणनीति बना रखी है।

भाजपा को डर सता रहा है कि प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस उनके उम्मीदवारों को अपने कब्जे में करने के लिए सरकार का दुरुपयोग कर अपने कब्जे में भाजपा और समर्थित जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों को क्रॉस वोटिंग करा सकती है।

कांग्रेस ने भी स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों को कई जगह होटलों में भेजा है। आम तौर पर सत्ताधारी पार्टी इन चुनावों में बाजी मारती रही है। दूसरे दलों के जीते हुए उम्मीदवारों को पक्ष में करने में भी सत्ताधारी पार्टी को आसानी रहती है। यही कारण है कि भाजपा अधिक सतर्क और सचेत है। भाजपा ने जयपुर के जिला परिषद उम्मीदवारों को पहले नागौर भेजा, अब पुष्कर ले जाया गया है। कुछ सदस्यों को गुजरात भी ले गए, क्योंकि भाजपा की सरकार होने से वहां का माहौल अधिक सुरक्षित है।

आबूरोड और पिंडवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र के कांग्रेसी उदयपुर में बाड़ाबंदी की गई हैं। सिरोही पंचायत समिति के कांग्रेसी आबूरोड के होटल में ठहरे हैं। आबूरोड, सिरोही और पिंडवाड़ा के भाजपाई गुजरात में अलग-अलग जगह बाड़ाबंदी में रखा गया हैं।

रेवदर पंचायत समिति के भाजपाई द्वारिका में हैं। कांग्रेसी राजसमंद झील में बोटिंग के साथ मौज-मस्ती कर रहे हैं। रेवदर के भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों को 26 अगस्त को पहले चरण के बाद से ही बाड़ेबंदी में रखा है।

कांग्रेस ने जिला-संगठन प्रभारियों को बाड़ेबंदी और चुनाव प्रबंधन का जिम्मा सौंपा है। जिला प्रमुख एवं प्रधान के दावेदार नेता उम्मीदवारों को बाहर शिफ्ट करनेऔर व्यवस्था करने की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। कांग्रेस में बुधवार को मतदान के बाद बाड़ेबंदी की है जो छह सितंबर को जिला प्रमुख और पंचायत समिति प्रधानों के चुनाव तक चलेगी।

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