भाषा लोगों को आपस में जोड़ती है : मुख्यमंत्री

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जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि भाषा लोगों को आपस में जोड़ने का काम करती है। हमारे देश में अनेक भाषाएं और बोलियां हैं, लेकिन फिर भी हमारा देश एक है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। आज चीन और जापान जैसे देश अपनी ही भाषा के माध्यम से आगे बढ़ रहे हैं। हमें भी इस दिशा में प्रयास करने चाहिए कि हिन्दी भाषा में विज्ञान और तकनीकी पुस्तकों के प्रकाशन को बढ़ावा मिले।






अशोक गहलोत शनिवार को बिड़ला सभागार में विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में मुल्क को एक रखने में हिन्दी का बड़ा योगदान रहा है। महात्मा गांधीजी, पं. नेहरू, रविन्द्रनाथ टैगोर, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे हमारे महान नेताओं ने भी हिंदी को अपनाया और प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी हिन्दी को बढ़ावा देने में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी।






प्रदेश के साहित्यकारों को बढ़ावा देने के लिए होगा साहित्य सम्मेलन


गहलोत ने कहा कि साहित्यकार, लेखक, कलाकार एवं पत्रकार समाज को दिशा दिखाते हैं। उनकी रचनाओं से देश, प्रदेश, जिले और गांव को पहचान मिलती है। सरकार का कर्तव्य है कि उनका सम्मान करे और उन्हें प्रोत्साहन दे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बिना किसी मांग के इन वर्गों के सम्मान के लिए साहित्यकार, पत्रकार और कलाकार कल्याण कोष बनाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के साहित्यकारों एवं लेखकों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार एक गरिमामय साहित्य सम्मेलन का आयोजन करेगी।


गहलोत ने हिन्दी ग्रंथ अकादमी की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने पर इससे जुडे़ साहित्यकारों तथा लेखकों को बधाई देते हुए कहा कि अकादमी ने हिन्दी को बढ़ावा देने तथा विद्यार्थियों को गुणवत्तायुक्त पुस्तकें उपलब्ध करवाने की दिशा में सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अकादमी आगे भी इसी भावना के साथ कार्य करेगी और सरकार इसमें पूरा सहयोग करेगी।






हर वो काम करूंगा, जो प्रदेश की जनता चाहती है


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने में कोई कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा कि मैं हर वो काम करूंगा, जो प्रदेश की जनता चाहती है। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में हमने हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय और डॉ. अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय स्थापित किए थे, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने नकारात्मक सोच के चलते उन्हें बंद कर दिया। देश में ऎसा पहली बार हुआ कि अधिनियम बनने के बाद किसी विश्वविद्यालय को बंद किया गया हो।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का प्रदेश में शिक्षा के विकास में विशेष योगदान है। उन्होंने हमेशा शिक्षकों का सम्मान किया है।


हिन्दी भाषा को प्रोत्साहन देने में भी उन्होंने कोई कमी नहीं रखी है।


तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास और जनकल्याण की दिशा में लगातार नई योजनाएं और कार्यक्रम शुरू कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को इन योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी आमजन तक पहुंचाने में सहयोग करना चाहिए।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी ने हिन्दी भाषा में प्रकाशित अच्छी पुस्तकें कम कीमत पर विद्यार्थियों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम किया है। अकादमी ने साहित्यकारों और लेखकों को प्रोत्साहन देने के लिए भी आवश्यक कदम उठाए हैं।



कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अकादमी से जुडे़ तीन साहित्यकारों डॉ. हरिमोहन सक्सेना, डॉ. रीता प्रताप तथा डॉ. ममता चतुर्वेदी को प्रज्ञा पुरस्कार तथा विशेष योगदान के लिए सात लेखकों डॉ. विवेक शंकर, डॉ. राजेन्द्र कुमार सिंघवी, श्री नरेन्द्र यादव, श्री बृज गोपाल शर्मा, डॉ. लाखाराम चौधरी, डॉ. कृष्णकांत पाठक तथा डॉ. रामकुमार तिवाड़ी को सम्मानित किया। इस अवसर पर अकादमी से जुडे़ अन्य लेखकों को भी सम्मानित किया गया।


समारोह में हिंदी ग्रंथ अकादमी की स्मारिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप बोरड़ तथा अकादमी के निदेशक बीएल सैनी सहित अन्य गणमान्यजन तथा बड़ी संख्या साहित्यकार एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।

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